एनसीपी के साथ साझेदारी की सीटों पर सोच कर कदम उठाएगी कांग्रेस।
गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर कांग्रेस अभी अपने पत्ते नहीं खोलेगी। वह सिर्फ चुनाव चिह्न पंजा को अपना चेहरा बनाकर चुनाव लड़ेगी। भाजपा वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ सीटों के बंटवारे में भी कांग्रेस इस बार फूंक- फूंक कर कदम उठा रही है।इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी का कहना है कि कांग्रेस का पंजा ही पार्टी का चेहरा है। भाजपा पर हमला बोलते उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा बताना उनकी मजबूरी है। अचानक से पूरी सरकार को बदलना क्या बतलाता है। दोषी ने कहा कि विवशतावश भूपेन्द्र पटेल का नाम चलाया जा रहा है। कांग्रेस चुनाव परिणाम के बाद ही लोकतांत्रिक पद्धति से विधायक दल के नाम का चयन करेगी।
गुजरात में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्षा के पद पर कांग्रेस ने जातीय समीकरण को साधने का कोशिश की है। प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, जहां पिछड़ी जाती से आते हैं, वहीं सुखराम राठवा जनजातीय समाज से हैं। इन दोनों की गुजरात में बड़ी आबादी है। इसके भी बाद मुख्यमंत्री के संभावित चेहरे के बारे में पार्टी चुप है। जानकारों की माने तो कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कई राय है। इस वजह से वह अपने पत्ते चुनाव से पहले नहीं खोलना चाहती है। भाजपा जहां पाटीदार समाज के भूपेन्द्र पटेल को आगे कर चुनाव लड़ रही है, तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी किसी नाम को आगे करने से फिलहाल चुप है।
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निर्विवाद सीटों पर उम्मीदवारों की होगी पहले घोषणा
गुजरात चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। आगामी 26-27 अक्टूबर को कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की मीटिंग होगी। स्क्रिनिंग कमेटी के चयनित नामों पर सीईसी मुहर लगाएगी। उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस अपने सिंगल दावेदारों वाली और निर्विवादित सीटों के उम्मीदवारों के नाम की पहले घोषणा करेगी। इसके अलावा कई सीटों पर भाजपा उम्मीदवार सामने आने के बाद अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस फूंक फूंक कर कदम उठाएगी। राज्यसभा के चुनाव में एनसीपी की संदिग्ध भूमिका की वजह से पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता नाराज हैं। इस वजह से यह माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व कम से कम सीटों पर एनसीपी के साथ साझेदारी करेगा। राज्यसभा चुनाव में एनसीपी के बर्ताव से गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता आहत है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय करेगा, वहीं मान्य होगा।