चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, मंगलसूत्र उतार येशु की प्रार्थना करने को कहा।

मां शारदा की पवित्र नगरी मध्‍य प्रदेश की मैहर, जहाँ भगवती शारदा देवी स्वयं विंध्याचल की ऊँची चोटियों पर विराजमान हैं, वहां ऐसा घटनाक्रम सामने आया, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। यहाँ ईसाई मिशनरी द्वारा हिंदू महिलाओं को प्रलोभन देकर मतान्‍तरित कराने की कोशिश की जा रही थी, जिसे स्थानीय महिलाओं ने साहसिक कदम उठाकर विफल कर दिया है।

Courtesy: TV9 Madhya Pradesh Chhattisgarh

उल्‍लेखनीय है कि माँ शारदा धाम की आस्था से भरी इस भूमि पर जबरन धर्म परिवर्तन की यह कोशिश एक ओर हिन्‍दू समाज को हिला देने वाली है, वहीं यह सवाल भी उठाती है कि आखिर हिंदू धार्मिक स्थलों के आसपास लगातार ऐसी गतिविधियाँ क्यों पनप रही हैं? उक्‍त मामला मैहर के हरनामपुर क्षेत्र का है। स्थानीय निवासी ज्योति अहिरवार (32 वर्ष) ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें रविवार सुबह आठ बजे के करीब लक्ष्मी शर्मा नामक महिला ने सविता विश्वकर्मा के माध्यम से घर बुलाया। जब ज्योति वहाँ पहुँचीं, तो घर के भीतर लगभग 50 महिलाएँ और युवतियाँ मौजूद थीं।

शिकायत के अनुसार, वहाँ उपस्थित महिलाओं से कहा गया कि वे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र उतार दें और बालों को पानी की टंकी में धोकर “नई शुरुआत” करें। उन्हें अब से ईसा मसीह और ईसू गॉड फादर की प्रार्थना करनी है। जब कुछ महिलाओं ने इसका विरोध किया, तो उन्हें पैसे, घर और नौकरी देने के लालच दिए गए। लेकिन जब वे फिर भी नहीं मानीं, तो धमकियाँ दी गईं और मारपीट की कोशिश की गई। शोरगुल सुनकर आसपास के लोग पहुँचे और बीच-बचाव किया। इसके बाद ज्योति सहित कई महिलाओं ने थाने जाकर लिखित शिकायत दी।

शिकायत मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। मैहर सीएसपी महेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में टीम ने मौके पर छापा मारा और दो महिलाओं समेत पाँच लोगों को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान आरोपितों के पास से क्रॉस (ईसाई प्रतीक चिन्ह) बरामद हुआ।  पुलिस ने इस प्रकरण में मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3 और 5, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115(2) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(सी) के तहत मामला दर्ज किया है। महेंद्र सिंह ने बताया, “धर्मांतरण की यह कोशिश गंभीर अपराध है। यह जाँच की जा रही है कि इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क तो नहीं। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।”

शारदा की नगरी में ‘मिशनरियों का जाल’

स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों से मैहर और आसपास के पहाड़ी इलाकों में धार्मिक परिवर्तन की गतिविधियाँ धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। पहले यह कार्य समाजसेवा और शिक्षा के नाम पर किया जाता था, लेकिन अब सीधे-सीधे धर्मांतरण (मतान्‍तरण) के प्रयास खुलेआम होने लगे हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि कुछ संगठन गरीबों को मकान, पैसे और शिक्षा की सुविधा का लालच देकर उन्हें चर्च से जोड़ने की कोशिश करते हैं। कई बार यह सब हिंदू नाम रखने वाले युवकों और युवतियों के माध्यम से किया जाता है, ताकि संदेह कम हो। यह स्थिति अब उस स्तर तक पहुँच गई है जहाँ स्थानीय समाज को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर खतरा महसूस होने लगा है।

विश्व हिंदू परिषद का तीखा रुख

घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के कार्यकर्ता थाने के बाहर जुट गए। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग करते हुए नारेबाजी की। विश्व हिंदू परिषद के श्याम त्रिपाठी और महेश तिवारी ने कहा, “यह षड्यंत्र लंबे समय से चल रहा था, जिसको आज स्थानीय लोगों ने पकड़ा और थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रहा है, लेकिन धर्मांतरण रोकने के लिए अगर प्रदर्शन और आंदोलन भी करना पड़ेगा तो विश्व हिंदू परिषद वह भी करेगा।” इन्‍होंने आगे कहा, “मैहर मां शारदा की भूमि है, यहाँ धर्मांतरण का षड्यंत्र बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित अभियान का हिस्सा है। मिशनरियों द्वारा गरीबों और महिलाओं को लालच देकर धर्म बदलवाने की साजिश चल रही है। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो विश्व हिंदू परिषद बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।” इसके साथ यह भी कहा गया कि “हमारी संस्कृति पर प्रहार बर्दाश्त नहीं। सनातन समाज अपनी आस्था की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेगा।”

घटना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी प्रकार की धार्मिक उकसावे की गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिले के कलेक्टर ने भी जांच टीम गठित कर यह पता लगाने के निर्देश दिए हैं कि क्या यह मिशनरियों का कोई बड़ा संगठित नेटवर्क है या व्यक्तिगत स्तर पर की गई कोशिश।

सनातन समाज की चिंता

उल्‍लेखनीय है कि मैहर में मां शारदा की नगरी एक धार्मिक स्थल होने के साथ ही सनातन संस्कृति का प्रतीक मानी जाती है। यहाँ हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। ऐसे में जब इस पवित्र भूमि पर धर्मांतरण जैसी घटनाएँ सामने आती हैं, तो समाज की चिंता स्वाभाविक है। स्थानीय पुरोहित पं. शिवशंकर तिवारी ने कहा, “माँ शारदा की भूमि पर ईसा मसीह के नाम पर लोगों को धर्म बदलने के लिए उकसाना अत्यंत निंदनीय है। धर्म परिवर्तन के नाम पर आस्था का सौदा नहीं होने दिया जाएगा।”

धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर सवाल

यह घटना सिर्फ मैहर की नहीं। हाल के महिनों में मध्य प्रदेश के कई जिलों ग्‍वालियर, इंदौर, उज्‍जैन, सागर, खंडवा, बुरहानपुर, छतरपुर, सागर, छिंदवाड़ा और जबलपुर से भी इस तरह की रिपोर्टें सामने आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सामाजिक-आर्थिक असमानता का भी फायदा उठाने की कोशिश है। हालाँकि, प्रशासनिक सख्ती के बावजूद मिशनरी गतिविधियाँ भूमिगत रूप से चल रही हैं। यही वजह है कि विश्व हिंदू परिषद ने राज्य सरकार से धर्मांतरण विरोधी कानून के सख्त पालन और स्थायी निगरानी तंत्र की माँग कर रहा है। विश्व हिंदू परिषद ने स्पष्ट कहा है कि  “जो भी शक्तियाँ सनातन धर्म को कमजोर करने का प्रयास करेंगी, उनका प्रतिकार वैचारिक और कानूनी दोनों स्तरों पर किया जाएगा।