अमेरिका ने चीन की छह कंपनियों को निर्यात ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है। अमेरिका ने यह कदम चीन के जासूसी गुब्बारे मामले के बाद उठाया है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने यह जानकारी दी है। जिन कंपनियों को अमेरिका ने ब्लैकलिस्ट किया है, उनका संबंध चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी से बताया जा रहा है। अमेरिका का कहना है कि चीनी सेना हाई एल्टीट्यूड बैलून्स का इस्तेमाल कर खूफिया गतिविधियां कर रही है।जिन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, उनमें बीजिंग नानजियांग एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी, चाइना इलेक्ट्रोनिक्स टेक्नोलॉजी ग्रुप कॉरपोरेशन 48th रिसर्च इंस्टीट्यूट, डोनगुआन लिंगकोन रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी कंपनी, ईगल्स मैन एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप कंपनी, ग्वांगझू टियान हाई जियांग एविएशन टेक्नोलॉजी कंपनी और शांगझी ईगल्स मैन एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप कंपनी शामिल हैं।

बता दें कि बीते दिनों चीन का एक जासूसी गुब्बारा उड़ते हुए अमेरिकी के एयरस्पेस में दाखिल हो गया था। यह गुब्बारा अमेरिका के मोंटाना में देखा गया था, जिसके बाद इसे दक्षिणी कैरोलिना के तट पर निशाना बनाकर गिरा दिया गया था। अमेरिका ने दावा किया कि यह गुब्बारा खूफिया जानकारी जुटाने में इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके बाद अमेरिका ने अपने विदेश मंत्री का चीन दौरा भी रद्द कर दिया था। हालांकि चीन का कहना है कि यह मौसम को मॉनिटर करने वाला गुब्बारा था और अमेरिका इस मामले को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस मामले से चीन और अमेरिका के रिश्ते खराब नहीं होंगे लेकिन यह अमेरिका की संप्रभुता का उल्लंघन है और अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाएगा। अमेरिका ने दावा किया है कि अमेरिका द्वारा निशाना बनाए गए गुब्बारे का चीन की सेना के साथ सीधा संबंध है। साथ ही अमेरिका ने ये भी कहा है कि गुब्बारे का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा रहा था और चीन कई देशों में इसी तरह जासूसी करा चुका है। (एएमएपी)