आपका अखबार ब्यूरो।

वैश्विक महामारी कोरोना से दुनिया के तमाम देश बेहाल हैं। भारत में भी दूसरी लहर ने अत्यंत उग्र और भयावह रूप दिखाया है। अचानक तेजी से बढ़ी मरीजों की संख्या ने हर इंतजाम को फेल कर दिया था। तमाम जगहों पर आक्सीजन को तरसते लोग, अस्पतालों में बेड पर मौजूद भाग्यशाली मरीजों से कई गुना बेड के इंतजार में। लगातार बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा जो आज भी रिकार्ड स्तर पर है। दुनिया के तमाम देश- जिनकी अपने संकट के बावजूद भारत मदद कर चुका है- भारत के लिए परेशान हैं।


 

धार्मिक मामलों पर कार्टूनों के जरिए तंज

आतंकी हमले के बाद चार्ली एब्दो के कवर पेज पर फिर पैगंबर साहब का कार्टून - with prophet cover charlie hebdo s new edition irks muslim groups - AajTak

शार्ली एब्दो को आप भूले नहीं होंगे। शार्ली एब्दो फ्रांस की व्यंग्य मैगजीन है। शार्ली एब्दो अक्सर धार्मिक मामलों पर कार्टूनों के जरिए तंज कसती रही है। शार्ली एब्दो फरवरी 2006 में इस्लामी पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापने को लेकर चर्चा में आई थी, जिसे इस्लाम में ईशनिंदा माना जाता है। इस कार्टून को लेकर मुस्लिम जगत में रोष छा गया था। मैगजीन के कार्यालयों पर नवंबर 2011 में गोलीबारी हुई थी और बम फेंके गए थे। पैगंबर के कार्टून प्रकाशित करना इस्लाम के खिलाफ माना जाता है। इसके बावजूद शार्ली एब्दो ने पैगंबर के कार्टून प्रकाशित करना जारी रखा। 7 जनवरी 2015 को एके-47 से लैस दो बंदूकधारियों ने इस्लाम समर्थक नारे लगाते हुए शार्ली एब्दो के दफ्तर पर धावा बोला। बंदूकधारियों ने 12 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी जिसमें 2 पुलिस अफसर थे। हमलावर जोर-जोर से कह रहे थे ‘हमने पैगंबर का बदला ले लिया है’। वे ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगा रहे थे।

Charlie Hebdo Published A Cartoon About The Covid Crisis On India Pointing Hindu Deities » The Horizon Times

शार्ली एब्दो का एक कार्टून सोशल मीडिया पर वायरल है। कार्टून में हिंदू धर्म को आधार बनाते हुए भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों को संभालने में स्वास्थ्य सेवाओं की नाकामी पर व्यंग्य किया गया है। मैगजीन ने इस कार्टून को अपने फेसबुक अकाउंट पर भी साझा किया गया है जिसे हजारों लोग शेयर कर चुके हैं। भारत के तमाम लोगों ने इस कार्टून की निंदा भी की है। वहीं कई लोग इस कार्टून को भारत की स्वास्थ्य सेवा पर व्यंग्य की बजाय हिंदू समाज का मजाक उड़ाने वाला करार दे रहे हैं।

33 मिलियन देवी-देवता, एक भी आक्सीजन नहीं बना पा रहा…

शार्ली एब्दो के 28 अप्रैल, 2021 के अंक में छपे कार्टून में बड़ी संख्या में लाशें दिख रही हैं। कुछ आक्सीजन सिलेंडर हैं। और फ्रेंच भाषा में लाल रंग से लिखा है- भारत में 33 मिलियन देवी-देवता हैं, लेकिन एक भी आक्सीजन नहीं बना पा रहा!
कुछ लोगों ने हिंदू धर्म के बारे में यह मिथ्या प्रचार कर रखा है कि भारत में 33 करोड़ देवी देवता हैं। संस्कृत में 33 कोटि कहा गया है जिसके आधार पर यह आंकड़ा बताया जाता है। दरअसल संस्कृत शब्द कोटि का एक अर्थ लोग करोड़ लगाते हैं तो इसका दूसरा अर्थ ‘प्रकार’ या ‘किस्म’ भी है।

33 मिलियन क्यों लिखा

सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहे शार्ली हेब्दो में छपे कार्टून में 33 करोड़ (330 मिलियन) की जगह 33 मिलियन देवी-देवता लिखा है। 33 मिलियन का मतलब होता है 3.3 करोड़।
देवदत्त पटनायक हिन्दू धर्म और भारत की पौराणिक कथाओं की व्याख्या करने वाले जाने-माने लेखक हैं। पटनायक ने ट्वीट कर लिखा: इस कार्टून को देखकर क्या कहेंगे… पहली बात तो यह कि 33 मिलियन क्यों लिखा गया? यह तो 330 मिलियन होना चाहिए था। या केवल 33? दूसरी बात यह कि हम उनकी तरह सिर कलम नहीं करते। हम श्रेष्ठ हैं।’

33 कोटि देवी देवता

मूल संस्कृत में लिखा है हिंदुओं में 33 कोटि देवी देवता हैं। संस्कृत में कोटि का एक अर्थ प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता है। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उड़ाई गयी कि हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं। जबकि वास्तव में कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैं।
अब ये 33 कोटि के देवी देवता कौन हैं? इनमें 12 आदित्य, 11 रुद्र, 8 वसु और 2 अश्विनी कुमार हैं… यानी 12+8+11+2 =33

33 करोड़ या 33 कोटि देवी-देवता, क्या आप सुलझा पाएं हैं इस गुत्थी को? - hindu dharam interesting fact must know
हिंदू धर्म में 12 प्रकार के आदित्य हैं : धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अंश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु।
8 प्रकार वसु हैं : धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार के रुद्र हैं : हर, बहुरुप, त्रयंबक, अपराजिता, बृषाकापि, शंभू, कपर्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा और कपाली।
इसके अलावा दो प्रकार हैं- अश्विनी और कुमार।