एशियाई बाजारों में भी गिरावट का रुख।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के फैसले ने वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों का मूड बिगाड़ दिया है। ब्याज दरों में हुई बढ़ोतरी के कारण अमेरिकी बाजार पिछले कारोबारी सत्र में बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। इसी तरह एशियाई बाजारों में भी आज गिरावट का रुख बना हुआ है।यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने के कारण पिछले कारोबारी सत्र के दौरान डाओ जोंस 500 अंक से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुआ। इस सूचकांक में पिछले कारोबारी सत्र के दौरान 1.57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह एसएंडपी 500 सूचकांक भी 2.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस सूचकांक में शामिल शेयरों में से 74 प्रतिशत शेयर गिरकर लाल निशान में बंद हुए। इसके अलावा नैस्डेक भी पिछले कारोबारी सत्र के दौरान 3.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,524 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

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आपको बता दें कि यूएस फेडरल रिजर्व ने कल ही लगातार चौथी बार ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था। बाजार में पहले से ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि अमेरिका में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची महंगाई पर काबू पाने के लिए यूएस फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। यही वजह है कि अमेरिकी बाजार 1 दिन पहले से सतर्क होकर दबाव में कारोबार कर रहे थे। कल ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने का ऐलान होने के बाद इसका साफ असर अमेरिकी बाजार पर पड़ा और अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।

अमेरिकी बाजार के लिए राहत की बात सिर्फ यही रही कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान करने के साथ ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक में महंगाई को थामने की अपनी कोशिशों के आखिरी दौर में पहुंचने के भी संकेत दिए। यूएस फेड की ओर से कहा गया है कि इस बार ब्याज दरों में की गई 75 बेसिस प्वाइंट यानी 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ब्याज दरें उस उच्च स्तर पर पहुंच जाएंगी, जो महंगाई दर को घटा कर 2 प्रतिशत तक के स्तर पर लाने के लिए पर्याप्त होंगी। यूएस फेड के इसी बयान की वजह से माना जा रहा है कि अगर ब्याज दरों में बढ़ोतरी के आशाजनक परिणाम सामने आए तो आने वाले दिनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं भी की जा सकती है।

फेडरल रिजर्व के इस बयान के बाद इसका एक अर्थ ये भी निकाला जा रहा है कि आने वाले दिनों में यूएस फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी के आंकड़े को कम करने के लिए ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला भी ले सकता है। लेकिन ऐसा तभी होगा जब अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़ों में पर्याप्त कमी आए। इस बार की गई बढ़ोतरी के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपने बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट को 3.75 प्रतिशत से लेकर 4 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जो 2008 के बाद का उच्चतम स्तर है। आपको बता दें कि यूएस फेड इस बढ़ोतरी को मिलाकर लगातार चार बार और इस साल छठी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका है।

यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने का असर पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी बाजार पर तो पड़ा ही, एशियाई बाजार भी दबाव में आ गए। आज एशियाई बाजारों में भी गिरावट के साथ कारोबार होता नजर आ रहा है। जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स को छोड़ कर एशियाई देशों के शेष सभी इंडेक्स गिरावट के साथ कारोबार करते नजर आ रहे हैं।

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एसजीएक्स निफ्टी 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,076 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह निक्केई इंडेक्स 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 27,663.39 अंक के स्तर पर बंद हुआ है। स्ट्रेट टाइम्स इंडेक्स भी 1.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,104.68 अंक के स्तर पर कारोबार करता दिख रहा है। वही हैंग सेंग इंडेक्स में 2.90 प्रतिशत की गिरावट आ गई है और फिलहाल ये 15,368.38 अंक के स्तर पर बना हुआ है।

ताइवान का बाजार ताइवान वेटेड इंडेक्स भी 1.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 12,953.41 अंक के स्तर पर बना हुआ है, जबकि कोस्पी इंडेक्स 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,329.18 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। शंघाई कंपोजिट इंडेक्स भी 0.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,984.43 अंक के स्तर पर बना हुआ है। जबकि जकार्ता कंपोजिट इंडेक्स 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 7,025.13 अंक के स्तर पर कारोबार कर रहा है। (एएमएपी)