प्रमोद जोशी ।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच जिनीवा में शिखर-वार्ता बुधवार को ऐसे मौके पर हुई है जब दोनों देशों के रिश्ते बदतर स्थिति में हैं। दुनिया पर एक नए शीतयुद्ध का खतरा मंडरा रहा है, जिसमें रूस और चीन मिलकर अमेरिका और उसके मित्र देशों का प्रतिरोध कर रहे हैं। हालांकि बातचीत काफी अच्छे माहौल में हुई, पर बाइडेन ने साइबर हमलों, रूसी विरोधी नेता अलेक्सी नवेलनी की गिरफ्तारी और मानवाधिकार के सवालों को उठाकर अपने मंतव्य को भी स्पष्ट कर दिया। पर इतना लगता है कि अमेरिका की कोशिश है कि रूस पूरी तरह से चीन के खेमे में जाने के बजाय अमेरिका के साथ भी जुड़ा रहे। रूस के लिए महान शक्ति विशेषण का इस्तेमाल करके उन्होंने रूस को खुश करने की कोशिश भी की है।


वार्ता एक ही दौर में पूरी

जिनीवा में बातचीत के बाद जो बाइडेन ने कहा कि दो महान शक्तियों ने उम्मीद से काफी पहले यह वार्ता संपन्न की है। इस रूबरू बातचीत का परिणाम है कि दोनों देशों ने तनाव दूर करने के लिए अपने-अपने देशों के राजदूतों को फिर से काम पर वापस भेजने का फैसला किया है।

दोनों के बीच यह बातचीत विला ला ग्रेंज में हुई। बातचीत को दो दौर में होना था और दोनों के बीच मध्यांतर की योजना थी, पर वार्ता लगातार चलती रही और एक ही दौर में पूरी हो गई। दोनों पक्षों को लगता था कि कुल मिलाकर चार से पाँच घंटे तक बातचीत चलेगी, पर वह तीन घंटे से कम समय में ही पूरी हो गई।

बातचीत ‘बेहद रचनात्मक’ रही : पुतिन

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वार्ता खत्म होने के बाद रूसी राष्ट्रपति ने सबसे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, बातचीत ‘बेहद रचनात्मक’ रही और मुझे नहीं लगता है कि हमारे बीच कोई ‘दुश्मनी’ है। पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ़ की और उन्हें एक ‘अनुभवी राजनेता’ बताया। उन्होंने कहा कि बाइडेन “पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से काफी अलग हैं।” उन्होंने कहा कि हमने विस्तार से दो घंटे में बातचीत की जो कि आप बहुत से राजनेताओं के साथ नहीं कर सकते हैं।

मुलाक़ात बेहद ज़रूरी थी : बाइडेन

पुतिन के एक घंटे तक चले वक्तव्य के बाद जो बाइडेन ने कहा कि दोनों के बीच बैठक सकारात्मक रही। उन्होंने कहा, “मैंने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि मेरा एजेंडा रूस या किसी और ख़िलाफ़ नहीं है, बल्कि यह अमेरिका और अमेरिकी लोगों के हक में हैं।”

Biden, Putin Hold Highly Anticipated Summit | Voice of America - English

बाइडेन ने कहा कि पुतिन से व्यक्तिगत तौर पर मुलाक़ात करना बेहद ज़रूरी थी ताकि उनके इरादों के बारे में कोई ग़लत राय न बने। उन्होंने कहा, “मैंने वही किया जो करने आया था। पहला, उन क्षेत्रों की पहचान करना जिनमें दोनों देश अपने पारस्परिक हितों और दुनिया के भले को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ सकते हैं; दूसरा, सीधे संवाद करना; और तीसरा, अपने देश की प्राथमिकताओं और मूल्यों को स्पष्ट तौर पर सामने रखना जो उन्होंने सीधे तौर पर मुझसे सुना।”

तीन महीने पहले जब बाइडेन ने पुतिन को हत्यारा बताया था, तब रूस ने वॉशिंगटन से अपने राजदूत अनातोली अंतोनोव को वापस बुला लिया था। दो महीने पहले रूस ने अमेरिकी राजदूत जॉन सुलीवन से कहा कि आप भी वापस जाएं और वे वापस चले गए।

अपने हित को साबित करने का मामला

जब एक रिपोर्टर ने पूछा कि क्या पुतिन पर भरोसा किया जा सकता है, बाइडेन ने सिर हिलाया। संवाददाता सम्मेलन में जब बाइडेन ने पूछा गया कि क्या वो पुतिन पर भरोसा करते हैं, उन्होंने कहा कि “यहां मामला भरोसे का नहीं है। यह खुद के हितों और अपने हित को साबित करने का मामला है।”

इसके फौरन बाद ह्वाइट हाउस ने एक ट्वीट जारी किया कि राष्ट्रपति ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया था। जब पत्रकारों ने सवाल किए, तो शिष्टाचार के तौर पर सवाल को सुना मात्र था। दूसरी तरफ पुतिन ने रिपोर्टरों के तेज आवाज में पूछे गए सवालों की भी अनदेखी की। इनमें एक सवाल यह भी था कि क्या वे जेल में कैद विपक्षी नेता अलेक्सी नवेलनी से घबराते हैं?

बाइडेन और पुतिन की रूबरू वार्ता के पहले दोनों नेताओं के साथ अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकेन और रूसी विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव भी छोटी सी मुलाकात में शामिल हुए।

पुतिन का पलटवार

Live blog: US President Joe Biden, Russian President Vladimir Putin hold historic summit in Geneva, World News | wionews.com

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीबीसी संवाददाता स्टीव रोज़नबर्ग ने सवाल किया कि ‘पश्चिमी देश मानते हैं कि रूस की विदेश नीति’ में ‘अनिश्चितता के तत्व’ हैं। इसके उत्तर में पुतिन ने कहा, “आपने पूछा कि पश्चिमी देश मानते हैं कि रूसी विदेश नीति में अनिश्चितता है। साल 2002 में जब अमेरिका ने एंटी बैलिस्टिक मिसाइल समझौते (एबीएम ट्रीटी) से बाहर जाने का फ़ैसला किया वह अनिश्चितता था। आप मुझे बताएं कि ऐसे उन्होंने क्यों किया?”

“इसके बाद साल 2019 में अमेरिका ने स्थिरता के लिए ज़रूरी इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स समझौते (आईएनएफ़ ट्रीटी) से बाहर जाने का फ़ैसला किया और सामरिक तौर पर अहम इस समझौते को कम कर आंका। क्या इसे आप स्थिरता कहते हैं? ओपन स्काईज़ समझौते से भी अमेरिका बाहर गया, क्या इसे भी आप स्थिरता कहेंगे?”

जब पुतिन से जेल में बंद उनके विरोधी एलेक्सी नवेलनी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घटना पर निष्पक्ष कवरेज नहीं हुई। पुतिन ने कहा, “यह व्यक्ति जानता है कि उसने रूस के क़ानून का उल्लंघन किया है और वह बार-बार उसका उल्लंघन करने का अपराधी है। वह जानते हैं कि वो वॉन्टेड हैं लेकिन फिर भी वो रूस लौटे और जानबूझकर गिरफ़्तार होना चाहते थे। उन्होंने वही किया जो वो करना चाहते थे।”

अमेरिका का मानवाधिकारों पर जोर

Watch Joe Biden discuss his meeting with Russia's Putin | National | derbyinformer.com

बाइडेन ने कहा कि उन्होंने मानवाधिकारों के मुद्दों पर जोर दिया। इसमें दो अमेरिकियों के मामले शामिल हैं जिनके बारे में बाइडेन का कहना है कि उन्हें रूस में ‘गलत तरीके से कैद’ रखा गया है। बाइडेन ने यह भी कहा कि वह पुतिन विरोधी नेता अलेक्सी नवेलनी जैसे मामलों के बारे में अपनी चिंताओं को उठाते रहेंगे। नवेलनी अभी जेल में बंद हैं।

शिखर वार्ता से एक दिन पहले बाइडेन ने जहां पुतिन को ‘योग्य-प्रतिस्पर्धी’ बताया वहीं रूसी राष्ट्रपति ने भी बैठक से पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ की थी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। आलेख ‘जिज्ञासा’ से साभार)