यूक्रेन-रूस जंग फिर होगी तेज।

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब और तेज होने जा रहा है। क्यों कि यूक्रेन को एक बार फिर अमेरिका से सैन्य सहायता मिलने जा रही है। अमेरिका यूक्रेन को नई सुरक्षा सहायता के तहत 128 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियार और उपकरण प्रदान करेगा। दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसकी जानकारी दी। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा दी जारी एक बयान में कहा गया है कि रक्षा विभाग पहले से निर्देशित छूट के तहत 197 मिलियन डॉलर के हथियार और उपकरण भी उपलब्ध कराएगा।

काफी मददगार साबित होंगे हथियार

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के मुताबिक, यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता में कई हथियार और उपकरण शामिल हैं जो रूस के हवाई हमलों के खिलाफ यूक्रेन की वायु रक्षा को मजबूत करने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहायता में तोपखाने गोला-बारूद और कवच-रोधी क्षमताओं के साथ अन्य कई हथियार दिए जाएंगे।

आपको बता दें कि सुरक्षा सहायता के संबंध में ब्लिंकन की यह घोषणा यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा के बाद आई है। इससे पहले वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी, जहां राष्ट्रपति बाइडन और अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने व्हाइट हाउस में उनका स्वागत किया था।

571  दिनों से जारी युद्ध

रूस और यूक्रेन के बीच बीते 571 दिनों से जारी युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हज़ारों सैनिकों की मौत हो चुकी है। रूस ने गुरुवार को मिसाइल और तोपों से यूक्रेन के कई शहरों पर हमले किए, जिससे कई स्थानों पर आग लग गई और उसमें तीन लोग मारे गए। यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक कई अन्य लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। रूस की ओर से ये हमले ऐसे समय किए गए हैं, जब पोलैंड ने व्यापार विवाद के कारण हथियारों की आपूर्ति रोक दी है।

पोलैंड ने यूक्रेन को दिया बड़ा झटका

इसी बीच यूक्रेन के पड़ोसी देश और नाटो मेंबर पोलैंड ने यूक्रेन को बड़ा झटका दिया है। उसने यू्क्रेन को हथियार मुहैया कराने के अपने पहले के फैसले को बदल दिया है। यूक्रेन के प्रमुख समर्थकों में से एक पोलैंड ने कहा कि वह अपने हथियारों की आपूर्ति पड़ोसी देश को करने पर रोक लगा रहा है क्योंकि वह स्वयं अपनी सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है। लेकिन उसने इनकार किया कि इस फैसले का संबंध यूक्रेन से अनाज के आयात पर अस्थाई रोक को लेकर उत्पन्न विवाद से है।(एएमएपी)