22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम लला के भव्य ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह और 23 जनवरी को मंदिर के दरवाजे जनता के लिए खुलने के बाद से जो संख्‍या लगातार भक्तों की अयोध्‍या पहुंच रही है, उसने कुछ ही दिनों में वैश्‍विक रिकार्ड बना लिया है। ‘जय श्री राम’, ‘जय जय राम’ के नारे यहां सर्वत्र सुनाई दे रहे हैं । ऐसे में कुछ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने कुछ इस प्रकार की रिपोर्टें पेश की है जो यह बताती हैं कि निकट भविष्य में अयोध्या में पर्यटकों और भक्तों की भारी आमद होने वाली है और यह उत्तर प्रदेश के 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

यूपी में 2024-25 में 25 हजार करोड़ कर संग्रह होने की उम्मीद

मंदिर निर्माण में शामिल कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया है कि नवनिर्मित राम मंदिर निर्माण और इंजीनियरिंग की गुणवत्ता के कारण अगले 1,000 वर्षों तक अस्तित्व में रहेगा और इसका आर्थिक प्रभाव भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा। असें अलावा “हाल ही में एसबीआई रिसर्च द्वारा किए गए एक अन्य शोध में दावा किया गया है कि राम मंदिर और अन्य पर्यटन-केंद्रित पहलों के कारण, उत्तर प्रदेश में 2024-25 में 25,000 करोड़ रुपये का कर संग्रह होने की उम्मीद है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अयोध्या इसमें सबसे महत्वपूर्ण कारक होगा क्योंकि पर्यटक और श्रद्धालु न केवल देश के भीतर से बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भी शहर में आएंगे। इससे पता चलता है कि पर्यटन में वृद्धि के साथ, उत्तर प्रदेश इस वर्ष लगभग 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक समृद्ध हो जाएगा।

वेटिकन सिटी और मक्का को भी पीछे छोड़ देगी अयोध्या

इसके साथ ही विदेशी स्टॉक मार्केट रिसर्च फर्म जेफरीज का दावा है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में अयोध्या वेटिकन सिटी और मक्का को भी पीछे छोड़ देगी। गौरतलब है कि वेटिकन सिटी कैथोलिकों के लिए सबसे पवित्र स्थान है, जहां हर साल लाखों लोग आते हैं। इसी तरह, सऊदी अरब में मक्का, जो मुस्लिम समुदाय के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है, सालाना लाखों पर्यटक आते हैं।

अयोध्या में सालाना पांच करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना

रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या में सालाना लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे यह न केवल उत्तर प्रदेश के भीतर बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन जाएगा। जेफ़रीज़ ने यह भी कहा है कि राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ एक नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, एक उन्नत रेलवे स्टेशन, एक टाउनशिप, सड़क कनेक्टिविटी और नए होटलों जैसी विभिन्न सुविधाओं के प्रावधान के साथ, । पर्यटन में अयोध्या एक हॉट स्पॉट बन रहा है। समें कहा गया है कि इससे भारत के मानचित्र पर पर्यटन स्थल के रूप में उत्तर प्रदेश का दूसरा स्थान और मजबूत होगा।

अयोध्या के सालाना राजस्व में भी होगी बढ़ोतरी

रिपोर्ट के मुताबिक, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ अयोध्या के सालाना राजस्व में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. इसमें उल्लेख किया गया है कि आंध्र प्रदेश में तिरूपति बालाजी, जो हर साल 2.5 करोड़ भक्तों को आकर्षित करता है, 1200 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करता है, जबकि वैष्णो देवी में सालाना 80 लाख लोग आते हैं और 500 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होता है। इसी तरह, आगरा में, ताज महल 70 लाख आगंतुकों को आकर्षित करता है, जिससे 100 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होता है, जबकि आगरा किले में 30 लाख पर्यटक आते हैं, जो 27.5 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व में योगदान देता है।

प्रतिदिन एक लाख से अधिक भक्तों के श्री राम के दर्शन करने की उम्‍मीद

रिपोर्ट में कहा गया है कि मक्का सालाना दो करोड़ लोगों को आकर्षित करता है, जो सऊदी अरब के 12 बिलियन डॉलर के वार्षिक राजस्व में योगदान देता है, जबकि वेटिकन सिटी, सालाना 90 लाख आगंतुकों के साथ, 315 मिलियन डॉलर का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करता है। “एक अन्य अनुमान के अनुसार, भगवान श्री राम के दर्शन के लिए प्रतिदिन एक लाख से अधिक भक्तों के अयोध्या आने की उम्मीद है। यह संख्या जल्द ही प्रतिदिन तीन लाख श्रद्धालुओं तक पहुंच सकती है। अगर ऐसा हुआ तो सालाना 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या आ सकते हैं। यदि प्रत्येक भक्त अपनी यात्रा के दौरान लगभग 2500 रुपये खर्च करता है, तो अकेले अयोध्या की स्थानीय अर्थव्यवस्था 25,000 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगी।

वाराणसी और मथुरा की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा सकारात्मक असर

विशेष रूप से, अयोध्या की यात्रा करने वाले भक्तों को अन्य धार्मिक स्थलों, जैसे वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा में बांके बिहारी मंदिर की यात्रा करने की संभावना है। इसका वाराणसी और मथुरा की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस तरह उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को हर साल सीधे तौर पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खुराक मिल सकती है।  इस प्रत्यक्ष आर्थ‍िक बढ़ावे का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ना तय माना जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप संभावित रूप से लगभग पांच गुना प्रभाव पड़ेगा, जो अंततः भारत के आर्थिक विकास में योगदान देगा।

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रोजगार के नए अवसर होंगे पैदा

इसके अलावा, धार्मिक पर्यटन परिवहन, होटल और स्थानीय वस्तुओं के उत्पादन जैसे क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करता है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है, बल्कि समग्र आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलती है। स्विट्जरलैंड, इटली, फ्रांस, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों ने पर्यटन के आधार पर अतुलनीय आर्थिक विकास हासिल किया है। इसी तरह, अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर के उद्घाटन के साथ, भारत इन देशों में शामिल होने के लिए तैयार है, और इसकी आर्थिक विकास दर 10 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। रिपोर्ट बताती है कि अयोध्या में उत्तर प्रदेश और देश की किस्मत बदलने की क्षमता है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक विकास के माध्यम से अयोध्या की छवि बदल दी है।(एएमएपी)