के. विक्रम राव।

इसके पहले कि आप आगे पढ़कर इस राजनेता को पूर्णतया कुत्सित और सिर्फ घृणास्पद मान लें, उससे जुड़ी तीन नेक बातों का उल्लेख पहले कर दूं।


एक- जब नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील गणराज्य के इस छाछठ वर्षीय 38वें राष्ट्रपति तथा भारतमित्र जायूर मसीहा बोल्सोनारो को उनके बीस करोड़ नागरिकों हेतु कोविड-19 कोवैक्सीन खुराक भेजी थी तो उन्होंने आभार में कहा था कि: ”हनुमान संजीवनी लाये थे, रामानुज को बचाया था। वैसे ही कोविड-19 से निबटने हेतु मोदीजी ने हमें संजीवनी भेजी है (22 जनवरी 2021)।”

Brazilian President Jair Messias Bolsonaro to begin 4-day India visit from Friday - The Financial Express

दो- एक उपकार ब्राजील ने किया था कि भारत के वित्तीय उत्कर्ष के लिये चीन, रूस तथा दक्षिण अफ्रीका के साथ परस्पर सहयोग के तीन गठबंधन रचे। इसे ब्रिक्स, आईबीएस तथा बीएएसआईसी नाम दिया। इससे भारत को विकास के अपार अवसर मिले।

तीन- अगली ​और अन्तिम कृपा यह कि 2020 के गणतंत्र दिवस पर वे नयी दिल्ली में विशेष अतिथि थे। दक्षिण एशिया और लातिन अमेरिका के इन दोनों राष्ट्रों की डेढ़ अरब जनता के दो नुमाइन्दे साथ थे। बस अब इतना ही। और आगे अच्छा नहीं है।

सड़कों पर निकल आई जनता

Brazilians stage nationwide protests over Bolsonaro's Covid response

राष्ट्रपति के खिलाफ ब्राजील में देशव्यापी प्रदर्शन शुरु हो गए हैं। लोगों का आरोप है कि उनकी सरकार कोविड संकट पर काबू पाने में नाकाम रही है। अब तक देश में चार लाख साठ हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है। अकेले मार्च महीने में साठ हजार से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया। अमेरिका के बाद कोरोना से सबसे ज्यादा लोग ब्राजील में ही मारे गए। अत: ब्राजील के विभिन्न शहरों में जनता सड़कों पर निकल आयी। वे सब थाली पीटकर बोल्सोनारो की मौत की प्रार्थना कर रहे थे।

थाली पीटकर विरोध का गुजरात कनेक्शन

वस्तुत: विरोध का यह तरीका अहमदाबाद में नवनिर्माण आन्दोलन के दौरान (20 दिसंबर 1973- 16 मार्च 1974) सामने आया था। छात्र संघर्ष समिति ने कांग्रेस मुख्यमंत्री चिमनभाई जीवाभाई पटेल की बर्खास्तगी तथा राज्य विधानसभा को भंग करने हेतु यह जनसंघर्ष समस्त गुजरात राज्य में चलाया था। इंदिरा-कांग्रेस की सरकार का यह मृत्युघंट था। अत: तीन चौथाई विधायकों ने जनता के आग्रह पर त्यागपत्र स्पीकर को दे दिया। राष्ट्रपति शासन लग गया। आम चुनाव में जनता मोर्चा की सरकार बनी। गांधीवादी बाबूभाई पटेल मुख्यमंत्री बने। मगर एमरजेंसी थोप दी गयी। गुजरात में केन्द्र का शासन हो गया। यह थाली पीटनेवाले विरोध का तरीका तभी से प्रचलन में आया। इसके पहले अलग गुजरात प्रदेश के लिये गांधीवादी इन्दुलाल याज्ञिक के नेतृत्व में चले आन्दोलन में ”जनता कर्फ्यूवाले” जनविरोध का तरीका इजाद हुआ। तब केन्द्र सरकार के इन्दिरा गांधी के काबीना का कोई भी मंत्री, खासकर मोरारजी देसाई, आदि आते थे तो अहमदाबाद की सड़कें सूनसान हो जातीं थीं। जैसे आये, वैसे ही उलटे पैर गुजरात से लोग दिल्ली, मुम्बई वापस लौट जाते थे। आज ब्राजील के शहरों में मिलता-जुलता नजारा दिख रहा है।

बोल्सोनारो की घृणास्पद बातें

How Bolsonaro's behavior runs counter to fighting gender violence |  openDemocracy

अब बोल्सोनारो की प्रमाणित घृणास्पद बातें। इस राष्ट्रपति ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि पुरुष-महिला के समान वेतन वाले नियम का वे खात्मा चाहते है। कारण! ”महिला गर्भधारण करती हैं। छुट्टी ले लेतीं हैं।” उनके आकलन में अरब देश तथा अफ्रीकी राष्ट्र मानवता की संचित गंदगी हैं। झाड़ना चाहिये। ब्राजील की सेना से रिटायर यह राष्ट्रपति सैनिक शासन का हिमायती है। वह हत्या का विरोधी हैं, मगर तड़पा कर मृत्यु देने का पक्षधर है। फांसी को दोबारा कानून बनाना चाहता है।

छह माह की सजा, दस हजार डालर जुर्माना

Brazil: Thousands of women rally against far-right Bolsonaro | Human Rights  News | Al Jazeera

बोल्सोनारो को ब्राजील का डोनल्ड ट्रंप माना जाता है। वह नारी-द्वेषी है। उनके दो पुत्र है। तीसरी संतान एक बेटी है जिसे वह ”मेरे कमजोर क्षणों की देन” कहते हैं। उसकी दृढ़ मान्यता है कि सेक्युलर गणराज्य की अवधारणा ही बेहूदी है, फिजूल है। ईश्वर सर्वोपरि है। उनकी मां ने उनका नाम रखा ”जायूर मसीहा बोल्सोनारो” क्योंकि वह मानती रही कि जीसस क्राइस्ट ने उनके पुत्र को भेजा है। राष्ट्रपति कहते हैं कि यदि अठारह वर्ष से कम का व्यक्ति बलात्कार आदि घृणित अपराध करता है तो उसे बालिग की भांति दण्ड मिले। इस पर उनकी विपक्षी सांसद तथा पूर्व मानवाधिकार मंत्री मारिया डी रोजारियो ने बोल्सोनारो को रेपिस्ट कहा। मगर राष्ट्रपति का प्रत्युत्तर था : ”मारिया तो बलात्कार लायक भी नहीं हैं।” तब अदालत ने इन्हें छह माह की सजा दी और दस हजार डालर का जुर्माना लगाया।

हिंसा सियासत का अनिवार्य अंग

The Women-Led Opposition to Jair Bolsonaro - The Atlantic

बोल्सोनारो का मानना है कि हिंसा सियासत का अनिवार्य अंग है। एक टीवी इंटरव्यू में वे बोले कि ब्राजील को विकसित बनाना है तो ‘तीस हजार लोगों को गोली से उड़ा देना चाहिये। इसकी शुरुआत समाजवादी नेता प्रोफेसर फर्नाण्डो हेनरिख कार्डोसो से हो।’ यह नेता ब्राजील का 34वां राष्ट्रपति था। समाजशास्त्र का निष्णात था।

हाल ही में राजधानी रियो डि जेनेरो में भारतीय राजदूत सुरेश के. रेड्डि ने ”इंडियन एक्सप्रेस” को बताया था कि ब्राजील पहला देश है जिसे कोवैक्सीन भारत ने भेजा था। दोनों राष्ट्रों की मैत्री प्रगाढ़तम है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। आलेख सोशल मीडिया से साभार)