डॉ. सईद रिज़वान अहमद।
तो साहब, चुनाव का नैरेटिव ही चेंज हो गया है। चुनाव का नैरेटिव चेंज करने चला था राहुल गांधी… और चुनाव का नैरेटिव चेंज कर दिया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। पूरा चुनाव अब इसी बात पर लड़ा जा रहा है कि इस देश में क्या हमारी संपत्ति सुरक्षित है- क्या हमारी एफडी सुरक्षित हैं- क्या हमारा लॉकर में रखा हुआ पैसा या सोना सुरक्षित है। पूरा चुनाव अब इस बात पर लड़ा जा रहा है।
एक छोटा सा किस्सा सुनाता हूँ। एक बहुत बहुत गरीब आदमी था। उस बुजुर्ग से पूछा गया यह बताओ अगर तुम्हारे पास दो घर हैं तो तुम उसमें क्या एक घर गरीबों के लिए दे सकते हो। उसने कहा बिल्कुल दे सकता हूं। उन्होंने कहा तुम्हारे पास अगर दो गाड़ियां हैं तुम क्या अपनी एक गाड़ी गरीबों के लिए दे सकते हो। उसने कहा दे सकता हूं। उसने कहा भैया यह बताओ तुम्हारे पास अगर 100 तोले सोना है तो तुम क्या 50 तोले सोना गरीबों के लिए दे सकते हो। उसने कहा बिल्कुल दे सकता हूं। उसने कहा भैया यह बताओ कि तुम्हारे पास अगर बीड़ी का एक बंडल है तो क्या तुम आधी बीड़ियां निकाल के गरीबों को दे सकते हो। उसने कहा बिल्कुल नहीं… बिल्कुल नहीं दे सकता। पूछने वाले ने पूछा कि अभी तो तूने बोला था कि तू एक गाड़ी दे सकता है, अपना आधा सोना दे सकता है, दो घर तेरे पास हैं तो उसमें एक घर गरीबों को दे सकता है… पर यहां तो तूने कह दिया कि मेरे पास जो एक बंडल बीड़ी का है उसमें से मैं आधी 10 बीड़ियां निकाल के गरीबों को नहीं दूंगा। भैया, ये क्या बात हुई! बाबा ने कहा जो पहले तुमने तीन चीजें पूछी थीं वो कौन सी मेरे पास हैं। बाबा ने कहा तुमने तो इससे पहले मुझसे तीन चीजें पूछी कि क्या तुम बांट दोगे? अबे कौन सी वो मेरे पास हैं। मेरे पास तो बीड़ी का बंडल है। ये मैं नहीं बाटूंगा। और इस मारे नहीं बांटूंगा क्योंकि यह मेरे पास है।
मैंने ये किस्सा क्यों सुनाया? ये किस्सा इसीलिए सुनाया कि फिलहाल राहुल गांधी, तुझे जो बांटना है, बांट दे। हर ग्रेजुएट को एक लाख रुपए साल बांट दे- हर डिप्लोमा होल्डर को एक लाख रुपए साल बांट दे- 12 लाख करोड़ की एमसीपी बांट दे- हर गरीब महिला को, जो घर में सबसे ज्यादा उम्र की महिला है उसको एक-एक लाख रुपये बांट दे… बेटा तू सब बांट दे। तू बांट ही इसलिए रहा है क्योंकि तुझे पता है तुझे सत्ता में नहीं आना है। किसी ने कहा है कि परीक्षा में सफल होने वाले छात्र को यह नहीं पता होता कि उसको कितने नंबर मिलेंगे, लेकिन असफल होने वाले छात्र को अपना परिणाम पहले ही पता होता है।
लेकिन जब तुम्हारे पिताजी को तुम्हारी दादी (पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी) की प्रॉपर्टी inheritance tax विरासत कर में बांटनी थी, तो उन्होंने नहीं बांटी। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमान राजीव गांधी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए पहले जो इनहेरिटेंस कानून था उसको समाप्त किया और खुद के पैसे बचा लिए।
(लेखक अधिवक्ता और राजनीतिक विश्लेषक हैं)