डॉ. संतोष कुमार तिवारी।
जनवरी 2021 में अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति पद ग्रहण करने वाले हैं। इसके पहले 45 राष्ट्रपति हो चुके हैं। अमेरिका कभी भी अपने 32वें राष्ट्रपति को भुला नहीं पाएगा। उनका नाम था फ्रैंकलीन डी. रूजवेल्ट (1882-1945)।
कमर के नीचे लकवा
वर्ष 1921 में रूजवेल्ट के कमर के नीचे के भाग में लकवा मार गया था। इस बीमारी में इनके दोनों पैर हमेशा के लिए बेकार हो गए थे। वह बगैर किसी सपोर्ट के खड़ा भी नहीं हो सकते थे। फिर भी उन्होंने चार बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता। वर्ष 1932, 1936, 1940 और 1944 के चुनावों में वह राष्ट्रपति पद के लिए चुने गये। वर्ष 1945 में उनका निधन हो गया। उनको ब्रेन हैमरेज हो गया था। उनके मस्तिष्क की नस फट गई थी।
अपने राष्ट्रपति काल के दौरान उन्होंने द्वितीय महायुद्ध (1939-1945) में अमेरिका का नेतृत्व भी किया। उनके निधन के कुछ समय बाद ये महायुद्ध समाप्त हो गया था।
‘न्यू डील’ कार्यक्रम
जब उन्होंने पहली बार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था, तब अमेरिका भयंकर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था। अमेरिकी इतिहास में यह सबसे बड़ी आर्थिक मंदी थी। उन्होंने देश को इस मंदी से उबारने के लिए अपना ‘न्यू डील’ कार्यक्रम चलाया।
राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होने वर्ष 1928 में न्यूयार्क के गवर्नर पद का चुनाव जीता था। उस समय भी वह अपने पैरों से लाचार थे और बगैर सपोर्ट के खड़े नहीं हो सकते थे। वह 1929 से 1933 तक न्यूयार्क के गवर्नर रहे।
कानून बदला गया
मृत्यु तक वह राष्ट्रपति पद पर रहे। वह जीवट के व्यक्ति थे, अद्भुत साहसी थे। रूज़वेल्ट अमेरिका के पहले और अकेले राष्ट्रपति थे जिन्होंने दो बार से अधिक इस पद की शोभा बढ़ाई। उसके बाद अमेरिका में कानून बदला गया कि अब कोई दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता।
हालांकि रूज़वेल्ट अपने पैरों पर बगैर सपोर्ट के खड़े नहीं हो सकते थे, फिर भी उनकी पत्नी एलिनोर रूज़वेल्ट (1884 – 1962) उनको हमेशा सपोर्ट देती रहीं। उनका विवाह वर्ष 1905 में हुआ था। फ्रैंकलीन डेलानो रूजवेल्ट की सफलता में उनकी पत्नी का भी बहुत बड़ा हाथ है। अमेरिका के इतिहास में वह सबसे अधिक समय तक देश की ‘फर्स्ट लेडी’ रहीं।
उनके छह बच्चे थे जिनमें से एक का अल्प आयु में ही निधन हो गया था।
(लेखक झारखण्ड केन्द्रीय विश्व विद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं।)