मुझे दौड़ने से मिलती है जीवन में सबसे ज्यादा खुशी

अशोक कुमार झा।
मैं दौड़ता हूँ और इस बारे में अपने पोस्ट शेयर करता हूँ। ऐसा निश्चित रूप से अपनी पीठ थपथपाने के लिए नहीं करता। मैं किसी को प्रेरित कर सकता हूँ ऐसा मैं नहीं सोचता और किंचित यह भाव मन में नहीं लाता। पर एक धावक के रूप में अपने अनुभवों को साझा करने की कोशिश करता  हूँ जिसमें अपनी चूकों के बारे में बताना चाहता हूँ। पर मुझे कभी कोई मुश्किल पेश नहीं आई- सिवाय दौड़ने में अमूमन सबको होनेवाली मुश्किलों के- जो अलग अलग धावकों को अलग अलग तरीके से प्रभावित करती हैं।
जब मैं दौड़ का आनंद उठाने लगा तो मुझे एक ही चिंता सताती थी कि किसी वजह से मुझे दौड़ना न बंद करना पड़े। 2014 आते आते यह आशंका हक़ीकत में तब्दील हो गयी। मेरा घुटना rheumatic हो चुका था। इसने मेरी गति को कुंद किया पर डॉक्टर ने दौड़ना बंद करने की बात नहीं कही। सो मैं दौड़ता रहा।

दो महीने पहले

अभी दो महीने पहले एक अन्य समस्या ने मेरी चिंता बढ़ा दी। उस दिन मैं घर में ही ट्रेडमिल पर पांच किलोमीटर दौड़ा। थोड़ी देर बाद संयत होकर जब काम करने लगा तो अचानक दिल तेज गति से धड़कने लगा। मैंने सोचा कि यह आया गया हो जायेगा। पर ऐसा नहीं हुआ और काफी तेज palpitation होता रहा। मुझे सीने में दर्द, बेचैनी या पसीना आने जैसी बात नहीं हो रही थी पर उसका हस्तक्षेप मुझे असंयत कर रहा था।
अगले दिन फोर्टिस हॉस्पिटल का रुख किया। डॉक्टर ने कहा Atrial Fibrillation का मामला है। मैं ecg, echo और stress test जो ट्रीडमिल पर करते हैं, सबसे बेदाग़ निकला। फिर नौबत होल्टर लटकाने की आयी और इसकी रिपोर्ट से जो खुलासा हुआ उसके बारे में डॉक्टर ने कहा कि उन्हें अब angiography करनी होगी कि AF का कारण artery में कोई blockage तो नहीं है। डॉक्टर ने कहा अगर blockage नहीं होती है तो उन्हें मेरे दिल में पेस मेकर लगाना होगा ताकि वह जरूरी atrial spark पैदा करे जो कि कभी कभी नहीं होता है। डॉक्टर को मैंने बता दिया था कि मैं लंबी दूरी का धावक हूँ।
अगले दिन मेरा angiography हुआ और जब angiography के अंतिम चरण में उसके किसी assistant ने कहा कि सर blockage नहीं है, तो वह बोला, ‘अरे यार यह आदमी मैराथन दौड़ता है, क्या blockage  होगा इसको’… और फिर मेरे कान में डॉक्टर ने कहा ” कोई blockage नहीं है अब हम आपको दवा से ही ठीक कर देंगे।

बड़ी परेशानी से बच गया

इस तरह, दौड़ने की आदत की वजह से मैं एक बहुत बड़ी परेशानी से बच गया। पैसा भी भयानक खर्च होता और शायद आगे दौड़ने पर भी इसका असर पड़ता। तो अब मैं अभी दवा ले रहा हूँ। दौड़ने पर इस अवधि के लिए पाबंदी लगभग एक महीने रही। उस दौरान मैं टहलता था जो मुझे कतई नहीं सुहाता। फिर मैंने दौड़ना शुरू किया, पर अभी अपने heart rate पर ज्यादा कड़ी नजर रखता हूँ।
Angiography होने के बाद आज (15 सितंबर) की मेरी दौड़ सबसे लंबी (15km) थी। पर पूरी दौड़ के दौरान मैंने अपने heart rate को 160 तक नहीं पहुँचने दिया और औसतन यह 150 से भी कम रहा।
इस पूरी अवधि में कम दौड़ने की वजह से मेरा VO2max भी 52 से नीचे खिसककर 48 पर आ गया है। पर यह अभी भी मेरी उम्र के लिए जरूरी न्यूनतम से काफी अधिक है। मेरी उम्र में 37  ही पर्याप्त है।
मैं इसीलिए कहता हूँ: दोस्तों, दौड़िये!
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और मैराथन धावक हैं)