सामूहिक योगाभ्यास और विशेष व्याख्यान के साथ आईजीएनसीए ने मनाया योग दिवस।
आपका अखबार ब्यूरो।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने आया नगर स्थित आनंदग्राम के संस्कृति केन्द्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 2025 के अवसर पर सामूहिक योगाभ्यास किया। योगाभ्यास भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा मान्यताप्राप्त योग शिक्षक सत्येंद्र सिंह के निर्देशन में हुआ। योगाभ्यास सत्र के बाद प्रख्यात ओडिसी नृत्यांगना डॉ. रीला होता का एक विशिष्ट व्याख्यान भी हुआ, जिसका विषय था- ‘योग और कलाः स्वास्थ्य और सामंजस्य का मार्ग’। इस व्याख्यान में उन्होंने जीवन में योग की स्थायी प्रासंगिकता पर बल दिया और योग की उपचारक शक्तियों के बारे में बताया।

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भारत की एक ऐतिहासिक पहल है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तावित किया था। इसे 177 देशों का समर्थन हासिल हुआ और हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय हुआ। यह तिथि इसलिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है कि यह साल का सबसे लंबा दिन भी है, जो योग के दीर्घायु जीवन के संदेश का प्रतीक है। योग दिवस का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, वैश्विक शांति और समरसता को प्रोत्साहित करना तथा भारत की सांस्कृतिक विरासत को पूरी दुनिया में सम्मान दिलाना है। इसी के मद्देनज़र आईजीएनसीए भी हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी निष्ठा के साथ मनाता है।
इस कार्यक्रम में आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, निदेशक (प्रशासन) डॉ. प्रियंका मिश्रा, डीन (प्रशासन) प्रो. रमेश चंद्र गौड़, डीन (अकादमिक) प्रो. प्रतापानंद झा, जनपद सम्पदा प्रभाग के प्रमुख प्रो. के. अनिल कुमार, कलादर्शन विभाग की प्रमुख प्रो. ऋचा कम्बोज और मीडिया सेंटर के नियंत्रक अनुराग पुनेठा के साथ-साथ आईजीएनसीए का पूरा स्टाफ मौजूद था। इस अवसर पर पारम्परिक ज्ञान प्रणालियों को संस्थागत जीवन में एकीकृत करने और स्वास्थ्य तथा संस्कृति के प्रति समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए आईजीएनसीए की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
योग सत्र के बाद आयोजित व्याख्यान में प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना डॉ. रीला होता ने अपने विशेष व्याख्यान में योग और भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के परस्पर सम्बंधों के बारे में उत्कृष्ट जानकारी दी और बताया कि कैसे दोनों विधाएं आंतरिक संतुलन और समग्र स्वास्थ्य में योगदान करती हैं। एक प्रकार से, यह सामूहिक योगाभ्यास आईजीएनसीए द्वारा एक माह (21 मई से 20 जून) तक आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर का समापन कार्यक्रम था, जिसे सामुदायिक भागीदारी की भावना को गहरा करने और जागरूकता का प्रसार करने के उद्देश्य से अभिकल्पित किया गया था। सत्र का समापन शांति प्रार्थना के साथ हुआ।