आपका अखबार ब्यूरो।
67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। कंगना रनोट को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और मनोज बाजपेयी व धनुष को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है। मलयालम फिल्म ‘मरक्कर- अराबिक्कदालिन्ते-सिम्हम’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, जबकि ‘छिछोरे’ को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का पुरस्कार मिला है। वहीं विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित हिन्दी फिल्म ‘ताशकंद फाइल्स’ के हिस्से दो अहम पुरस्कार आए हैं।
कंगना ने चौथी बार जीता राष्ट्रीय पुरस्कार
अपने अभिनय और बयानों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट चौथी बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजी गई हैं। उन्हें फिल्म ‘मणिकर्णिका- दि क्वीन ऑफ झांसी’ और ‘पंगा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है। इससे पहले कंगना को ‘फैशन’ (2008) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और ‘क्वीन’ (2014) व ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ (2015) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला है। कंगना राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने के मामले में दूसरे नंबर (अभिनेत्रियों में) पर पहुंच गई हैं। उनसे ज्यादा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सिर्फ शबाना आजमी (पांच बार) को मिले हैं। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मनोज बाजपेयी को फिल्म ‘भोंसले’ और धनुष को फिल्म ‘असुरन’ के लिए संयुक्त रूप से दिया गया है। मनोज ‘भोंसले’ के निर्माता भी हैं। यह बतौर निर्माता उनकी पहली फिल्म है। मनोज को इससे पहले फिल्म पिंजर के लिए विशेष जूरी पुरस्कार (2003) तथा फिल्म ‘सत्या’ (1999) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिल चुका है।
#ThalaiviTrailer is packed with emotions, outstanding acting & dialogue delivery by @KanganaTeam. It’s going to be a huge blockbuster & prove to the world (yet again) that Kangana is one of the most versatile actors in the history of Hindi Film Industry.
— Madhav Sharma (@HashTagCricket) March 23, 2021
‘ताशकंद फाइल्स’ ने चौंकाया
दो पुरस्कार प्राप्त कर फिल्म ‘ताशकंद फाइल्स’ ने सबको चौंका दिया है। विवेक रंजन अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित इस हिन्दी फिल्म के लिए पल्लवी जोशी ने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और विवेक ने सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का पुरस्कार जीता है। गौरतलब है कि कुछ समीक्षकों ने फिल्म की लंबाई और ज्यादा संवादों के लिए काफी आलोचना भी की थी, लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ संवाद के लिए भी पुरस्कृत किया गया। बेहद कम बजट में बनी यह फिल्म सुपरहिट रही थी, जबकि रिलीज के लिए इसको बहुत कम सिनेमाघर मिले थे। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की रहस्यमय मृत्यु पर आधारित इस फिल्म को युवाओं ने काफी पसंद किया था।
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म
प्रियदर्शन निर्देशित मलयालम फिल्म ‘मरक्कर-अराबिक्कदालिन्ते-सिम्
‘तेरी मिट्टी’
सिक्किम को फिल्मों के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल राज्य (मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट) का पुरस्कार मिला। मराठी फिल्म ‘बार्दो’ में ‘रान पतोला’ गाने के लिए सावनी रवींद्र को सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक सिंगर और ‘केसरी’ फिल्म के ‘तेरी मिट्टी’ गाने के लिए बी. पराक को सर्वश्रेष्ठ पुरुष प्लेबैक सिंगर का पुरस्कार मिला। मलयालम फिल्म ‘जल्लिकट्टु’ के लिए गिरीश गंगाधरन को सर्वश्रेष्ठ सिनेमटोग्राफी पुरस्कार दिया गया।
67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के निर्णायक मंडल में भारतीय सिनेमा जगत के ख्याति प्राप्त फिल्म निर्माता और जानी-मानी फिल्मी हस्तियां शामिल हैं। पुरस्कारों की घोषणा सेंट्रल पैनल के अध्यक्ष श्री एन. चंद्रा, गैर-फीचर फिल्म ज्युरी के अध्यक्ष श्री अरुण चड्ढा, मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट ज्युरी के अध्यक्ष श्री शाहजी एन. करुण और सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष श्री शैबाल चटर्जी ने की।
पुरस्कारों की सूची
सर्वश्रेष्ठ फिल्म- मरक्कर-अराबिक्कदालिन्ते-सिम्हम (मलयालम)
सर्वश्रेष्ठ निर्देशन- बहत्तर हूरें (हिन्दी), निर्देशक- संजय पूरण सिंह चौहान
सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म– कस्तूरी (हिन्दी)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री- कंगना रनौट (पंगा और मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी- हिन्दी)
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता- मनोज बाजपेयी (भोंसले- हिन्दी) और धनुष (असुरन- तमिल)
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री- पल्लवी जोशी (द ताशकंद फाइल्स- हिन्दी)
सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता- विजय सेतुपति (सुपर डीलक्स- हिन्दी)
सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायक- सावनी रवींद्र, मराठी फिल्म ‘बार्दो’ के गाने ‘रान पतोला’ के लिए
सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक – बी प्राक, हिन्दी फिल्म ‘केसरी’ के गाने, ‘तेरी मिट्टी’ के लिए
सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन (स्टंट कोरियोग्राफी) अवॉर्ड- विक्रम मोर (अवाने श्रीमन्नारायण- कन्नड़)
सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी – राजू सुंदरम (महर्षि- तेलुगू)
सर्वश्रेष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स – सिद्धार्थ प्रियदर्शन (मरक्कर-अराबिक्कदालिन्ते-सिम्
स्पेशल जूरी अवॉर्ड – ओत्था सेरुप्पू साइज- 7 (तमिल)
सर्वश्रेष्ठ संगीत – डी. इम्मन (विश्वासम- तमिल)
सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड संगीत- प्रबुद्ध बनर्जी (ज्येष्ठोपुत्रो- बांग्ला)
सर्वश्रेष्ठ गीत – कोलम्बी (मलयालम)
सर्वश्रेष्ठ सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा– कौशिक गांगुली (ज्येष्ठोपुत्रो- बांग्ला)
सर्वश्रेष्ठ रूपांतरित पटकथा– श्रीजित मुखर्जी (गुमनामी- बांग्ला)
सर्वश्रेष्ठ संवाद- विवेक अग्निहोत्री (द ताशकंद फाइल्स- हिन्दी)
सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी – गिरीश गंगाधरण (जल्लीकट्टू- मलयालम)
सर्वश्रेष्ठ फिल्म फ्रेंडली स्टेट – सिक्किम
सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ किताब – ‘अ गांधियन अफेयर: इंडियाज क्यूरियस पोरट्रायल ऑफ लव इन सिनेमा (लेखक- संजय सूरी)
सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक – सोहिनी चट्टोपाध्याय
विभिन्न भारतीय भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ फिल्म
सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म– छिछोरे
सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म– रेनुवा- हू नेवर सरेंडर
सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म– गुमनामी
सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फिल्म- अक्षी
सर्वश्रेष्ठ कोंकणी फिल्म- काजरो
सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्म- बार्दो
सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म– कल्ला नोटम्
सर्वश्रेष्ठ मणिपुरी फिल्म– एइगी कोना
सर्वश्रेष्ठ ओड़िया फिल्म– साला बुधार बदला और कलीरा अतीत
सर्वश्रेष्ठ पंजाबी फिल्म– रब दा रेडियो 2
सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म- असुरन
सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म- जर्सी
सर्वश्रेष्ठ छत्तीसगढ़ी फिल्म- भुलन द मेज
सर्वश्रेष्ठ हरियाणवी फिल्म- छोरियां छोरों से कम नहीं होती
सर्वश्रेष्ठ खासी फिल्म- लेवदुह
सर्वश्रेष्ठ मिशिंग फिल्म- अनु रुवाद
सर्वश्रेष्ठ पनिया फिल्म- केंजीरा
सर्वश्रेष्ठ तुलु फिल्म- पिंजारा
फीचर फिल्मों का विशेष उल्लेख – बिरयानी (मलयालम), जोनाकी पोरुआ (असमिया), लता भगवान कारे (मराठी), पिकासो (मराठी)
गैर-फीचर फिल्म श्रेणी
सर्वश्रेष्ठ फिल्म- एन इंजीनियर्ड ड्रीम (हिन्दी)
पहली बार निर्देशन कर रहे निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ फिल्म- खीसा (मराठी), निर्देशक- राज प्रीतम मोरे
सर्वश्रेष्ठ फिल्म ऑन सोशल इश्यूज – होली राइट्स तथा लाडली (दोनों हिन्दी)
सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक फिल्म – एपल्स एंड ऑरेंजेज (अंग्रेजी)
सर्वश्रेष्ठ एक्सप्लोरेशन फिल्म – वाइल्ड कर्नाटक
सर्वश्रेष्ठ नरेशन – वाइल्ड कर्नाटक (अंग्रेजी)- सर डेविड एटनबरो
सर्वश्रेष्ठ संपादन – शट अप सोना (हिन्दी/अंग्रेजी), अर्जुन गौरीसरिया
सर्वश्रेष्ठ ऑडियोयोग्राफी – राधा (म्यूजिकल), री-रिकॉर्डिस्ट- ऑल्विन रेगो और संजय मौर्या
सर्वश्रेष्ठ ऑन-लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट – रहस (हिन्दी), सप्तर्षि सरकार
सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी – सोंसी (हिन्दी), सविता सिंह
सर्वश्रेष्ठ डायरेक्शन – नॉक नॉक नॉक (अंग्रेजी/बांग्ला), सुधांशु सरिया
पारिवारिक मूल्यों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म – ओरू पाथिरा स्वपनम पोले (मलयालम)
सर्वश्रेष्ठ शार्ट फिक्शन फिल्म – कस्टडी
स्पेशल जूरी अवॉर्ड – स्मॉल स्केल सोसायटीज
सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म – राधा (म्यूजिकल), निर्देशक- बिमल पोद्दार, एनिमेटर- नितिन खरकर
सर्वश्रेष्ठ इनवेस्टिगेटिव फिल्म – जक्कल (मराठी)
सर्वश्रेष्ठ संगीतकार- बिशाखज्योति (क्रांतिदर्शी गुरुजी- अहेड ऑफ टाइम्स- हिन्दी)
ताशकंद फाइल्स’ की सफलता का श्रेय आम लोगों को: पल्लवी
आपका अखबार ब्यूरो।
‘ताशकंद फाइल्स’ को दो पुरस्कार मिलने पर निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री और उनकी पत्नी अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने काफी खुशी जाहिर की है। विवेक ने कहा कि उनकी तमन्ना हमेशा से स्क्रीनप्ले के लिए पुरस्कार जीतने की थी। बकौल विवेक, ‘आज इस पुरस्कार को जीतने के बाद मैं बहुत खुश हूं। लोग कह रहे थे कि फिल्म में जरूरत से ज्यादा संवाद हैं। और देखिए कि मैंने संवाद के लिए ही राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। इससे बढ़कर मेरे लिए खुशी की बात और क्या हो सकती है!’
पल्लवी ने कहा, ‘जब मैंने विवेक का नाम देखा तो खुशी से झूम उठी। जब थोड़ी देर बाद मैंने विजेताओं के नामों की घोषणा में अपना नाम देखा तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरे ही नाम की घोषणा हुई है। फिर मुझे यह एहसास हुआ कि इस फिल्म का निर्माण करने के साथ मैंने इसमें अभिनय भी किया है।’ पल्लवी कहती हैं, ‘ताशकंद फाइल्स’ की सफलता का श्रेय आम लोगों को है, जिन्होंने फिल्म को इतना अधिक प्यार दिया। इस फिल्म को लेकर काफी नकारात्मक बातें कही गई थीं।’
67वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की पूरी सूची और निर्णायक मंडल के सदस्यों का नाम देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: