आपका अखबार ब्यूरो।
दिल्ली से लखनऊ तक अस्पतालों में तेजी से कोरोना बम फूट रहा है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (ऐम्स), सर गंगा राम अस्पताल और लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में बड़ी संख्या में डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पता चला है कि यह सभी डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके थे।
कोरोना की लहर का डॉक्टरों पर असर
9 अप्रैल को एम्स में 34 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले। इनमें मेडिकल और सर्जरी दोनों विभागों के डॉक्टर शामिल हैं।
इससे एक दिन पहले 8 अप्रैल को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में 37 चिकित्सक कोरोना संक्रमण से ग्रस्त पाए गए थे। जिनमें से पांच की हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
स्वास्थ्य क्षेत्र को संक्रमण से बचाना जरूरी
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि रोज हजारों की संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य क्षेत्र को बचाना भी जरूरी है। एम्स में ऑफलाइन ओपीडी के रजिस्ट्रेशन पहले ही बंद कर दिए गए थे। अब पहले से तय ऑपरेशन भी रोक दिए गए हैं। अब केवल उन्हीं मरीजों का ऑपरेशन किया जाएगा जो इमरजेंसी केस हैं और चिकित्सकीय तौर पर उनका तत्काल ऑपरेशन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
केजीएमयू में वीसी समेत 42 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव
लखनऊ के केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) में 6 अप्रैल को 42 डॉक्टर कोरोना से संक्रमित पाए गए. केजीएमयू के वाइस चांसलर डॉ विपिन पुरी और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ हिमांशु के अलावा जो 40 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए उनमें 20 डॉक्टर सर्जरी विभाग के, 9 डॉक्टर यूरोलॉजी विभाग के और 3 डॉक्टर क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के शामिल हैं। इसके अलावा कुछ और मेडिकल स्टाफ के भी कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
ये सभी डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके थे। इनमें से ज्यादातर डॉक्टरों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक 25 मार्च को ली थी।