अडानी ग्रुप का समय से पहले कर्ज भुगतान का ये कदम प्रमोटरों के वादे के मुताबिक है और उम्मीद जताई जा रही है कि निवेशकों के सेंटिमेंट पर भी इसका असर दिखाई देगा। यहां बता दें कि बीते दिनों ही अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन ने एसबीआई म्यूचुअल फंड का 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था। अडानी ग्रुप के इस कदम को निवेशकों का भरोसा कायम करने की नजर से देखा जा रहा है।
इन्वेस्टर्स का भरोसा वापस पाने की पहल
बता दें अडानी ग्रुप लगातार अपने इन्वेस्टर्स के बीच वो भरोसा वापस लाने के प्रयास में लगा हुआ है, जो हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट से डगमगाया था। अडानी समूह पर सितंबर 2022 में कुल कर्ज 2.26 लाख करोड़ रुपये था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उठाए गए 88 सवालों में शेयरों में हेर-फेर से लेकर ग्रुप पर भारी-भरकम कर्ज होने से संबंधित गंभीर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, इस रिपोर्ट के पब्लिश होने के कुछ दिन बाद ही अडानी ग्रुप की ओर से 400 पन्नों के जवाब में सभी आरोपों को निराधार बताया गया था।
मार्केट कैप में इतनी बढ़ोतरी
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी के इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट पर पड़े असर के चलते उनकी कंपनियों के शेयरों में सुनामी आ गई थी, जो महीनेभर इस कदर जारी रही कि अडानी ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन 12 लाख करोड़ रुपये घटकर 100 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया। हालांकि, बीते 5 कारोबारी सेशन में अडानी के शेयरों में जोरदार रिकवरी की है और हर रोज ये हरे निशान पर चढ़कर बंद हो रहे हैं। इस दौरान अडानी ग्रुप का मार्केट कैप भी 2 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है। ताजा रिकवरी के बाद बीते 27 फरवरी को जो मार्केट कैप लगभग 6.82 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था, वो 6 मार्च को बढ़कर करीब 8.85 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
अडानी की नेटवर्थ में भी इजाफा
गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी इजाफा देखने को मिल रहा है और ब्लूमबर्ग के मुताबिक अब वे अमीरों की लिस्ट में 52.1 अरब डॉलर नेटवर्थ के साथ 24वें स्थान पर पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की सुनामी में बहकर अडानी की कंपनियों के शेयरों में 25 से 85 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली थी और इसका सीधा असर ग्रुप की मार्केट वैल्यू पर पड़ रहा था। (एएमएपी)