केंद्र सरकार ने सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया 

— आपका अख़बार ब्यूरो ।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न प्रणब मुखर्जी अब इन दुनिया में नहीं रहे। उनका सोमवार की शाम को दिल्ली के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे।उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने यह जानकारी ट्वीट करके दी।

अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया। आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’


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दस अगस्त से अस्पताल में भर्ती 

प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  उसी दिन उनके मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी सर्जरी की गई थी। मस्तिष्क की सफल सर्जरी के बाद उनके फेफड़े में संक्रमण फैल गया था। जिसके बाद वह काफी समय से जीवन रक्षा प्रणाली पर थे। अस्पताल में भर्ती के समय उनका कोरोना टेस्ट कराया गया था जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी।

केंद्र सरकार ने प्रणब मुख़र्जी के सम्मान में 31 अगस्त से 6 सितम्बर तक सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।  मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे।

देश भर में शोक की लहर 

प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं।’

 उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू का हवाला देते हुए  ट्वीट किया, ‘उनके (मुखर्जी के) निधन से देश ने एक बुजुर्ग राजनेता को खो दिया है। वह सामान्य पृष्ठभूमि से ऊपर उठकर अपने कठिन परिश्रम, अनुशासन और समर्पण से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचे थे।’

 

राष्ट्र के विकास पथ पर अमिट छाप : मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए कहा, ‘भारत, भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोकाकुल है। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वर्ष 2014 में दिल्ली में नया था, मुझे पहले दिन से उनका मागदर्शन, सहयोग पाने का सौभाग्य मिला। उनकी यादों को हमेशा संजोए रखूंगा।’

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘हमारे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के दुखद निधन की खबर मिली। देश बहुत दुखी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने में खुद को देश के साथ जोड़ता हूं। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’

 

विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और फिर राष्ट्रपति 

प्रणब मुखर्जी 25 अक्टूबर 2006 से 23 मई 2009 तक देश के विदेश मंत्री रहे। 24 जनवरी 2009 से मई 2012 तक वह देश के वित्त मंत्री भी रहे। 20 मई 2009 को वह जंगीपुर संसदीय सीट से ही 15वीं लोकसभा के लिए दूसरी बार चुने गए। प्रणब दा ने 25 जून 2012 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और 2012 से 2017 तक भारत के 13वें  राष्ट्रपति रहे।


 

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