प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘खिचड़ी’ घोटाले में कथित संलिप्तता की जांच के लिए शिव सेना (यूबीटी) नेता अमोल कीर्तिकर को दूसरा समन जारी किया है। कीर्तिकर को 8 अप्रैल को ईडी के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। उद्धव की पार्टी ने अमोल कीर्तिकर को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है। ‘खिचड़ी’ घोटाला कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों को ‘खिचड़ी’ बांटने से जुड़ा है। आरोप है कि खिचड़ी बांटने को लेकर दिए गए ठेके में अनियमितता बरती गई। बता दें कि इससे पहले इसी मामले में कीर्तिकर को ईडी ने बुधवार को समन जारी किया था लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे।

यह घोटाला कोरोना महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों को ‘खिचड़ी’ वितरित करने के ठेके देने में अनियमितता से संबंधित है। सितंबर, 2023 में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 6.37 करोड़ रुपये के इसी घोटाले को लेकर संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर और कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अन्य आरोपितों में सुनील उर्फ बाला कदम, सह्याद्री रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंखे, फोर्स वन मल्टी सर्विस के साझेदार और कर्मचारी, स्नेहा कैटरर्स के साझेदार, तत्कालीन सहायक नगर आयुक्त (योजना) और अज्ञात बीएमसी अधिकारी हैं।

इस मामले में जांच के दौरान कीर्तिकर का नाम सामने आने पर ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने छह घंटे तक पूछताछ की थी। इसके बाद ईडी ने अक्टूबर, 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के करीबी सूरज चव्हाण को गिरफ्तार किया। ईडी के आरोप पत्र के अनुसार चव्हाण ने बीएमसी के मानदंडों को दरकिनार करते हुए मेसर्स फोर्स वन मल्टी सर्विसेज को ठेका दिलाने में अहम भूमिका निभाई, जिसके बदले उन्हें धनराशि प्राप्त हुई।

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इस घोटाले में बीएमसी को धोखा देकर और कम मात्रा के खिचड़ी पैकेट की आपूर्ति करके 1.35 करोड़ रुपये अर्जित किए गए। ईडी ने चव्हाण की 88.51 लाख रुपये की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से जब्त कर लिया, जिसमें मुंबई में एक आवासीय फ्लैट और राज्य के रत्नागिरी में कृषि भूमि शामिल है। (एएमएपी)