आपका अखबार ब्यूरो।

क्या राहुल गांधी वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल से डर गए? राहुल गांधी ने आज कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में आरोप लगाया कि पार्टी के तेइस नेताओं ने जिस समय यह चिट्ठी लिखी वह भाजपा की मदद करवाने वाली थी। सिब्बल ने जवाबी हमला किया तो राहुल गांधी अपनी बात से मुकर गए।


 

राहुल गांधी ने कार्यसमिति की बैठक में यह आरोप तो लगाया। उनकी कोशिश आक्रामक दिखने की थी। वे तो बोल तो गए पर उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उसकी ऐसी प्रतिक्रिया होगी। कपिल सिब्बल ने जैसे ही ट्वीट किया कि तीस साल में उन्होंने भाजपा के समर्थन में कभी कोई बयान नहीं दिया। राहुल ने फोन करके उनसे कहा कि उन्होंने कार्यसमिति में ऐसी कोई बात कही ही नहीं। उसके बाद सिब्बल ने फिर ट्वीट किया कि राहुल गांधी ने सीधे उनको यह बात बताई। इसलिए वे अपनी पहली ट्वीट वापस ले रहे हैं।

राहुल गांधी की प्रतिष्ठा बचाने के लिए पार्टी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से बयान दिलवाया कि राहुल गांधी ने ऐसी कोई बात नहीं कही थी। कई कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सिब्बल कार्यसमिति के सदस्य नहीं है। इसलिए बैठक में थे ही नहीं। पर राहुल गांधी की पोल खोलने के लिए राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का बयान काफी है। आजाद कार्यसमिति की बैठक में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी का भाजपा से मिलीभगत का आरोप साबित हो जाय तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे।


यह पहली बार हो रहा है कि राहुल गांधी के कहे को कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता खुलेआम चुनौती दी है। राहुल गांधी की कोटरी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। यह कोटरी चाहती है कि राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालें। सोमवार को हुई कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के तेवर से राहुल गांधी की आगे की राह निष्कंटक नहीं लग रही है।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments