बिल्डिंग के टॉप पर रहेगा ‘धर्म चक्र’, आधुनिक होंगे दफ्तर।

भारतीय सेना के लिए दिल्ली छावनी में जल्द ही थल सेना भवन का निर्माण किया जाएगा, जिसकी कवायद शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार ने बुधवार को 757 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय सेना के नए मुख्यालय यानी थल सेना भवन के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित कीं। इस परियोजना को 27 महीने के भीतर पूरा किया जाना है। यह थल सेना भवन छह मंजिला होगा और इसके शीर्ष पर ‘धर्म चक्र’ होगा, जो दूर से ही दिखाई देगा। इतना ही नहीं, सेना अधिकारियों के लिए इसमें आधुनिक दफ्तर होंगे, विशाल जिम होगा, मनोरंजन और किसी समारोह के लिए थल सेना सनकेन गार्डन होगा और सैन्य आयोजनों के लिए स्पेशल सेरोमोनियल मार्ग समेत बहुत कुछ होगा। इस भवन को ग्रीन बिल्डिंग के तौर पर बनाया जाएगा। यह परियोजना साल 2025 में तैयार होगी।दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फरवरी 2020 में नए भवन के निर्माण के लिए परियोजना की आधारशिला रखी थी। भूमि पूजन के दो साल बाद सरकार की तरफ से यह बड़ा अपडेट आया है। मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) ने भवन निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं और कहा है कि जो कंपनी 27 महीने में इस परियोजना का निर्माण करेगी, वही इसका रखरखाव जारी रखेगी और इसे अगले पांच वर्षों के लिए संचालित करेगी।

दस्तावेजों के मुताबिक, ग्रीन ब्लिडिंग निर्माण के नियमों को ध्यान में रखते हुए परियोजना का निर्माण उच्च गुणवत्ता वाला होना चाहिए। भवन निर्माण में नवीनतम और आधुनिक निर्माण तकनीकों का उपयोग यथासंभव प्राकृतिक परिवेश और विशेषताओं को बेहतर करने के लिए किया जाना चाहिए। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि परियोजना को समय और लागत के भीतर ही पूरा करना होगा।

Thal Sena Bhawan - Indian Army'S New Headquarters Is A Mix Of Modernity, Efficiency

दस्तावेज में कहा गया है कि छह मंजिला इमारत का मुख्य आकर्षण भवन के शीर्ष पर धर्म चक्र होगा। प्रतिष्ठित इमारत ऐसा बने जो दूर से ही दिख जाए। इस भवन में लेफ्टिनेंट जनरल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, निदेशक, मेजर और उप निदेशक जैसे शीर्ष रैंक के अधिकारियों के लिए आधुनिक कार्यालयों की योजना बनाई गई है। एक अलग चार मंजिला इमारत होगी, जिसे इंफ्रास्ट्रक्चर कॉम्प्लेक्स हॉल कहा जाएगा। साथ ही अधिकारियों के लिए एक विशाल व्यायामशाला और एक केंद्रीय पुस्तकालय भी होगा। इतना ही नहीं, एक आवास परिसर भी अलग भवन होगा।

मुख्य भवन से सटे इलाके में मनोरंजन के साथ-साथ किसी उत्सव के आयोजन के लिए एक खाली जगह होगा। बैठने की जगह के रूप में थल सेना सनकेन गार्डन की योजना बनाई गई है। इतना ही नहीं, सेना के कार्यक्रमों के लिए एक औपचारिक पैदल मार्ग के रूप में 9 मीटर चौड़ा परेड पथ भी होगा। साथ ही, इसमें सेना की कलाकृतियों के प्रदर्शन के लिए एक डिस्प्ले गार्डन भी होगा। दरअसल, साल की शुरुआत में इस परियोजना को पर्यावरण मंजूरी दी गई थी। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इसकी निकटता के कारण साइट पर निर्माण की जाने वाली इमारतों की अधिकतम ऊंचाई पर प्रतिबंध है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जो ऊंचाई प्रतिबंध लगाए हैं, उसके मुताबिक, इस इलाके में 282।49 मीटर ऊंची इमारत ही बनाई जा सकती है।

दिल्ली छावनी में मानेकशॉ केंद्र के सामने स्थित नया भवन 39 एकड़ में फैला होगा और इसी इमारत के अंदर नई दिल्ली में फैले सेना मुख्यालय के सभी कार्यालय एक साथ होंगे। इस प्रकार इससे सेना की दक्षता में सुधार होगा और यह रसद आवश्यकताओं को सुव्यवस्थित करेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की अध्यक्षता में सैन्य मामलों का विभाग (डीएमए) इस नए भवन से संचालित होगा। साउथ ब्लॉक और सेना भवन में इसके मौजूदा कार्यालय यथावत जारी रहेंगे। यानी आर्मी चीफ का दफ्तर यहां भी होगा।

सेना ने कहा था कि कार्यालय परिसर और पार्किंग के लिए लगभग 7।5 लाख वर्गमीटर क्षेत्र का निर्माण किया जाएगा। इतना ही नहीं, 6014 कार्यालयों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 1,684 अफसरों और 4,330 सब-स्टाफ के कार्यालय शामिल होंगे। इसमें सुरक्षा कर्मियों के लिए आवासीय क्षेत्र भी शामिल होगा और इसमें अन्य बुनियादी सुविधाएं शामिल होंगी। (एएमएपी)