राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को जयपुर में  अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्पष्ट करना चाहिए कि उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड में पीड़ित परिवार को कब न्याय मिलेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि तीन साल पुराने इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अपने हाथ में ली थी लेकिन एजेंसी अदालत में बयान ही दर्ज नहीं करवा पाई है। कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर अपने आवास पर पत्रकारों के समक्ष  राखी गई अपनी  बात को अशोक गहलोत ने अपने सोशल  मीडिया अकाउंट X (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया है।

हमने 4 घंटे में मुलजिम पकड़े, 3 साल में क्या हुआ?

“उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड ऐसी घटना थी जिसने पूरे देश को हिला के रख दिया था। उनको जिस रूप में मारा गया था वो अत्यंत दुखद और मार्मिक घटना थी। हमने (तत्कालीन मुख्यमंत्री) चार घंटे में मुलजिम पकड़ लिए। और फिर भी केस ले लिया एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) ने। हमने कोई ऐतराज नहीं किया। उसी रात को ले लिया केस। क्योंकि वो राष्ट्रीय एजेंसी है, हो सकता है उसमें कोई और एंगल हो, तो हमनें ऐतराज नहीं किया। उस केस को आज तीन साल हो गए हैं। एनआईए कोर्ट जो है वहां कोई जज बैठते ही नहीं हैं, खाली पड़ा रहता है। आज तक एनआईए उस केस में बयान तक नहीं करा पाई। मृतक का परिवार, प्रदेशवासी और देशवासी न्याय मांग रहे हैं। कब मिलेगा न्याय उनको? वो घटना खाली एक परिवार की नहीं थी पूरे प्रदेशवासियों की थी। देश की थी। चाहे कोई जाति धर्म के लोग हों, सबको उस घटना ने बहुत पीड़ा पहुंचाई। उसका जवाब इनके पास नहीं है और चुनाव में हमारे खिलाफ में मुहिम खड़ी कर दी। हम ने तो देखिए उनको अरेस्ट कर लिया। और सरकार क्या कर सकती थी? उनके दोनों बच्चों को नौकरी दे दी। पचास लाख का पैकेज दे दिया। पहली बार आजादी के बाद में किसी को इतना बड़ा पैकेज मिला है वो कन्हैयालाल जी के परिवार को मिला था।
फिर भी चुनाव में इसको मुद्दा बनाया गया हमारे खिलाफ। उसका हमें नुकसान भी हुआ। वो ऐसा मुद्दा था मार्मिक। झूठ बोल बोल कर के कि पचास लाख दे दिए मुस्लिम को और पांच लाख दे दिए कन्हैयालाल की फैमिली को हिंदू को… इतना बड़ा झूठ कोई बोल सकता है क्या? इतना बड़ा झूठ, और बोलने वाले अमित शाह जी भी थे मुख्य रूप से, और पूरे प्रदेश के अंदर यह बात फैल गई पांच लाख- पचास लाख हिंदू- मुस्लिम। आप बताइए, हमारे चुनाव हारने में ये भी एक बहुत कारण था। जिसमें लोगों को गलतफहमी हो गई इस प्रकार से हिंदू मुस्लिम वहां भी किया गया, प्रदेशवासी कभी माफ नहीं करेंगे।

मैं पूछना चाहता हूं अमित शाह जी से कृपा करके आप राजस्थान पधारे हैं, आपका स्वागत है। पर कम से कम आज मीटिंगों में प्रदेशवासियों को जवाब दें भई क्यों नहीं अभी तक सजा हुई इन लोगों को? हो सकता है राजस्थान सरकार इसको देखती, एसओजी देखती, एटीएस देखती, हो सकता है आज तक इनको सजा हो जाती चाहे- वो आजीवन कारावास हो या फांसी की सजा हो- कुछ भी हो, पर सजा होके रहती। इतना बड़ा केस था वो। सब काम छोड़ के मैं गया वहां पर, अपने पहले से लगे दौरे खत्म करके गया। चीफ सेक्रेटरी गए, डीजी पुलिस गए। विश्वास दिला दिया उदयपुर की जनता को कि सरकार पूरी गंभीर है। इसलिए कोई वहां पर हिंदू मुस्लिम का तनाव नहीं हुआ, ये हमने किया उस वक्त में।  पूरे देश में तारीफ हुई मीडिया के अंदर और ये बीजेपी वाले उस वक्त भी चले गए हैदराबाद, इन की कोई मीटिंग थी वहां। इनको कोई चिंता नहीं उदयपुर में कहीं आग लग सकती है, इतनी बड़ी घटना हुई है, सब नेता चले गए। बताइए, गुलाबचंद कटारिया वहां के एमएलए हैं, चले गए सब लोग। कहने का मतलब इतना बड़ा गंभीर केस था, पूरे देश में उसकी बहुत बड़ी प्रतिक्रिया हुई उसके लिए भी इनका ये अप्रोच है देश के अंदर। अमित शाह जी से आज पब्लिक को बताएं न्याय कब मिलेगा कन्हैयालाल के परिवार को और प्रदेशवासियों को।

तीन वर्ष हो गए। अरे छह छह महीने में फैसले हो जाते हैं। कई ऐसे केस हुए हैं आज तक कि तीन तीन महीने में छह छह महीने में फैसले हुए हैं, फांसी की सजा हो जाती है, आजीवन कारावास हो जाती है। इस केस के अंदर आप बता दीजिए कुछ भी नहीं हो रहा है।”