प्रमोद जोशी। 

बीबीसी का हिंदी वैबसाइट के अनुसार प्रशांत किशोर के साथ राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी की एक साथ हुई मुलाक़ात काफ़ी सुर्खियाँ बटोर रही है। समाचार पत्रों से लेकर तमाम न्यूज़ चैनल में सूत्र बस ये बता रहे हैं कि ‘कुछ बड़ा’ होने वाला है। यह ‘बड़ा’ क्या है? इसके बारे खुल कर कोई कुछ नहीं बता रहा है। चारों की मुलाक़ात की आधिकारिक पुष्टि भी अंततः हो गई। और लग यह रहा है कि यह बड़ा प्रशांत किशोर हैं, जो कांग्रेस में बाकायदा शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस में उनके शामिल होने की खबर इतने जोरदार तरीके से सुनाई पड़ी है कि राहुल गांधी की करीबी मानी जाने वाली एक नेता ने ट्वीट करके इस खबर का स्वागत भी कर दिया। इसके फौरन बाद यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस मुलाकात का अनुरोध प्रशांत किशोर ने किया था। यह मुलाकात चार घंटे तक चली थी।


याद है, प्रशांत किशोर ने कहा था…

Is Prashant Kishor planning a new innings with the Congress? | India News - Times of India

हालांकि प्रशांत किशोर ने कहा था कि बंगाल के चुनाव के बाद मैं इस काम से हट जाऊंगा, पर लगता है कि वे राजनीति में सक्रिय रहेंगे। कहा यह भी जा रहा है के वे अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इस बार सलाहकार के रूप में नहीं बल्कि किसी पदाधिकारी के रूप में आएंगे। सच यह भी है कि चारों की मुलाक़ात ऐसे वक़्त में हुई, जब कांग्रेस आलाकमान चौतरफ़ा संकट से घिरी है। अब विश्लेषण इस बात पर होगा कि वे पार्टी के किसी महत्वपूर्ण पद पर शामिल हुए, तो संगठन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? हालांकि प्रशांत किशोर इसके पहले जेडीयू में भी शामिल हो चुके हैं और वहाँ उपाध्यक्ष पद पर रहे हैं, पर वे खांटी राजनीतिक नेता नहीं है।

अमरिंदर-सिद्धू खींचतान

Punjab: CM Captain Amarinder Singh-Navjot Singh Sidhu tussle makes it a difficult call for Congress | Chandigarh News - Times of India

कई लोग इस मुलाक़ात को पंजाब कांग्रेस में चल रही कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के खींचतान से जोड़ कर देख रहे थे, तो कहीं राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही रस्साकशी से इसे जोड़ा गया। कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में भी टीएस सिंह देव और भूपेश बघेल के बीच भी सब कुछ ठीक नहीं है। पता यह लगा है कि इस मुलाकात में राज्यों की राजनीति पर विचार नहीं हुआ, बल्कि प्रशांत किशोर को कोई महत्वपूर्ण भूमिका देने पर विचार हुआ।

बने रहेंगे अधीर रंजन चौधरी

क्या अधीर रंजन चौधरी करेंगे लोकसभा में कांग्रेस का नेतृत्‍व, जानें पार्टी का जवाब - will adhir ranjan chowdhury lead congress in lok sabha

उधर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की संसदीय नीति समूह की बैठक भी आज बुलाई है। इस बैठक में लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को हटाकर उनकी जगह किसी दूसरे नेता की नियुक्ति किए जाने की संभावना थी, पर बैठक के बाद कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि आगामी सत्र में भी अधीर रंजन चौधरी ही कांग्रेस के नेता होंगे। पार्टी ने उनकी जगह किसी और को नेता चुनने की अटकलों को खारिज कर दिया।

संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र की तारीख आने के साथ ही बीते कुछ दिन सें अधीर रंजन को हटाने की खबरें लगातार आ रही थीं। कहा जा रहा था कि कांग्रेस सदन में और संसद से बाहर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी रणनीति को उत्प्रेरित करने वाले एक नया चेहरा को नियुक्त करने पर विचार कर रही है। पार्टी के आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, संसद सत्र में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है। ऐसे में लोकसभा में पार्टी के नेता का बदलाव संभव नहीं है। बहरहाल बुधवार की बैठक में संसद के मानसून सत्र के दौरान पार्टी द्वारा उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

कांग्रेस की संभावनाओं पर बात

After talks with Sharad Pawar, Prashant Kishor meets the Gandhis; 2024 polls likely agenda

राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ हुई बैठक के बारे में बताया गया कि बैठक के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ऑनलाइन जुड़ीं। उनके अलावा केसी वेणुगोपाल भी बैठक में मौजूद रहे। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पंजाब में कांग्रेस नेताओं के बीच विवाद पर कोई बात नहीं हुई, और न शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कोई चर्चा की हुई। प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की संभावनाओं को लेकर बात की।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। सौजन्य: जिज्ञासा )