आपका अख़बार ब्यूरो ।
पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजकीय सम्मान के साथ लोधी श्मशान घाट पर प्रणब दा पंचतत्व में विलीन हो गए।
कोविड प्रोटोकॉल
उनका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया। प्रणब मुख़र्जी कोरोना पॉजिटिव थे, इस वजह से उनके अंतिम संस्कार में कम ही लोग शामिल हुए। उनके परिवार के लोग और रिश्तेदार पीपीई किट पहने हुए थे। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने पिता प्रणब मुखर्जी को मुखाग्नि दी।
तस्वीर के आगे नमन किया
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई लोगों ने प्रणब मुखर्जी के आवास 10 राजाजी मार्ग जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। चूंकि मुखर्जी कोविड-19 से भी संक्रमित रहे थे इसलिए उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए नहीं रखा गया। सभी ने उनकी तस्वीर के आगे जाकर नमन किया। पूर्व राष्ट्रपति के अंतिम दर्शनों के लिए हर पार्टी का नेता पहुंचा।
केंद्रीय कैबिनेट ने दी श्रद्धांजलि
मुख़र्जी का सोमवार की शाम सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल’ में निधन हो गया था। 84 वर्ष के प्रणब मुखर्जी को पिछले 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। केंद्रीय कैबिनेट ने आज दो मिनट का मौन रखकर पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रणब मुख़र्जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे प्रमुख लोगों में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, अधीर रंजन चौधरी, सीपीआई नेता डी राजा आदि शामिल थे।
प्रणब मुखर्जी के सम्मान में केंद्र सरकार ने 7 दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जिसके बाद आज राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के झंडे को झुका दिया गया।
मोदी चाहते थे राष्ट्रपति बने रहें मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी ने बतौर राष्ट्रपति यूपीए को सत्ता से बेदखल होते और भाजपा को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाते हुए देखा। कई मौकों पर वे मोदी सरकार की तारीफ करने से भी पीछे नहीं हटे। प्रधानमंत्री मोदी भी चाहते थे कि वह बतौर राष्ट्रपति दूसरा कार्यकाल भी स्वीकार करें। लेकिन उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था।