आपका अखबार ब्यूरो ।
दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी… मास्क पहनना तो अब भी जरूरी है- लेकिन नई एडवाइजरी के मुताबिक ‘दो गज की दूरी’ कोरोना से बचाव का उतना कारगर हथियार अब नहीं रह गया है। गुरुवार को केंद्र सरकार ने भी मान लिया कि कोरोना वायरस हवा में फैल रहा है। इसलिए अब कोरोना से बचने के लिए 10 मीटर यानी 11 गज की दूरी भी पर्याप्त नहीं है।
छोड़ो कल की बातें
अभी तक कहा जा रहा था कि यदि किसी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण है तो खांसते या छींकते समय उसके ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर की दूरी तक जा सकते हैं। छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी… आज जारी केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन में कहा गया है कि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति- चाहे उसमें लक्षण प्रकट न भी हों- दस मीटर के दायरे में संक्रमण फैला सकता है।
वायरस ने बदला चाल- चेहरा- चरित्र
कल तक यही माना जा रहा था कि कोरोना वायरस हवा में संक्रमण नहीं फैलाता। लेकिन अब वायरस का चाल- चेहरा- चरित्र बदल चुका है। केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण हवा के जरिए भी फैल सकता है। एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स के जरिए हवा में वायरस का ट्रांसमिशन बहुत तेजी से होता है और एरोसोल 10 मीटर तक जाकर लोगों को संक्रमित कर सकता है।
एक ने सांस छोड़ी, दूसरे की जान पर बन आई
एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति जब सांस छोड़ता है, बोलता है, गाता है, हंसता है या छींकता है- तो इस दौरान उसके लार और नाक के जरिए ड्रॉपलेट्स और एयरोसॉल्स बन सकते हैं। ये ड्रॉपलेट्स और एयरोसॉल्स वायरस के ट्रांसमिशन को फैलाकर अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकते हैं। वायरस विशेषज्ञों के मुताबिक एक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के लक्षण प्रकट होने में कभी-कभी दो सप्ताह तक का समय लग सकता है। इस दौरान वह दूसरों को संक्रमित कर सकता है।
ऐसे में क्या करें
- एडवाइजरी में कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन सीमित करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं।
- दरवाजों के हैंडल, लाइट, स्विच, मेज, कुर्सी आदि ऐसी तमाम चीजों की सतह को लगातार और नियमित रूप से साफ किया जाना चाहिए, जिनके संपर्क में लोग ज्यादा रहते हैं। इन्हें ब्लीच और फिनायल आदि से साफ किया जाना चाहिए।
- एडवाइजरी में कहा गया है कि ग्लास, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर कोरोना का वायरस लंबे समय तक जीवित रहता है। इसलिए इनसे बनी चीजों की साफ सफाई पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए।
- कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन को रोकने के लिए मास्क पहनना, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है। लोगों को डबल मास्क या एन-95 मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
- प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने संक्रमण का खतरा कम करने के लिए घर, दफ्तर और दूसरी सार्वजनिक जगहों पर वेंटिलेशन बढ़ाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों का सख्ती से पालन आवश्यक है। एडवाइजरी में घरों दफ्तरों और और सेंट्रलाइज बिल्डिंगों में पंखे लगाकर तथा खिड़कियां-दरवाजे खोल कर एयर सर्कुलेशन बढ़ाने की सलाह दी गई है।
- पंखा किस जगह पर रखा है- इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। पंखे को ऐसी जगह पर नहीं रखा जाना चाहिए जहां से दूषित हवा किसी और तक जा सके।
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