—अजय विद्युत
अपने दूसरे कार्यकाल के तकरीबन सवा साल पूरे कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब लोकप्रियता के अपने ही बनाए कीर्तिमान तोड़ रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक 78 फीसदी लोग मोदी के कामकाज से खुश हैं। जहां 83 फीसदी हिंदू मोदी के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं, वहीं 42% मुस्लिमों ने भी उसे अच्छा बताया है। 2016 से अब तक मोदी की लोकप्रियता में 25 फीसदी बढ़ी है।
15 से 27 जुलाई के बीच इंडिया टुडे समूह के लिए कार्वी इनसाइट्स लि. ने एक सर्वे कर तमाम विषयों पर देश का मिजाज जाना। लोगों से पूछे गए सवालों में एक था- नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में प्रदर्शन कैसा है? जवाब में 30 फीसदी लोगों ने कहा- बेहतरीन, जबकि 48 फीसदी ने अच्छा बताया। इस तरह 78 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से खुश दिखे। हालांकि 17 फीसदी लोगों ने पीएम के रूप में मोदी के प्रदर्शन को औसत और 5 फीसदी ने खराब बताया। शहरी इलाके में 80 फीसदी व ग्रामीण समुदाय के 78 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से खुश हैं।
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी मौजूदा समय में लोकप्रियता के सबसे ऊंचे स्थान पर हैं। जनवरी 2020 में यह आंकड़ा 68 फीसदी था, जो अगस्त 2020 तक बढ़कर 78 फीसदी हो गया। पीएम मोदी की लोकप्रियता जनवरी 2019 में 54 फीसदी, अगस्त 2019 में 71 फीसदी, जनवरी 2018 में 61 फीसदी, अगस्त 2018 में 55 फीसदी, जनवरी 2017 में 69 फीसदी, अगस्त 2017 में 63 फीसदी, फरवरी 2016 में 58 फीसदी, अगस्त 2016 में 53 फीसदी थी। अगस्त 2016 से अगस्त 2020 के बीच इसमें 25 फीसदी वृद्धि हुई है।
अभी चुनाव हो जाएं तो कैसी होगी लोकसभा
केंद्र में दूसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार को आए मात्र सवा साल ही बीता है। लेकिन अगर अभी चुनाव हो जाएं तो लोकसभा का नजारा कैसा होगा? इंडिया टुडे समूह के लिए कार्वी इनसाइट्स लिमिटेड के सर्वे के अनुसार हालांकि भाजपा अपने बूते ही बहुमत का जादुई आंकड़ा पार कर लेगी लेकिन 2019 के चुनाव के मुकाबले एनडीए की 37 और भाजपा की 20 सीटों का नुकसान हो सकता है।
2019 के लोकसभा चुनाव धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए एनडीए ने 353 और अकेले भाजपा को 303 सीटें जीती थीं। अभी चुनाव होने पर एनडीए को 42 फीसदी वोटों के साथ 316 और भाजपा को अपने दम पर 36 फीसदी वोटों के साथ 283 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस को भी पिछले चुनाव के मुकाबले तीन सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है, हालांकि यूपीए की 2 सीटें बढ़ जाएंगी।
अभी चुनाव होने पर सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले यूपीए को 27 फीसदी वोटों के साथ पिछले चुनाव में मिलीं 91 सीटों के बजाय 93 सीटें मिलतीं। कांग्रेस को 19 फीसदी वोट और 49 सीटें हासिल होतीं।
370 हटाना सबसे बड़ी उपलब्धि
लोगों ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया। 16 फीसदी लोगों ने इसे सरकार का सबसे बेहतर कदम माना। अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मोदी सरकार की दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि मानी गई। 13 फीसदी लोगों ने राम मंदिर का श्रेय मोदी सरकार को दिया है।
देश में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के प्रयासों को सरकार की तीसरी बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। 11 फीसदी लोगों ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), मेक इन इंडिया, आयुष्मान भारत को महज एक-दो फीसदी लोग ही मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। 9 फीसदी लोगों का मानना है कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने में सफल रही है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), मेक इन इंडिया, आयुष्मान भारत को महज एक-दो फीसदी लोग ही मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं।
9 फीसदी लोगों की राय है कि सरकार के प्रयास की वजह से ब्लैक मनी में गिरावट आई है। 7 फीसदी लोग कोरोना कंट्रोल करने को सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हैं। किसान और गरीबों के लिए लागू होने वाली सामाजिक स्कीम को 6 फीसदी लोगों ने सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। वहीं 5 फीसदी लोगों के अनुसार जीएसटी लागू करना सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। इसी तरह मेक इन इंडिया को महज 2 फीसदी तो आयुष्मान भारत योजना को केवल 1 फीसदी लोग ही सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं।
चीन मामले पर देश मोदी सरकार के साथ
मोदी सरकार चीन मसले को हैंडल करने में कितना कामयाब रही? इसके जवाब में 69 फीसदी लोगों ने माना भारत ने चीन को करारा जवाब दिया। 15 फीसदी की राय थी भारत जवाब नहीं दे सका। वहीं 9 फीसदी ने कहा भारत सरकार जानकारी छुपा रही है वहीं 7 फीसदी का मत था कि कुछ कह नहीं सकते।
सर्वे में देश का जनमत चीन की धोखेबाजी से खफा दिखा और 59 फीसदी बोले युद्ध करना चाहिए। क्या भारत युद्ध में चीन से जीत सकता है? यह पूछे जाने पर 72 फीसदी लोगों ने कहा, ‘हां, भारत युद्ध में चीन को हरा देगा। मात्र 9 फीसदी मानते हैं कि हम चीन को हरा नहीं सकते।
अर्थव्यवस्था की सेहत
क्या 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है? 48 फीसदी लोगों ने कहा- सुधार हुआ। 42 फीसदी ने अर्थव्यवस्था की हालत को जस की तस बताया। वहीं 10 फीसदी लोगों के मुताबिक अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ी है। मुस्लिम समुदाय के 27 फीसदी लोगों ने खराब आर्थिक हालात का जिक्र किया। 8 फीसदी हिंदुओं को लगता है कि मोदी सरकार आने के बाद उनकी आर्थिक सेहत खराब हुई है।
सर्वे में 43 फीसदी लोगों ने कहा कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था की सेहत मनमोहन सिंह की सरकार से बेहतर है। हालांकि, जनवरी 2020 के मुकाबले इस आंकड़े में 7 फीसदी गिरावट आई है।