
कमल हासन और एमके स्टालिन के बीच शनिवार को आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के बाद पत्रकारों से बातचीत में कमल हासन ने कहा कि वे लोक सभा चुनाव नहीं लड़ेगे। एमएनएम ने निर्णय लिया है कि वे द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए काम करेंगे। आज हुए गठबंधन के बाद द्रमुक अबतक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को दो-दो सीटें आवंटित कर चुकी है। एमडीएमके को एक सीट, वीसीके को विल्लुपुरम और चिदम्बरम, रामनाथपुरम निर्वाचन क्षेत्र इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और नमक्कल निर्वाचन क्षेत्र कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके) को आवंटित कर चुकी है। कांग्रेस और द्रमुक गठबंधन और सीट आवंटन की भी जल्द घोषणा हो सकती है।
हासन और स्टालिन की डील पक्की
हासन और सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने डीएमके मुख्यालय अन्ना अरिवलयम में इस समझौते को अंतिम रूप दिया। हासन ने समझौता करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने गठबंधन में शामिल होने का कदम किसी पद के लिए नहीं, बल्कि देश की खातिर उठाया। उल्लेखनीय है कि अपनी स्थापना के छह वर्षों में एमएनएम ने दो चुनाव अपने दम पर लड़े मगर सफलता हाथ नहीं लगी।
2018 में कमल हासन ने बनाई पार्टी
दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति के अनुसार, एमएनएम पार्टी तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीट और एकमात्र पुडुचेरी क्षेत्र में प्रचार अभियान संबंधी कार्य करेगी। हासन ने 2018 में अपनी पार्टी का गठन किया था। उन्होंने उस समय घोषणा की थी कि इसका मुद्दों पर मध्यमार्गी दृष्टिकोण होगा। पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव और 2021 का विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा, लेकिन चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा और दोनों मौकों पर डीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन विजयी हुआ।
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डीएमके दोहराएगी 2019 वाली पारी?
लोकसभा चुनाव को लेकर दक्षिण भारत की सियासत पर नजर डालें तो तमिलनाडु में डीएमके ने कमल हासन की पार्टी समेत कुल छह पार्टियों के साथ गठबंधन कर लिया है। डीएमके ने छह सहयोगी दलों के साथ सीट-बंटवारे पर डील फाइनल कर ली है। इन दलों के साथ सीट बंटवारा समझौता 2019 के फॉर्मूले के तहत किया गया है, जिसमें उन्हें पिछली बार की ही तरह नौ सीटें दी गई हैं। प्रमुख सहयोगी दल कांग्रेस के साथ अभी बातचीत फाइनल नहीं हो सकी है। हालांकि, डीएमके ने उसे 2019 की ही तरह इस बार भी कुल नौ सीटों का ऑफर दिया है। पिछली बार कांग्रेस ने 9 में से 8 सीटें जीती थीं, जबकि इस गठबंधन ने कुल 39 में से 38 सीटें जीती थीं।(एएमएपी)