लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। बिहार की उजियारपुर सीट पर भाजपा हैट्रिक लगाने की तैयारी में है। दरअसल, राज्य की 40 लोकसभा सीटों में समस्तीपुर और वैशाली जिले के कुछ विधानसभा सीटों को जोड़कर उजियारपुर संसदीय सीट बनायी गई। वर्तमान में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय यहां से सांसद है। भाजपा के दिग्गज नेता नित्यानंद राय इस सीट पर लोकसभा चुनाव में लगातार दो बार जीत हासिल कर चुके हैं। अब देखना होगा कि तीसरी बार भी नित्यानंद यहां पर भगवा लहराने में कामयाब होंगे या फिर आईएनडीआईए गठबंधन बाजी मारेगी।वर्ष 2008 में परिसीमन हुआ तो उजियारपुर अलग लोकसभा क्षेत्र बना। साल 2009 में यहां पर जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर अश्वमेध देवी ने चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इसके बाद के अगले दो चुनाव 2014 और 2019 भाजपा नेता नित्यानंद राय जीते। बीते लोकसभा चुनाव 2019 में यहां से नित्यानंद राय के खिलाफ रालोसपा के टिकट पर उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़े लेकिन उन्हें जीत नसीब नहीं हुई।

उपेंद्र कुशवाहा को नित्यानंद राय ने 2.77 लाख वोटों के अंतर से चुनाव में पटखनी दी थी। तीसरे नंबर पर सीपीआईएम उम्मीदवार अजय कुमार रहे थे। इस चुनाव में नित्यानंद राय को लगभग 543,906 वोट मिले थे जबकि उपेंद्र कुशवाहा को 2,66,628 वोटों की प्राप्ति हुई थी। सीपीआईएम उम्मीदवार अजय कुमार को 27,577 वोट मिले थे।

उजियारपुर का जातीय समीकरण

उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा और यादव जाति के मतदाताओं की संख्या अधिक है। इसलिए हर पार्टियां इन दोनों जातियों को अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी हुई रहती हैं। इसके अलावा ब्राह्मण, मुस्लिम और ओबीसी समुदाय के वोटर्स भी हर चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इस बार के लोकसभा चुनवा में भाजपा जहां जीत की हैट्रिक लगाने उतरेगी, वहीं महागठबंधन की कोशिश भाजपा के इस गढ़ में सेंधमारी की होगी।

वर्ष 2019 के जंग में भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ ताल ठोकने वाले उपेंद्र कुशवाहा इस चुनाव में एनडीए के पाले में हैं। अभी ऐलान भले न हुआ हो लेकिन यह तय माना जा रहा है कि एक बार फिर एनडीए के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के नाम पर ही मुहर लगेगी। महागठबंधन में यह सीट फंस सकती है।

चर्चा है कि इस सीट पर एनडीए के खिलाफ राजद पूर्व मंत्री व उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक आलोक मेहता को एनडीए के खिलाफ उतारा जा सकता है। वैसे बीते कई चुनावों के नतीजों में तीसरे व चौथे नंबर पर रही वामदलों की भी इस सीट पर नजर है। उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा की सीटें हैं, जिसमें वैशाली की एक विधानसभा सीट पातेपुर सुरक्षित व समस्तीपुर की उजियारपुर, सरायरंजन, मोरवा, मोहिउद्दीनगर व विभूतिपुर हैं।(एएमएपी)