आपका अखबार ब्यूरो।
क्या राहुल गांधी वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल से डर गए? राहुल गांधी ने आज कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में आरोप लगाया कि पार्टी के तेइस नेताओं ने जिस समय यह चिट्ठी लिखी वह भाजपा की मदद करवाने वाली थी। सिब्बल ने जवाबी हमला किया तो राहुल गांधी अपनी बात से मुकर गए।
राहुल गांधी ने कार्यसमिति की बैठक में यह आरोप तो लगाया। उनकी कोशिश आक्रामक दिखने की थी। वे तो बोल तो गए पर उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उसकी ऐसी प्रतिक्रिया होगी। कपिल सिब्बल ने जैसे ही ट्वीट किया कि तीस साल में उन्होंने भाजपा के समर्थन में कभी कोई बयान नहीं दिया। राहुल ने फोन करके उनसे कहा कि उन्होंने कार्यसमिति में ऐसी कोई बात कही ही नहीं। उसके बाद सिब्बल ने फिर ट्वीट किया कि राहुल गांधी ने सीधे उनको यह बात बताई। इसलिए वे अपनी पहली ट्वीट वापस ले रहे हैं।
Was informed by Rahul Gandhi personally that he never said what was attributed to him .
I therefore withdraw my tweet .
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 24, 2020
A section of media is wrongly attributing that, in CWC I told Shri Rahul Gandhi to prove that the letter written by us is in collusion with BJP-“let me make it very clear that Shri Rahul Gandhi has neither in CWC nor outside said that this letter was written at the behest of BJP”
— Ghulam Nabi Azad (@ghulamnazad) August 24, 2020
राहुल गांधी की प्रतिष्ठा बचाने के लिए पार्टी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से बयान दिलवाया कि राहुल गांधी ने ऐसी कोई बात नहीं कही थी। कई कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि सिब्बल कार्यसमिति के सदस्य नहीं है। इसलिए बैठक में थे ही नहीं। पर राहुल गांधी की पोल खोलने के लिए राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद का बयान काफी है। आजाद कार्यसमिति की बैठक में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यदि राहुल गांधी का भाजपा से मिलीभगत का आरोप साबित हो जाय तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे।
Sh. Rahul Gandhi hasn’t said a word of this nature nor alluded to it.
Pl don’t be mislead by false media discourse or misinformation being spread.
But yes, we all need to work together in fighting the draconian Modi rule rather then fighting & hurting each other & the Congress. https://t.co/x6FvPpe7I1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 24, 2020
यह पहली बार हो रहा है कि राहुल गांधी के कहे को कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता खुलेआम चुनौती दी है। राहुल गांधी की कोटरी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। यह कोटरी चाहती है कि राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालें। सोमवार को हुई कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के तेवर से राहुल गांधी की आगे की राह निष्कंटक नहीं लग रही है।