मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस इस बार दिग्गज नेताओं को चुनाव लड़ाने के मूड में है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा करने के लिए एक अहम बैठक की। सीईसी की इस दूसरी बैठक में गुजरात (14), राजस्थान (13), एमपी (16), असम (14) और उत्तराखंड (5) की लगभग 63 सीटों पर चर्चा हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि मध्य प्रदेश में ना तो कमलनाथ और ना ही दिग्विजय लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।दरअसल, कांग्रेस चुनाव अभियान समिति की बैठक में कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के नाम पर भी चर्चा हुई थी, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार किया है, ऐसे में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के इस बार चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है, कमलनाथ फिलहाल छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं, जबकि दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। इसके अलावा जीतू पटवारी के नाम पर भी चर्चा हुई है, पार्टी उन्हें इंदौर से चुनाव लड़ा सकती है, हालांकि जीतू पटवारी के नाम पर आखिरी फैसला कांग्रेस आलाकमान ही करेगा। मध्य प्रदेश में जिन सीटों को लेकर सहमति बनी है उनमें भिंड से फ़ुलसिंह बरैया, सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा, राजगढ़ से प्रियव्रत सिंह (दिग्विजय सिंह ने सुझाया नाम) और खंडवा से अरुण यादव का नाम शामिल है। दमन-दीव से केतन पटेल के नाम पर मुहर लगी है।

चार पूर्व सीएम चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के चार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह और हरीश रावत और एक पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का नाम 2024 के लोकसभा चुनावों की सूची में नहीं है। सूत्रों के मुताबिक ये राजनीतिक दिग्गज खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे। इनकी बजाय अन्य कांग्रेस नेताओं के नामों पर विचार किया।

उत्तराखंड की सभी सीटों को लेकर नाम तय

सबसे पहले राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने खुद के बजाय अपने बेटे के लिए जोर लगाया और सीईसी ने जालोर से उनके नाम को मंजूरी दे दी। गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर सीट पर चर्चा नहीं की गई है। वहीं, कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से मौजूदा सांसद नकुलनाथ फिर से चुनाव लड़ेंगे और उन्हें सीईसी से हरी झंडी मिल गई है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत खराब स्वास्थ्य को देखते हुए हरिद्वार से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे और चाहते थे कि उनके बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दिया जाए। उत्तराखंड की पांच सीटों पर सीईसी की सहमति बन गई है।

पायलट भी नहीं लड़ेंगे चुनाव

एक और बड़े चेहरे छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट ने सीईसी को आश्वासन दिया है कि वह खुद चुनाव लड़ने के बजाय राजस्थान की चार लोकसभा सीटों और छत्तीसगढ़ पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि कुल सीटों की संख्या बढ़ सके। असम की सभी 14 सीटों पर चर्चा हुई लेकिन इस बात का पता नहीं चल पाया कि कांग्रेस अपना गठबंधन बरकरार रख पाएगी या नहीं।  इस पर सस्पेंस बना हुआ है कि कांग्रेस के वर्तमान उपनेता और प्रखर वक्ता गौरव गोगोई किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, उनका पिछला विधानसभा क्षेत्र कलियाबोर परिसीमन की वजह से बदल गया है और वह अपने दिवंगत पिता तरूण गोगोई के गृह क्षेत्र जोरहाट से टिकट चाह रहे हैं।

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39 उम्मीदवारों की लिस्ट कर चुकी है जारी

पार्टी की सीईसी की यह दूसरी बैठक है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी सूची अगले एक-दो दिन के भीतर जारी हो सकती है। कांग्रेस ने गत शुक्रवार को 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल थे। राहुल गांधी एक बार फिर केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ेंगे।(एएमएपी)