मैनपुरी लोकसभा सीट ।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर पार्टी उम्मीदवार के तौर पर उतरीं डिंपल यादव के लिए अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल संग मजबूत कवच तैयार कर दिया है। उधर बीजेपी भी बूथों पर पूरा जोर लगा रही है। मैनपुरी में सहानुभूति और यादव परिवार की ताकत के आगे मोदी-योगी सरकार के कामों और उपलब्धियों को बड़े मुद्दे के तौर पर जनता के सामने रखा जा रहा है। इससे सतर्क अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव ने एकजुट सभाएं करने का सिलसिला तेज कर दिया है।रामगोपाल यादव, धर्मेन्द्र यादव, तेज प्रताप यादव और यादव परिवार के सारे दिग्गज गढ़ को बचाने के लिए मोर्चे पर डट गए हैं। मैनपुरी की लड़ाई अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है। हर किसी के जेहन में अब बस एक ही सवाल उठ रहा है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के बाद हुए हर उपचुनाव में हार का सामना कर रही सपा के रथ पर सवार डिंपल क्या मैनपुरी में मुलायम परिवार की विरासत बचा पाएंगी?
रविवार को सैफई के बाद सोमवार को अखिलेश यादव ने जसवंतनगर में पहली बार कार्यकर्ता सम्मेलन कर वोट मांगे। मंच पर मौजूद भावुक शिवपाल ने कहा, बहू डिंपल को हमसे भी ज्यादा वोटों से जिताएं। बताते हैं कि मुलायम सिंह ने जसवंतनगर सीट शिवपाल को सौंपने के बाद यहां कभी सार्वजनिक सभा नहीं की। अखिलेश भी कभी किसी सभा में नहीं गए। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में जसवंतनगर विधानसभा सीट का अहम रोल है। सैफई की तरह सोमवार को जसवंतनगर में आयोजित सपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में सैफई परिवार एकजुट दिखा। सम्मेलन में पहुंचते ही अखिलेश ने शिवपाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया तो शिवपाल ने अपने स्वागत भाषण में अखिलेश को खूब सम्मान दिया। शिवपाल ने कहा जनता की मंशा थी कि हम सब एक होकर रहें। अब हम एक हैं, इसलिए सभी की जिम्मेदारी है कि डिंपल रिकॉर्ड मतों से जीतें। हमसे भी ज्यादा वोटों से जिताएं, यही नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
रघुराज्य शाक्य को शिवपाल का जवाब
बीजेपी को हमारे परिवार से बड़ी परेशानी है : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को हमारे परिवार को लेकर बहुत परेशानी है। हम दूर हो जाएं तो दुष्प्रचार करते हैं कि परिवार में झगड़ा हैं। हम साथ रहें तो कहते है परिवारवादी हैं। भाजपा की बीमारी का इलाज नहीं है। इस बीमारी का एक ही इलाज है, वोट डाल कर भाजपा को रिकार्ड मतों से हराएं। (एएमएपी)