आपका अखबार ब्यूरो ।

दिल्ली से लेकर कोच्चि तक मेट्रो के प्रसार का खाका तैयार करने वाले और अपना हर प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने वाले मेट्रोमैन श्रीधरन का कहना है कि केरल में भाजपा को सत्ता में लाने के लिए वह राजनीति में आए हैं। 12 जून 1932 को केरल के पलक्कड़ में जन्मे 88 वर्षीय श्रीधरन में अब भी 18 साल के युवा जितना ही उत्साह और ताजगी है। इसी अप्रैल-मई में केरल में विधानसभा चुनाव होने को हैं। कुछ समय पहले तक यह कहते आए थे कि राजनीति उनके बस की चीज नहीं है। लेकिन अब उन्हें लगता है कि देश में कुछ बदलना है तो वह राजनीति के माध्यम से ही संभव हो सकता है।


 

श्रीधरन पेशेवर इंजीनियर हैं तो उनकी हर सोच हर बात एकदम साफ होती है। कोई कन्फ्यूजन नहीं। राजनीतिकों की तरह बात घुमा फिराकर कहना न उनके स्वभाव में ही नहीं है। जितने किस्म के सवाल हो सकते हैं विभिन्न मीडिया ने वे सब उनसे पूछ डाले। श्रीधरन किसी भी बात पर न तो असहज हुए और न ही कन्नी काटने की कोशिश की।

88 वर्ष में राजनीति में पदार्पण

‘Metro man' and DMRC Principal Advisor, E Sreedharan during the inspection of the newly constructed Kochi Metro train station Palarivattom on Thursday.(PTI)

अचानक यह फैसला नहीं किया। मैं 2011 में रिटायर होने के बाद से ही आम लोगों के लिए काम करना चाहता था। अकेले काम करने में अक्षम महसूस कर रहा था। इसलिए राजनीति में जाने पर विचार किया।

भाजपा ही क्यों

इसका दृष्टिकोण भविष्यमुखी है और राज्य व राष्ट्र निर्माण में मेरी काबिलियत का सर्वोत्तम इस्तेमाल कर सकती है। मेरी विचारधारा भाजपा से ही मिलती है। केरल के वामपंथी दल सत्ता में हैं और कांग्रेस गठबंधन विपक्ष में। दोनों ने जनता को बेहद निराश किया। इनका राष्ट्र से कुछ लेना देना नहीं। इनके एजेंडे में राष्ट्रीय हित है ही नहीं और इनके नेता सिर्फ अपने लिए काम कर रहे हैं।

विधानसभा चुनाव लड़ेंगे?

सत्ता की भूख नहीं है। राष्ट्रनिर्माण के लिए जीवनभर काम किया। अब भी यही करना चाहता हूं। पार्टी कहेगी तो किसी भी जगह से लड़ने को तैयार हूं। प्राथमिकता मेरा गृहक्षेत्र मल्लापुरम ही होगा।

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मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे या राज्यपाल?

अगर बीजेपी केरल विधानसभा चुनाव में जीतती है तो मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार हूं। राज्यपाल पद संभालने में दिलचस्पी नहीं है। इस तरह के ‘संवैधानिक’ पद पर रहते हुए राज्य के लिए योगदान नहीं दे पाऊंगा, जिसके पास कोई अधिकार नहीं होता।

क्या है मकसद?

मेरा मुख्य मकसद भाजपा को केरल में सत्ता में लाना है। भाजपा केरल में चुनाव जीतती है तो तीन-चार ऐसे क्षेत्र होंगे जिसपर हम ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसमें राज्य को कर्ज के जाल से निकालना, बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास और राज्य में उद्योगों को लाना शामिल है। प्रत्येक मलयाली पर आज 1.2 लाख रुपये का कर्ज है। इसका मतलब है कि हम दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहे हैं और सरकार अब भी उधार ले रही है।

केरल में लव जिहाद

मैं देख रहा हूं कि केरल में क्या हो रहा है। शादी के लिए हिंदुओं को कैसे बरगलाया जा रहा है और वे किस तरह लव जिहाद से पीड़ित हैं… और हिंदू ही क्यों मुस्लिम, ईसाई लड़कियों को भी शादी के लिए धोखा दिया जा रहा है। मैं निश्चित रूप से लव जिहाद का विरोध करूंगा।

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पूरी तरह शाकाहारी

निजी तौर पर मैं पूर्णरूपेण शाकाहारी हूं। अंडे भी नहीं खाता। निश्चित तौर पर मैं यह पसंद नहीं करूंगा कि कोई भी मांस खाए।

विपक्ष देश विरोधी ताकतों के साथ

भारत के विरोध में काम कर रही ताकतें दुनिया में भारत की छवि धूमिल करने की मुहिम चला रही हैं। दुर्भाग्य है कि भाजपा के अंधे-विरोध में देश की विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुहिम को समर्थन दे रखा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश और जनता के भले के लिए कई अच्छे काम किए हैं। मैं इसी क्रम को आगे बढ़ाना चाहता हूं।


ई श्रीधरन का भाजपा में आना