सौ ग्राम अधिक वजन के कारण फाइनल के पहले अयोग्य घोषित।

एक स्तब्ध करने वाले घटनाक्रम में विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाये जाने के कारण बुधवार को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था। सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था लेकिन अब वह बिना किसी पदक के लौटेंगी।

29 साल की लड़की रात भर जागकर साइक्लिंग करती रही। जॉगिंग करती रही। रस्सी कूदती रही। बिना कुछ खाए, बिना कुछ पिए कोशिश करती रही कि उसका वजन कम हो जाए। वजन काम करने के लिए हर उपाय किए गए। बाल कटवाए। कपडे छोटे किये। सुबह हुई तो वो दर्द से कराह रही थी। लेकिन कोशिश कर रही थी। फिर वजन की माप हुई। वजन कम हुआ भी था और 1900 ग्राम कम हुआ था। लेकिन ये जरूरत से 100 ग्राम कम था और नतीजा ये हुआ कि लड़की पेरिस ओलंपिक से बाहर कर दी गई। उसका दिल टूटा, पूरे देश का दिल टूटा, क्योंकि उम्मीद थी कि 29 साल की ये लड़की विनेश फोगाट भारत के लिए स्वर्ण पदक लेकर ही आएगी।

विनेश ने पहले ही मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन युइ ससाकी को हराया था। इसके बाद ही विनेश पर पूरी दुनिया की निगाहें लगी थीं। विनेश की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण थी कि जापान की युइ ससाकी मौजूदा ओलिंपिक चैम्पियन होने के साथ साथ अभी तक अजेय रही थीं। और उन्होंने 82 मुकाबले लड़े और किसी में नहीं हारीं। विनेश फोगाट को फाइनल में अमेरिका की सारा एन हिल्डब्रांट से खेलना था।

विनेश फोगाट ने 50 किलोग्राम वर्ग में भाग लेने के लिए पिछले कुछ समय में अपना वजन करीब 3 किलो कम किया था। पहले वह इससे पहले 53 किलो वर्ग में भाग लेती थी। वजन कम करने में या वजन करने में कहीं चूक हुई है। अब हरेक मैच के पहले वजन किया जाता है। मंगलवार की शाम उनका वजन दो किलो ज्यादा था और आज सुबह करीब 100 ग्राम ज्यादा रहा। इससे कम नहीं हो पाया।

पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में टॉम क्रूज का खतरनाक स्टंट

युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के नियमों के अनुसार पहलवान को वजन कराने की अवधि में कई बार अपना वजन कराने का अधिकार होता है। हालांकि अगर विनेश के मुकाबले का ये पहला दिन होता तो शायद विनेश कुछ कर पातीं। क्योंकि किसी भी पहलवान को पहले दिन वजन करवाने के लिए 30 मिनट का समय दिया जाता है। और इस दौरान वो कई बार अपना वजन करवा सकता है। लेकिन दूसरे दिन वजन के लिए महज 15 मिनट ही मिलते हैं। विनेश के भी मुकाबले का दूसरा ही दिन था, तो उन्हें भी वजन के लिए 15 मिनट ही मिले। और वो तय मानक से ज्यादा वजन की पाई गईं। नतीजा ये हुआ कि उन्हें ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। इस खबर को सुनने के बाद विनेश का हौसला टूट गया। वो बीमार पड़ गईं और उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा। विनेश को खेलगांव में पोली क्लीनिक ले जाया गया क्योंकि सुबह उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी।

एक भारतीय कोच ने कहा, ‘सुबह उसका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया। नियम इसकी अनुमति नहीं देते और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है।’ अयोग्य घोषित होने के मायने हैं कि उन्हें खेलों से खाली हाथ लौटना होगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत वजन अधिक पाये जाने पर पहलवान को स्पर्धा से बाहर कर दिया जायेगा और वह आखिरी स्थान पर रहेगा। उसे कोई रैंक नहीं मिलेगी।’

भारतीय ओलंपिक संघ ने विनेश के अयोग्य घोषित होने की पुष्टि करते हुए उनकी निजता का सम्मान करने के लिये कहा, ‘‘ हमें यह खबर देते हुए खेद हो रहा है कि विनेश फोगाट महिला कुश्ती के 50 किलो वर्ग से अयोग्य घोषित कर दी गई है। पूरी रात टीम के अथक प्रयासों के बावजूद सुबह उसका वजन 50 किलो से अधिक पाया गया।’’ भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से कहा गया, ‘‘ भारतीय दल इस समय कोई और बयान नहीं देगा। भारतीय टीम आपसे विनेश की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती है। भारतीय दल इस समय आगामी स्पर्धाओं पर फोकस करना चाहेगा।’’

भारतीय कुश्ती दल इस घटनाक्रम से मायूस है। भारत के राष्ट्रीय महिला कोच वीरेंदर दहिया ने कहा, ‘हर किसी को लग रहा है मानो घर में कोई मर गया हो। हमें नहीं पता कि हमें क्या हुआ है। हर कोई सदमे में है।’’

वजन कम करने के लिये खिलाड़ी दो दिन तक खाना और पानी के बिना भी रह जाते हैं। मुक्केबाज निकहत जरीन ने पेरिस ओलपिक में हार के बाद कह था कि भारवर्ग में रहने के लिये उसने दो दिन तक खाना या पानी नहीं लिया जिससे वह कमजोरी महसूस कर रही थी। इससे पहले इटली की एमैन्युएला लियुजी को भी वजन अधिक पाये जाने के कारण पहले दौर का मुकाबला गंवाना पड़ा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा से तफ्सील से जानकारी ली और विभिन्न विकल्पों के बारे में भी पूछा। उन्होंने विनेश की मदद के लिये इस फैसले के खिलाफ सख्त विरोध दर्ज कराने के लिये भी कहा है।

24 करोड़ की आबादी वाले पड़ोसी देश की इंटरनेशनल बेइज्जती

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने विनेश की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि वह भारत का गौरव हैं और उन्हें मजबूती से वापसी करनी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘ विनेश आप चैम्पियनों में चैम्पियन हो। आप भारत का गौरव हो और हर भारतीय के लिये प्रेरणास्रोत हो।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘‘आज के झटके से दुख पहुंचा है। काश मैं शब्दों में बता पाता कि इस समय कितना मायूस हूं। लेकिन मुझे पता है कि आप फिर वापसी करोगी। चुनौतियों का डटकर सामना करना आपके स्वभाव में है। मजबूती से वापसी करो। हम सभी आपके साथ हैं।’’

भले पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को कोई पदक न मिले लेकिन पूरा भारत उनको अपना चैंपियन मान रहा है। पूरा देश उनके साथ है। ओलंपिक से बाहर होने के बावजूद विनेश ने जो हौसला ओलंपिक में दिखाया है, वो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है।