मुख्य आरोपी को 2.4 करोड़ की वसूली नोटिस

उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में हिंसा के बाद अब हालात भले ही सामान्य होते दिख रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर पुलिस, प्रशासन और सरकार के कड़े रुख को देखते हुए कई परिवार घर छोड़कर दूसरे शहर जा चुके हैं। वनभूलपुरा में कर्फ्यू के बाद भी 500 घरों पर ताले लटक गए हैं। इलाके के लोग पूरे परिवार के साथ दूसरे जिलों में जा चुके हैं। हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस ने जिन लोगों को चिह्नित किया है, उनमें से कई फरार चल रहे हैं। ऐसे लोगों की गिरफ्तारी के लिए दूसरे जिलों में पुलिस टीम भेजी गई है। वहीं, केंद्रीय बलों की मौजूदगी में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है।जानकारी के अनुसार हलद्वानी जिले के बनभूलपुरा में हिंसा के चार दिन बाद मुस्लिम परिवारों ने जिले से बाहर सुरक्षित क्षेत्रों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। लगभग 500 से अधिक परिवार शहर छोड़ चुके हैं। कई परिवारों को पैदल ही अपने सामानों के साथ सड़कों पर देखा गया। उपद्रव के बाद से मालिक का बगीचा, इंदिरानगर, छोटी लाइन, बड़ी लाइन सहित बनभूलपुरा के कई इलाकों से लोगों ने घरों में ताला लगाकर निकलना शुरू कर दिया है। महिला और बच्चों सहित लोग यूपी और उत्तराखंड के दूसरे जिलों में जा चुके हैं। सिलसिला अभी भी जारी है। क्षेत्र में फिलहाल कर्फ्यू लगा है और इस वजह से वाहनों की आवाजाही बंद है।

गौरतलब है कि बनभूलपुरा इलाके में बीते 8 फरवरी को अतिक्रमण हटाने गई प्रशासन और पुलिस की टीम पर पथराव और आगजनी के दौरान नगर निगम और सरकारी संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। इसका आकलन करने के बाद नगर निगम ने मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को नुकसान की भरपाई के लिए वसूली नोटिस जारी कर दिया है। नगर निगम ने आरोपी को 15 फरवरी तक भरपाई की रकम 2.45 करोड़ रुपए अदा करने को कहा है। डेडलाइन के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

हिंसा मामले में 30 लोग किए गए गिरफ्तार

बनभूलपुरा में कथित अवैध मस्जिद और मदरसे पर प्रशासन द्वारा चलाए गए विध्वंस अभियान के बाद हुई हिंसा को लेकर इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। मामले में पुलिस ने अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है और कई लोग अभी भी रडार पर हैं। गिरफ्तार लोगों के कब्जे से उत्तराखंड पुलिस ने कई हथियार भी बरामद किए हैं। उपद्रवियों के खिलाफ दंगा करने, डकैती करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, जान से मारने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि करीब 5000 लोगों पर केस दर्ज हुआ था। हिंसा में शामिल सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है।

कर्फ्यू में ढील लेकिन बनभूलपुरा में अब भी पाबंदी

प्रशासन ने अब हलद्वानी के कई हिस्सों से कर्फ्यू में ढील दे दी है लेकिन जिले का बनभूलपुरा इलाका अब भी भीषण कर्फ्यू की चपेट में है। लोगों से सख्ती से कहा गया है कि वे घर के अंदर ही रहें। कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जिन इलाकों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है, उन्हें छोड़कर हलद्वानी के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।

बनभूलपुरा का एंट्री-एग्जिट किया गया सील

हालात तनावपूर्ण होने के चलते मुस्लिम परिवार अपना घर छोड़ पलायन कर रहे हैं लेकिन प्रशासन ने बनभूलपुरा के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स को सील कर रखा है। यहां से ना तो लोगों बाहर जाने की इजाजत है और ना ही कोई अंदर ही जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि इलाके को सील करने का फैसला पुलिस ने इसलिए लिया है क्योंकि जांचकर्ताओं को लगता है कि बड़े पैमाने पर हिंसा में शामिल दंगाई भाग भी सकते हैं।

जल्दबाजी में लिया गया मस्जिद ढहाने का फैसला

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते दिन हल्द्वानी का दौरा किया और एसडीएम के साथ बैठक की जहां उन्होंने प्रशासन से भी बातचीत की। बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली। एसडीएम के साथ बैठक करने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव अब्दुल रजीक ने कहा कि प्रशासन ने मस्जिद गिराने का फैसला जल्दबाजी में लिया, जिससे इलाके में तनाव पैदा हुआ। संगठन के महासचिव ने कहा, “हम यहां क्षेत्र में शांति की अपील करने आए हैं। हमने एसडीएम से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई न की जाए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विध्वंस अभियान अचानक चलाया गया। प्रशासन को अदालत के आदेशों का इंतजार करना चाहिए था।”

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सीएम धामी का कड़ा रुख

इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी स्पष्ट किया है कि हल्द्वानी में हुई घटना में शामिल उपद्रवियों और अराजक तत्वों पर कार्रवाई लगातार जारी है। सभी दंगाइयों को एक-एक करके गिरफ्तार किया जाएगा। उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सीएम धामी ने साफ किया है कि प्रदेश में जिन स्थानों पर अवैध कब्जा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां अतिक्रमण है, उन पर कार्रवाई निश्चित तौर पर होगी। इस अभियान को रोका नहीं जाएगा। पुलिस प्रशासन दंगाइयों से सख्ती से पेश आएगा। (एएमएपी)