प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर पर सर्च के बाद देर शाम को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी पर बाहरी देशों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है । इस घटना के बाद जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जर्मनी पहला देश है जिसने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बयान दिया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा हमने इस मामले को नोटिस में लिया है। केजरीवाल को निष्पक्ष और सही ट्रायल मिलना चाहिए। जर्मनी के विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। भारत ने जर्मन एम्बेसी के डिप्टी हेड को तलब किया।
“Blatant interference”: India lodges strong protest with Germany over statement on Kejriwal arrest
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— ANI Digital (@ani_digital) March 23, 2024
भारत ने दिया करारा जवाब
मामले को लेकर जर्मन एम्बेसी के डिप्टी हेड आज विदेश मंत्रालय गए थे। वहां चर्चा के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं, इस तरह के बयान हमारे न्यायालय की निष्पक्षता और आजादी पर सवाल खड़े करते हैं’।
भारत के आंतरिक मामलों में फिर बोला जर्मनी
जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अरविंद केजरीवाल को लेकर दिए गये बयान के बाद भारत ने जर्मनी के डिप्टी दूत को तलब किया है और समन भेजा है। दरअसल, जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेबस्टियन फिशर एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पूछा गया था, कि जर्मन संघीय सरकार ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का आकलन कैसे किया है, कि यह गिरफ्तारी आम चुनाव से कुछ हफ्ते पहले हुई है और भारतीय विपक्ष इसे राजनीति से प्रेरित मानता है।
जर्मन विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमने ध्यान दिया है, भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानकों को इस मामले में भी लागू किया जाएगा। आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरह केजरीवाल निष्पक्ष और तटस्थ सुनवाई के हकदार हैं, इसमें बिना किसी प्रतिबंध के सभी उपलब्ध कानूनी रास्तों का उपयोग करना शामिल है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि निर्दोषता का अनुमान कानून के शासन का एक केंद्रीय तत्व है और यह उन पर भी लागू होना चाहिए।
राहुल गांधी मामले में जर्मनी ने क्या कहा था
जब राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था, तब जर्मनी ने बयान दिया था। उस दौरान जर्मन विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उनकी सरकार ने राहुल गांधी के खिलाफ “प्रथम दृष्टया फैसले” और “उनके संसदीय जनादेश के निलंबन” पर ध्यान दिया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी टिप्पणी में कहा था, “हम उम्मीद करते हैं कि न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही पर समान रूप से लागू होंगे।
जेल से ही चलेगी सरकार: केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। ईडी ने केजरीवाल को अदालत में पेश कर दस दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने जांच एजेंसी को 6 दिन की रिमांड दी है। अब उन्हें 28 मार्च को दोपहर 2 बजे कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। कोर्ट की ओर से 6 दिन की ईडी रिमांड मिलने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। मैं स्वस्थ हूं और जेल से ही सरकार चलाऊंगा।
दिल्ली सरकार का जर्मनी से क्या है तालूक
अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ के मुताबिक जर्मनी काफी समय से भारत के शैक्षणिक संस्थानों में जर्मन भाषा की पढ़ाई के लिए कैंपेन कर रहा था। इस बीच 2022 में दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के रूप में जर्मनी को पार्टनर मिला। केजरीवाल सरकार ने जर्मनी के गोएथे इंस्टीट्यूट के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया।