आपका अखबार ब्यूरो।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि उनके बयान से कांग्रेस पार्टी की असली मानसिकता सामने आ गई है। सैम पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगाया जाता है। यानी अमेरिका में जब किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो जो उसकी कुल संपत्ति होती है उसका कुछ हिस्सा ही उसके रिश्तेदारों को दिया जाता है, जबकि एक बड़ा हिस्सा सरकार अपने पास रख लेती है।

सैम पित्रोदा ने अमेरिका के इस कानून को रोचक कानून बताया था। हालांकि बाद में कांग्रेस पार्टी ने कहा कि सैम पित्रोदा के बयान से उसका कोई लेना देना नहीं है। भले रणनीति के तहत कांग्रेस पार्टी में सैम पित्रोदा के बयान से अपने आप को अलग कर लिया है लेकिन पित्रोदा प्रतिरोध के इस बयान की जमकर आलोचना हो रही है और कांग्रेस का रणनीतिकार माने जाने वाले सैम पित्रोदा के इस बयान से कांग्रेस के किनारा करने को मात्र दिखावा माना जा रहा है।

"Congress Party Is Exposed.": Amit Shah Attacks Congress After Sam Pitroda's Remarks

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा के सैम पित्रोदा की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। सबसे पहले कांग्रेस के घोषणा पत्र में लोगों की संपत्ति के सर्वेक्षण का जिक्र हुआ। फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुराना बयान याद दिलाया गया जो कांग्रेस की विरासत है। इसमें मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों और विशेष कर मुसलमानों का है। उसके बाद सैम पित्रोदा की टिप्पणी सामने आई है जिसमें अमेरिका के हवाले से कहा गया है कि संपत्ति के बंटवारे पर विचार विमर्श होना चाहिए। अमित शाह का कहना है कि इससे कांग्रेस का मकसद देश के सामने आ गया है। उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस आज जो बैक फुट पर दिख रही है इसका कारण यह है कि जब प्रधानमंत्री ने यह मुद्दा उठाया तो उसे लगा कि यह मामला तो उसके खिलाफ जाने वाला है। अब राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी कह रहे हैं कि उनका मकसद यह कभी भी नहीं था।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस के मकसद को देश के सामने पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। ये लोग देश के लोगों की निजी संपत्ति का सर्वेक्षण करना चाहते हैं। अमित शाह का मानना है कि कांग्रेस का मकसद बिल्कुल साफ है। वह पहले लोगों की निजी संपत्ति को सरकारी संपत्ति में रखेगी और उसके बाद उसे उस फैसले के मुताबिक देगी जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासनकाल के दौरान लिया गया। यानी जो मनमोहन सिंह का कहना था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों और विशेष कर मुसलमान का है। कांग्रेस को या तो अपना घोषणा पत्र वापस ले लेना चाहिए या फिर इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करना चाहिए कि यही उसका वास्तविक इरादा या मंशा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि सैम पित्रोदा के बयान को बहुत ही गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। ऐसा इसलिए जरुरी है क्योंकि इससे कांग्रेस की मंशा देश के लोगों के सामने आ गई है। देश के लोगों को अब इस बात का संज्ञान लेना चाहिए और कड़ाई से जवाब देना चाहिए।