VIDEO | Electoral Bonds: Here’s what advocate Prashant Bhushan (@pbhushan1) said on Supreme Court saying “SBI can’t be selective, has to disclose electoral bond numbers”.
“The Supreme Court heard its notice to the State Bank (SBI), asking them why they had not disclosed the… pic.twitter.com/pIM9osKnsa
— Press Trust of India (@PTI_News) March 18, 2024
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड के यूनिक नंबर बताने के लिए सोमवार तक का ही समय दिया था। कोर्ट ने पूछा था कि जब इलेक्टोरल बॉन्ड की सूची दी गई तो आखिर इसमें यूनिक नंबर क्यों नहीं बताए गए? सुनवाई के दौरान सीजेआई ने एसबीआई से कहा कि आखिर अब तक पूरी जानकारी दी क्यों नहीं गई? फैसले में साफ-साफ बता दिया गया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े सारे आंकड़े बताए जाने हैं। इसमें सिलेक्टिव होने की गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने कहा कि हर हाल में एसबीआई को कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा। एसबीआई की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि थोड़ा मौका दिया जाए ताकि आदेश को ठीक से समझाया जा सके।
‘हर जानकारी को हम देंगे, कोई भी छिपाकर नहीं रखेंगे’
एसबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम चुनावी बॉन्ड के नंबर समेत सभी जानकारी देंगे। बैंक अपने पास मौजूद किसी भी जानकारी को छिपाकर नहीं रखेगा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई एक हलफनामा दायर कर यह भी बताएगा कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है। कोर्ट ने कहा कि एसबीआई 21 मार्च शाम पांच बजे तक सारी जानकारी उपलब्ध कराएं। चंद्रचूड़ ने कहा कि हम कानून के शासन और संविधान के अनुसार काम करते हैं। न्यायाधीशों के रूप में हमसे भी चर्चा की जाती है। हम केवल फैसले के अपने निर्देशों को लागू कर रहे हैं।
21 मार्च तक देना होगा हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई पर सख्ती जताते हुए कहा कि एसबीआई 21 मार्च को एक हलफनामा भी दायर करना होगा जिसमें बताना पड़ेगा कि उसने पास में उपलब्ध कोई जानकारी छिपाई नहीं है। इसके अलावा तुरंत चुनावी बॉन्ड के नंबर चुनाव आयोग को दे दिए जाएं जिससे उन्हें वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके। कोर्ट ने कहा, एसबीआई को हर जानकारी शीर्ष न्यायालय को देनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर चीज के लिए हमारे आदेश पर निर्भर रहना ठीक नहीं है।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
बता दें कि फरवरी में ही सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम को रद्द करते हुए एसबीआई को आदेश दिया था कि वह सारा डेटा चुनाव आयोग को सौंपे और इसके बाद इसे सार्वजनिक किया जाए। हालांकि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए समय बढ़ाने की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आखिर 26 दिनों से क्या किया जा रहा है. कोर्ट ने एसबीआई को केवल एक दिन का समय दिया। एसबीआई ने चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारियां दीं तो इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिर फटकार लगाते हुए एसबीआई को यूनिक नंबर बताने के लिए 18 मार्च तक का समय दिया था। (एएमएपी)