सर्वे में खुलासा ।

पाकिस्तान की पुलिस को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एक सर्वे के मुताबिक, पड़ोसी देश की पुलिस की दुनिया की सबसे भ्रष्ट पुलिस में से एक है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के लोगों ने अपने पुलिस बलों पर भरोसा खो दिया है। एक नए सर्वेक्षण से पता चला है कि लोगों को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) सहित भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं में कोई भरोसा नहीं बचा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा किए गए इस सर्वे के मुताबिक, अधिकांश लोगों ने देश में खतरे को रोकने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों की भूमिका को “अप्रभावी” माना।ताजा सर्वे में, 45 प्रतिशत लोगों ने भ्रष्टाचार विरोधी संस्थानों की भूमिका को पाकिस्तान में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में ‘अप्रभावी’ माना। सिंध में, 35 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने भ्रष्टाचार को रोकने में एनएबी की भूमिका को प्रभावी माना। वहीं पंजाब (31 प्रतिशत), खैबर पख्तूनख्वा यानी केपी (61 प्रतिशत), और बलूचिस्तान (58 प्रतिशत) में, पाकिस्तानियों का मानना है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए “कोई भी भ्रष्टाचार विरोधी संस्थान” प्रभावी नहीं है। पाकिस्तानियों का मानना है कि सार्वजनिक सेवा वितरण में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। नागरिकों के अनुसार, तीन सबसे भ्रष्ट सार्वजनिक सेवाएं जिनके लिए लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है, वे हैं सड़कों के ठेके (40 प्रतिशत), निर्बाध बिजली तक पहुंच (28 प्रतिशत) और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच (17 प्रतिशत)।

सिंध, पंजाब और बलूचिस्तान में, सड़कों का रखरखाव नागरिकों द्वारा सबसे अधिक भ्रष्ट माने जाने वाली सार्वजनिक सेवा वितरण की सूची में सबसे ऊपर है। जबकि केपी में, अधिकांश नागरिक (47 प्रतिशत) निर्बाध बिजली तक पहुंच को सबसे भ्रष्ट सार्वजनिक सेवा वितरण मानते हैं। एनसीपीएस 2022 के अनुसार, भ्रष्टाचार को रोकने के तीन सबसे महत्वपूर्ण कारण हैं- भ्रष्टाचार के मामलों में देरी से निर्णय लेना (31 प्रतिशत), सरकारों द्वारा अपने लाभ के लिए राज्य संस्थानों का इस्तेमाल (26 प्रतिशत), और सरकार की अक्षमता (19 प्रतिशत) हैं। सिंध (43 प्रतिशत) और पंजाब (29 प्रतिशत) में, नागरिकों का मानना है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण ये है कि सरकारों द्वारा अपने ‘व्यक्तिगत लाभ’ के लिए राज्य संस्थानों का इस्तेमाल किया जाता है।

जबकि केपी (43 फीसदी) और बलूचिस्तान (32 फीसदी) “भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में देरी से फैसले” को पाकिस्तान में भ्रष्टाचार का मुख्य कारण मानते हैं। सिंध क्षेत्र में, शिक्षा सबसे भ्रष्ट क्षेत्र रहा, पुलिस को दूसरे सबसे भ्रष्ट संस्थान के रूप में देखा गया, जबकि टेंडर और कॉन्ट्रैक्ट को तीसरा सबसे भ्रष्ट क्षेत्र माना गया। पंजाब में पुलिस सबसे भ्रष्ट सेक्टर रही, जबकि टेंडरिंग और कॉन्ट्रैक्टिंग को दूसरे सबसे भ्रष्ट सेक्टर के रूप में देखा गया। पाकिस्तान टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायपालिका तीसरी सबसे भ्रष्ट थी। खैबर पख्तूनख्वा में, न्यायपालिका सबसे भ्रष्ट क्षेत्र रही, जबकि टेंडरिंग और कॉन्ट्रैक्टिंग को दूसरे सबसे भ्रष्ट क्षेत्र के रूप में देखा गया। पुलिस विभाग तीसरा सबसे भ्रष्ट था। (एएमएपी)