पिछले वित्तीय वर्ष का जीडीपी संकुचन 7.3 फीसदी

आपका अखबार ब्यूरो।

गत 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 1.6 फीसदी रही। इस प्रकार पूरे साल में जीडीपी ग्रोथ -7.3 फीसदी रही। जो पहले से जताई जा रही आशंकाओं की तुलना में अर्थव्यवस्था के बेहतर स्वास्थ्य का संकेत दे रहा है। चौथी तिमाही की 1.6 फीसदी की ग्रोथ अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 0.5 फीसदी की संवृद्धि से बेहतर रही।


वित्त वर्ष 2020-21 में चार तिमाहियों में पहली दो तिमाही में जीडीपी में गिरावट रही, जबकि आखिरी दो तिमाही में इसमें बढ़त देखी गई। यह लगातार दूसरी तिमाही है जिसमें कोरोना के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था बढ़ती नजर आई है। केंद्र सरकार ने जीडीपी के जारी नए आंकड़ों में यह जानकारी दी है। साल 2019-20 में जीडीपी की संवृद्धि 4.0 फीसदी रही थी।

चालीस साल में सबसे खराब दौर

यह एक पहलू है। कोरोना संकट से जूझते देश को भविष्य के लिए एक उम्मीद बंधाता है। वहीं, दूसरा पहलू यह भी है कि गिरावट के लिहाज से देखा जाए तो हम पिछले 40 साल में अर्थव्यवस्था के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। पिछले 40 सालों में जीडीपी में इतनी गिरावट पहले कभी नहीं देखी गई। इससे पहले 1979-80 में जीडीपी -5.2  दर्ज की गई थी। राजनीति के धरातल की बात करें तो विपक्षी कांग्रेस यह कह कर खुश हो सकती है कि देखिए उस समय भी केंद्र में जनता पार्टी की सरकार थी- हमारी नहीं।

COVID-19 shook, rattled and rolled the global economy in 2020 – ugandan online radio

परिणाम सरकार के अनुमान से बेहतर

सकल घरेलू उत्पाद 2019-20 की जनवरी-मार्च अवधि में संवृद्धि 3 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार 2019-20 में वार्षिक संवृद्धि 4 फीसदी थी। एनएसओ ने इस साल जनवरी में जारी हुए राष्ट्रीय अकाउंट्स के पहले अग्रिम अनुमान में 2020-21 में जीडीपी में 7.7 फीसदी के संकुचन का आकलन किया था। एनएसओ ने अपने दूसरे संशोधित अनुमान में 8 फीसदी की गिरावट का आकलन जताया था। यानी परिणाम सरकार के अनुमान से बेहतर रहे।

विनिर्माण क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन

चौथी तिमाही में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 14 फीसदी और यूटिलिटी सेक्टर की ग्रोथ 9.1 फीसदी रही। यूटिलिटी में गैस, बिजली, पानी की सप्लाई आती है। दूसरी तरफ सर्विसेज में 2.3 फीसदी की गिरावट आई। सर्विसेज में होटल, ट्रेड और ट्रांसपोर्ट जैसी चीजें आती हैं। हालांकि, कंस्ट्रक्शन और यूटिलिटी क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से पिछले वित्त वर्ष जीडीपी में अनुमान से कम गिरावट आई।

Summary of Economic Survey-2020-21

तीसरी तिमाही से सुधार

पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था फिर से संवृद्धि के रास्ते पर लौट आई थी। दिसंबर तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 0.5 फीसदी थी। पहली तिमाही में करीब 24 फीसदी और दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी का संकुचन हुआ था।

अप्रैल-जून तिमाही पर दूसरी लहर की मार

माना जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी पर कोरोना की दूसरी लहर की मार पड़ेगी। इस वजह से पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया गया है। ग्रोथ के रास्ते पर लौट रही अर्थव्यवस्था को कोरोना की दूसरी लहर ने प्रभावित किया है। हालांकि, दूसरी लहर का असर सिर्फ अप्रैल-जून तिमाही पर ही रहेगा।