देश के कई हिस्सों में टमाटर की कीमतों में भारी गिरावट के बीच केंद्र सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) के तहत परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य उत्पादक राज्यों से उपभोक्ता राज्यों तक टमाटर की आपूर्ति को सुचारू बनाना और किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाना है।

सरकार के इस फैसले के तहत नैफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों को टमाटर के परिवहन और भंडारण में आने वाले खर्च की भरपाई की जाएगी। यह सहायता उन राज्यों में लागू होगी जहां उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच टमाटर की कीमतों में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में एनसीसीएफ के माध्यम से इस योजना को लागू करने की मंजूरी दे दी है। एनसीसीएफ जल्द ही राज्य से टमाटर के परिवहन का काम शुरू करेगा ताकि किसानों को राहत मिल सके।

कीमतों में अचानक गिरावट

हाल के हफ्तों में टमाटर की कीमतों में अचानक गिरावट देखी गई है। इसकी मुख्य वजह फसल का अधिक उत्पादन और मांग में अस्थायी कमी बताई जा रही है। कई बाजारों में टमाटर की कीमतें इतनी नीचे आ गई हैं कि किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है।

सरकार के इस कदम से किसानों को अपने उत्पाद के बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। जब उत्पादक राज्यों से दूसरे राज्यों में टमाटर की आपूर्ति सुचारू होगी, तो इसका असर बाजार में संतुलन बनाए रखने में मददगार हो सकता है। हालांकि, यह योजना लंबी अवधि में कितनी कारगर साबित होगी, यह देखने वाली बात होगी।

टमाटर, प्याज और आलू (TOP फसलें) की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए सरकार पहले भी बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत कदम उठाती रही है। हालांकि, इसका असर अलग-अलग मौकों पर मिश्रित रहा है।

सरकार की इस पहल का असली प्रभाव आने वाले दिनों में दिखेगा। किसान संगठनों का कहना है कि फसल का सही मूल्य तभी मिलेगा जब बाजार तंत्र मजबूत होगा और बिचौलियों की भूमिका कम होगी। फिलहाल, सरकार की इस योजना से किसानों को कुछ हद तक राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। (खलिहान न्यूज)