अधिकतर डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार बढ़ती उम्र में बोन डेंसिटी की समस्या यानी शरीर की हड्डियां कमजोर होनी शुरू हो जाती हैं। 30 साल की उम्र के बाद सभी पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से अपनी हेल्थ और हड्डियों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।मानव शरीर में हड्डियां कई मिनिरल्स जैसे कैल्शियम, प्रोटीन और फास्फोरस से मिलकर बनती है। आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और खाने पीने की गलत आदतों के कारण हड्डियों में जरूरी मिनिरल्स की मात्रा कम होने लगती है जिसके कारण बोन डेंसिटी की समस्या का सामना करना पड़ता है। हमारी बॉडी में कुछ मिनिरल्स मौजूद होते हैं, जो उम्र के साथ, खराब लाइफस्टाइल के कारण या किसी अन्य फिजिकल बीमारी से कम होने लगते हैं इसी कारण से डेंसिटी की समस्या होती है। इस बारे में कुछ जरूरी बातें जान लीजिए।

बोन डेंसिटी कम होने के लक्षण

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हाथों की ग्रिप का कमजोर होना, मसूड़ों में समस्याएं होना, नाखूनों का कमजोर होना और टूटना आदि कमजोर हड्डियों के संकेत हो सकते हैं। इसके अलावा उम्र के साथ हाइट का कम होना, बॉडी पोश्चर का खराब और असामान्य होना, हड्डियों का छोटी चोट में ही टूट जाना या फ्रैक्चर होना, बैक पेन यानी कमर में हर समय दर्द महसूस होना बोन डेंसिटी कम होने के लक्षण हैं।

बोन डेंसिटी की समस्या से ऐसे पांऐ छुटकारा

बोन डेंसिटी की समस्या का इलाज करने से पहले उसके रिस्क फैक्टर्स को जानना जरूरी है। बोन डेंसिटी के कारण को जानकर लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करने से इलाज और बचाव करना आसान होगा। डेंसिटी के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर से सलाह लेकर मेडिकेशन शुरू करना जरूरी है। डेंसिटी की समस्या में थेरेपी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है, इसीलिए फिजिकल थेरेपी करवा सकते हैं। अपने रूटीन में फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज को जरूर शामिल करें।

डाइट का रखना होगा खास ख्याल

कैल्शियम और विटामिन डी युक्त फूड्स का सेवन अच्छी मात्रा में रोज करें। डेंसिटी की समस्या में हड्डियों को मजबूत करने के लिए विटामिन के, मैग्नीशियम, प्रोटीन और मैग्नीशियम को शामिल करें।