राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के महानगरों में धुआं और कोहरे के कारण वातावरण में प्रदूषक तत्वों की चादर लगातार मोटी हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 500 अंक के पार चला गया। आनंद विहार में एक्यूआई 447, आरकेपुरम में 469, पंजाबी बाग में 484 और आईटीओ में 445 रहा।

इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि आगामी कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के साथ साथ कोहरा भी छाने लगेगा।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 24 घंटे पहले गुरुवार को मुंडका, नेहरू नगर, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, वजीरपुर और द्वारका सेक्टर में एक्यूआई 450 से अधिक पहुंच गया। इससे इन छह जगहों पर हवा की गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में रही। बोर्ड के अनुसार गुरुवार को दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 419 रहा। यह गंभीर श्रेणी है। एक दिन पहले यह 401 रहा था। फरीदाबाद में यह 424, गाजियाबाद में 376, ग्रेटर नोएडा में 340, गुरुग्राम में 363 और नोएडा में 355 था। बोर्ड के अनुसार नवंबर के 16 दिनों में दिल्ली में अब तक तीन दिन हवा की गुणवत्ता खराब, पांच दिन बहुत खराब, छह दिन गंभीर और दो दिन खतरनाक श्रेणी में रही है।

यमुना नदी पर झाग की मोटी चादर, छठ व्रती चिंतित

दिल्ली में यमुना नदी झाग की मोटी चादर की आगोश में है। यह चादर छठ पर्व के व्रतियों के धैर्य की परीक्षा लेती नजर आ रही है। हाल यह है कि ओखला बैराज के बाद यमुना का पानी दिखना ही बंद हो जाता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना नदी की लंबाई करीब 1,370 किलोमीटर है। इसमें से पल्ला से कालिंदी कुंज की लंबाई 54 किलोमीटर है। वजीराबाद से कालिंदी कुंज का हिस्सा 22 किलोमीटर है। यह यमुना की पूरी लंबाई का सिर्फ दो फीसदी है। महत्वपूर्ण यह है कि यमुना में करीब 76 फीसदी प्रदूषण इसी हिस्से में होता है। मानसून के अलावा वर्ष के बाकी नौ महीनों में नदी में ताजा पानी नहीं रहता। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी का कहना है कि रसायनों की मदद से यमुना नदी पर झाग साफ करने का काम चल रहा है। इसका छिड़काव गुरुवार को किया गया। इससे एक-दो दिन में पानी साफ हो जाएगा। (एएमएपी)