समीक्षा: वेब सिरीज “रॉकेट बॉयज”

राजीव रंजन।
डॉ. होमी जहांगीर भाभा, भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक… डॉ. विक्रम अंबालाल साराभाई, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक… दोनों आजादी के बाद भारत की वैज्ञानिक प्रगति के पुरोधा। आज भारत परमाणु शक्ति है और सामरिक रूप से दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार है। डॉ. भाभा की प्रतिभा, दूरदृष्टि और देशप्रेम इस उपलब्धि की आधारशिला है। वे भारत के परमाणु शक्ति संपन्न होने के प्रबल पक्षधर थे। 1962 में चीन से मिली पराजय के बाद तो उन्होंने परमाणु बम बनाने की वकालत बहुत जोरदार तरीके से तथा खुलकर की और देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को इसके लिए राजी किया। आज अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी भारत की उपलब्धियां अतुलनीय हैं। पत्रकार राजीव अपने ब्लॉग में लिखते हैं-  डॉ. साराभाई ने थुम्बा से रॉकेट लॉन्च कर जो स्वर्णिम अध्याय रचा था, आज उसका विस्तार हम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) की शानदार सफलताओं के रूप में देख रहे हैं। इन दोनों का जीवन देश के प्रति सच्चे अनुराग की बेमिसाल कहानी है।

भाभा और साराभाई

The Big Creek Missile Agency | Air & Space Magazine | Smithsonian Magazine

30 अक्तूबर 1909 को मुंबई (तब बंबई) के एक समृद्ध पारसी परिवार में जन्मे होमी भाभा ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की थी। उनसे करीब 10 साल बाद, 12 अगस्त 1919 को गुजरात के एक बड़े औद्योगिक घराने में जन्म लेने वाले डॉ. विक्रम साराभाई ने भी कैंब्रिज विश्वविद्यालय से ही पीएच.डी. की थी। लेकिन दोनों ने अपनी व्यक्तिगत महत्त्वाकांक्षाओं को किनारे कर, वापस भारत लौटकर यहां के लोगों के लिए काम करने का फैसला किया। दोनों ने कई संस्थाओं की स्थापना की। दोनों में एक और समानता थी, और वह थी दोनों की आकस्मिक मृत्यु। 24 जनवरी 1966 को भाभा मॉन्ट ब्लांक में आल्प्स पर्वतश्रेणी में एयर इंडिया के विमान की दुर्घटना में मारे गए। तब भाभा भारत को परमाणु बम देने के करीब पहुंच चुके थे। 30 दिसंबर 1971 को साराभाई की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। उसके एक दिन पहले उन्होंने डॉ. कलाम से बात की थी और एक बेहद महत्त्वपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में लगे थे। उनका पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया। हालांकि उनके परिवार के लोगों ने ही पोस्टमार्टम नहीं कराने का फैसला लिया था। वैसे आईआईएम, अहमदाबाद की स्थापना में साराभाई के साथ बेहद अहम भूमिका निभाने वाली डॉ. कमला चौधरी ने एक बार कहा था कि साराभाई ने उन्हें एक बार यह बताई थी कि रूसी और अमेरिकी उनके पीछे पड़े हैं। भाभा की मृत्यु के पीछे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का हाथ होने की बातें समय-समय पर चर्चा में आती रहती हैं।

भारत की वैज्ञानिक प्रगति की नींव

Rocket Boys Review: Jim Sarbh, Ishwak Singh's SonyLiv series on Homi Bhabha, Vikram Sarabhai spaces out - Binge Watch News

भारत के इन्हीं दो महान मस्तिष्कों के जीवन पर आधारित है सोनी लिव की नई वेब सिरीज- ‘रॉकेट बॉयज’। यह सिरीज न सिर्फ दोनों के निजी जीवन और उपलब्धियों के बारें में बताती है, बल्कि दोनों के आपसी सम्बंधों और दोनों के एक-दूसरे पर प्रभाव को भी दिखाती है। ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस’, नोबल पुरस्कार पाने वाले भारत के पहले वैज्ञानिक सी.वी. रमण तब जिसके डायरेक्टर थे, में भाभा और साराभाई की हुई मुलाकात ने कैसे भारत की वैज्ञानिक प्रगति की नींव रखी, यह सिरीज बखूबी बयान करती है। साथ ही, यह तत्कालीन भारत के राजनीतिक-आर्थिक हालात की झलक भी पेश करती है। यह सिरीज आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे भारत में तब वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़े संस्थानों की स्थापना में आने वाली भीषण कठिनाइयों पर भी प्रकाश डालती है। वैज्ञानिक बिरादरी के आपसी टकरावों और षडयंत्रों की भी झलक पेश करती है। भारत के परमाणु प्रगति में रोड़े अटकाने के अमेरिकी साजिशों को भी दिखाती है और साथ ही, देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू तथा भाभा के सम्बंधों को भी प्रभावी तरीके से दिखाती है। हालांकि उसमें थोड़ा अतिरेक भी दिखता है।

कई चीजों से बचा जा सकता था

Rocket Boys: Cast, Release Date, Story, Director & Everything Else You Need To Know - See Latest

वैसे इसमें कोई शक नहीं कि सिरीज की पटकथा अचछी है और लगता है कि बहुत शोध के बाद लिखी गई है। संवाद भी अच्छे हैं और सिरीज को रोचक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। अभय पन्नू का निर्देशन प्रभावित करता है। सिरीज को रोचक बनाने के लिए रचनात्मक छूट भी काफी ली गई है। हालांकि कई चीजों से बचा जा सकता था। लेखक और मनोवैज्ञानिक सुधीर कक्कड़ ने अपनी एक किताब में दावा किया था कि डॉ. विक्रम साराभाई के डॉ. कमला चौधरी के साथ प्रेम सम्बंध थे। साराभाई ने कमला चौधरी को अपने शहर अहमदाबाद में रोकने के लिए आईआईएम, अहमदाबाद की स्थापना की थी। हालांकि साराभाई की बेटी मल्लिका साराभाई ने इस बात को सिरे से नकार दिया था। सिरीज में साराभाई के इस तथाकथित विवाहेत्तर प्रेम प्रसंग को भी रखा गया है। ऐसे प्रसंगों से बचना चाहिए था, जिसकी प्रामाणिकता सिद्ध नहीं है। डॉ. भाभा के किरदार को भी बहुत नाटकीय दिखाया गया है। वहीं डॉ. सी.वी. रमण के किरदार के साथ न्याय नहीं किया गया है। वह थोड़ा हल्का नजर आता है। किरदार भले ही छोटा था, लेकिन उसे बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था, जैसे भारत के मिसाइल कार्यक्रम के पुरोधा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के किरदार को पेश किया गया है। डॉ. भाभा एक अच्छे पेंटर, आर्ट कलेक्टर और शास्त्रीय संगीत के कद्रदान थे। लेकिन उनका ये पक्ष सिरीज में उभरकर नहीं आ पाया है।
NASA - Rocket Boys

बैकग्राउंड म्यूजिक और कास्टिंग शानदार

हालांकि इन कमियों के बावजूद यह सिरीज अपने मूल उद्देश्य से भटकती नहीं है। इस सिरीज का बैकग्राउंड म्यूजिक शानदार है और सिरीज की आत्मा के अनुरूप है। इस सिरीज में जो बात सबसे ज्यादा प्रभावित करती है, वह है इसकी कास्टिंग। इसके लिए कास्टिंग करने वाली टीम बधाई की पात्र है। कलाकारों का चयन बहुत अच्छा है। भाभा के रूप में जिम सर्भ का अभिनय अभिभूत करने वाला है। तमाम नाटकीयता के बावजूद, उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया है। यह उनके करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ काम है। साराभाई के रूप में इश्वाक सिंह गहरी छाप छोड़ते हैं। उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। उनकी पत्नी मृणालिनी साराभाई के किरदार में रेजिना कैसेंड्रा बहुत गरिमामय लगी हैं। उनका अभिनय सधा हुआ है। भाभा की प्रेमिका परवाना ईरानी के किरदार में सबा आजाद भी प्रभावित करती हैं। नेहरू जी की भूमिका में रजित कपूर का अभिनय बहुत सधा हुआ है। वैज्ञानिक रजा मेहदी (संभवतः भाभा के साथ काम करने वाले डॉ. राजा रमन्ना से प्रभावित किरदार, जो भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के प्रमुख भी रहे थे) के किरदार में दिव्येंदु भट्टाचार्य, विश्वेस माथुर के किरदार में के.सी. शंकर, कलाम के रूप में अर्जुन राधाकृष्णन और पत्रकार प्रसेनजीत डे के रूप में नमित दास का अभिनय भी बहुत अच्छा है। बाकी सभी कलाकारों ने भी अपना काम बहुत अच्छे से किया है। यह सिरीज भावुक करती है, प्रेरित करती है और गर्व का भाव पैदा करती है। जरूर देखें। और हां, इसका दूसरा भाग आने की भी पूरी संभावना है।
Scam 1992' composer Achint Thakkar explains his approach to 'Rocket Boys' score

वेब सिरीज: रॉकेट बॉयज
ओटीटी प्लेटफॉर्म: सोनी लिव
निर्देशक: अभय पन्नू
क्रिएटर: निखिल आडवाणी
कलाकार: जिम सर्भ, इश्वाक सिंह, रेजिना कैसेंड्रा, सबा आजाद, रजित कपूर, दिव्येंदु भट्टाचार्य, अर्जुन राधाकृष्णन, नमित दास, के. सी. शंकर, मार्क बेनिंगटन, राजीव कचरू
स्टार- 3 (तीन)