विश्व एक्सपो 2025, ओसाका।

आपका अखबार ब्यूरो।
विश्व एक्सपो 2025, ओसाका में भारत की ओर से स्थापित ‘भारत मंडप’ न केवल एक स्थापत्य कला का चमत्कार है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक परम्पराओं और आधुनिक उपलब्धियों का संगम है। इसे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा परिकल्पित और डिज़ाइन किया गया है, जिसमें अजंता की गुफाओं से प्रेरित पद्मपाणि बोधिसत्व की छवि को केंद्र में रखा गया है।

भारत मंडप (इंडिया पेवेलियन) देश के दो हज़ार वर्ष पुराने कलात्मक और सांस्कृतिक मूल्यों को आधार बनाते हुए, ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ अर्थात ‘सारा संसार एक परिवार है’ की भावना को सजीव करता है। आईजीएनसीए ने ‘नील कमल अग्रभाग’, ‘बोधिवृक्ष स्थापना’ और ‘बहती जलधारा’ जैसे प्रतीकों के माध्यम से भारत की सनातन विचारधारा को आधुनिक वैश्विक संदर्भों में प्रस्तुत किया है। आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि भारत मंडप केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक आत्मिक और सांस्कृतिक यात्रा है, जो भारत की आत्मा, उसकी परम्परा और उसकी प्रगति को उजागर करती है।

भारत मंडप में नवाचार (इनोवेशन), विरासत, आयुर्वेद, इसरो और सतत विकास को समर्पित विभिन्न सेक्शन शामिल हैं, जो भारत की भूमिगत संपदाओं से लेकर अंतरिक्ष तक की यात्रा का बखूबी चित्रण करते हैं। यह मंडप अतीत का सम्मान करते हुए भविष्य की संभावनाओं को भी दर्शाता है। भारत मंडप न केवल एक सांस्कृतिक प्रदर्शनी स्थल बन गया है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक कूटनीति यानी सॉफ्ट पावर का एक सशक्त माध्यम भी है, जो दुनिया के लोगों को भारत की विविधता, समृद्धि और नवाचार से परिचित कराता है।

गौरतलब है कि ओसाका वर्ल्ड एक्सपो 2025, जिसे आधिकारिक रूप से ‘एक्सपो 2025 ओसाका, कंसाई, जापान’ कहा जाता है, एक वैश्विक प्रदर्शनी है। यह 13 अक्टूबर 2025 तक जापान के ओसाका शहर में आयोजित हो रही है। इसका मुख्य विषय है- ‘डिजाइनिंग फ्यूचर सोसाइटी फॉर अवर लाइव्स’ (हमारे जीवन के लिए भावी समाज की अभिकल्पना)। इस आयोजन में 160 से अधिक देश और 9 अंतरराष्ट्रीय संगठन भाग ले रहे हैं। इसमें करीब 2 करोड़ 80 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। छह महीने तक चलने वाला यह आयोजन भविष्योन्मुखी मंडपों और उन्नत प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन के माध्यम से हमारी दुनिया को पुनः परिभाषित करेगा।