राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। यहाँ प्रस्तुत हैं उनके भाषण के कुछ अंश।
‘शोले’ की मौसी के बहाने…
“कांग्रेस के नेताओं ने बयानबाजी में शोले फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया है। ये लोग कह रहे हैं तीसरी बार ही तो हारे हैं। अरे मौसी, 13 राज्यों में 0 सीटें आई हैं, लेकिन हीरो तो हैं न। अरे मौसी, पार्टी लुटिया तो डुबोई है, लेकिन पार्टी सांसें तो ले रही है। मैं कहूंगा कि फर्जी जीत का जश्न मत मनाओ। ईमानदारी से देश में मिले जनादेश को समझने की कोशिश करो, उसे स्वीकार करो।”
फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड
“साल 1984 के चुनावों को याद कीजिए। तब से 10 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। तब से कांग्रेस 250 के आंकड़े को छू नहीं पाई है। इस बार 99 के चक्कर में फंस गए हैं। मुझे एक किस्सा याद आ रहा है… 99 मार्क्स लेकर एक बालक घमंड में घूम रहा था और सबको दिखाता था कि देखो कितने मार्क्स आए हैं। लोग भी 99 सुनकर उसे शाबाशी देते थे और हौसला बढ़ाते थे। फिर उनके टीचर ने बताया कि ये 100 में से नहीं 543 में से 99 लाया है। अब उस बालक बुद्धि को कौन समझाए कि तुमने फेल होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। …एक छोटा सा किस्सा और। कोई छोटा बच्चा साइकिल लेकर निकला। वह गिर गया, रोने लगा। तो, कोई बड़ा आकर कहता है कि देखो चींटी मर गई, चिड़िया मर गई। ऐसा कहकर बड़े बच्चे का मन बहला देते है। आजकल बच्चे का मन बहलाने का काम चल रहा है।”
देशवासी सदियों तक माफ नहीं करेंगे
“कल जो हुआ है, उसे गंभीरता से लिए बिना हम संसदीय लोकतंत्र कि रक्षा नहीं कर पाएंगे। अब बालक बुद्धि कहकर इन हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके पीछे इरादे नेक नहीं, गंभीर खतरे के हैं। मैं आज एक गंभीर विषय पर देशवासियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। …कल जो हुआ, उसे इस देश के कोटि-कोटि देशवासी आने वाली सदियों तक माफ नहीं करेंगे। 131 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है। 131 साल पहले ये विवेकानंद जी ने दुनिया के दिग्गजों के सामने कहा था। अब हिन्दू समाज को सोचना होगा कि ये बयान संयोग है या प्रयोग है। ये वो लोग हैं जिन्होंने हिंदू आतंकवाद ये शब्द गढ़ने की कोशिश की थी। इनके साथी हिंदू धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया ऐसे शब्दों से करें, ये देश कभी माफ नहीं करेगा। एक सोची-समझी साजिश के तहत इनके पूरे इकोसिस्टम ने हिंदू परंपरा को नीचा दिखाने, अपमानित करने और मजाक उड़ाने का फैशन बना दिया है।”
लगातार तीसरी बार… हम यहाँ, तुम वहां
“लोकसभा चुनाव में जनता ने आपको फिर से नकारा है। आप तीसरी बार भी विपक्ष में ही बैठो, जनता भी यही चाहती है। आप बस चीखते रहो-चिल्लाते रहो। मैं कुछ लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं कि लगातार झूठ चलाने के बाद भी उन्हें घोर पराजय का सामना करना पड़ा। …जनता ने हमें तीसरी बार भी चुनकर भेजा है। तीसरे टर्म में तीन गुना स्पीड से काम होगा। यह विकसित भारत का संकल्प है।”