अन्‍ना ने जताया दुख, कहा- जो कभी उनके साथ शराब के खिलाफ थे वो शराब नीति बनाने लगे

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अन्ना हजारे इन दिनों अहमद नगर (महाराष्ट्र) में हैं। मीडिया से बातचीत में अन्ना हजारे ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को उनके कर्मों का फल बताया है। अन्ना हजारे ने यह भी याद किया कि कभी केजरीवाल उनके साथ शराब के खिलाफ आवाज उठाते थे। अन्ना ने इस बात का दुख जाहिर किया कि जो कभी उनके साथ शराब के खिलाफ काम करते थे वह शराब नीति बनाने लगे।

प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का कहना है, “मुझे बहुत दुख हुआ कि अरविंद केजरीवाल जैसा आदमी जो मेरे साथ काम करता था। शराब के बारे में हम लोगों ने आवाज उठाई थी, वह आज शराब नीति बना रहा है। इसका मुझे दुख हुआ। लेकिन करेगा क्या, सत्ता के सामने कुछ नहीं चलता। आखिर उसको जो गिरफ्तार किया गया वह उनकी कृति से हुआ। हम यह बातें नहीं करते तो गिरफ्तारी का प्रश्न नहीं होता। जो हुआ है वह कानूनी के तौर पर जो होगा वह होगा, वह सरकार देखेगी। वह सोचेगी।”

कभी केजरीवाल ने अन्‍ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई थी आवाज

उल्लेखनीय है कि अन्ना हजारे एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने, सरकारी पारदर्शिता बढ़ाने और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार की जांच करने और दंडित करने के लिए आंदोलनों का नेतृत्व किया। जमीनी स्तर के आंदोलनों को संगठित करने और प्रोत्साहित करने के अलावा अन्ना हजारे ने अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए अक्सर भूख हड़तालें कीं। साल 2011 में अन्ना हजारे ने भ्रष्टचार के खिलाफ जंग छेड़ी थी और केजरीवाल इस जंग में उनके साथ डट कर खड़े रहे। उस समय अरविंद केजरीवाल के साथ किरण बेदी, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया ने भी अन्ना हजारे के साथ इस आंदोलन में शामिल थे लेकिन अन्ना हजारे के बाद केजरीवाल आंदोलन का मुख्य चेहरा बनकर उभरे। इसके बाद केजरीवाल ने अपनी पार्टी का गठन किया और 24 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी बनाई गई।

भाजपा ने भी साधा निशाना, कहा- कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ेगा

भारतीय जनता पार्टी ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जमकर निशाना साधा। भाजपा ने कहा कि उन्हें कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ेगा। अगर आम आदमी पार्टी के नेता भ्रष्ट हैं तो उन्हें जेल जाना ही होगा। कानून से ऊपर कोई नहीं है। कानून सभी के लिए सामान रूप से काम करता है। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचारियों के नेता हैं। जो भी इनके पक्ष में बोल रहे हैं चाहे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हो , या फिर लालू प्रसाद यादव सभी जमानत पर बाहर हैं। सब चोर चोर मौसेरे भाई हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में हैं। उन्होंने कहा कि जिस शराब नीति को लेकर यह दावा किया गया था कि इससे दिल्ली का खजाना भर जाएगा, जब सीबीआई जांच शुरू हुई तो उसे वापस ले लिया गया और फिर सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इससे दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है तो उन्हें सजा मिलेगी

संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है तो उन्हें देश का कानून के तहत सजा मिलेगी। देश का कानून मुख्यमंत्री के लिए भी है और आम आदमी के लिए भी वही कानून है। दिल्ली की मंत्री आतिशी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पात्रा ने कहा कि कानून और कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है। कोर्ट पर तो विश्वास होना चाहिए। वे बार -बार कोर्ट भी गए वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। शराब घोटाले में उनके मंत्री मनीष सिसोदिया, संजय सिंह जेल में है। ईडी और सीबीआई की जांच में जो तथ्य मिलें हैं जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने 338 करोड़ रुपये का मनी ट्रेल साबित किया है। कल दिल्ली हाईकोर्ट ने जो कहा वो बहुत महत्वपूर्ण है।

शराब नीति में आप नेताओं को दिया कमीशन

शराब घोटाले की क्रोनोलोजी को समझाते हुए संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल नवंबर 2021 में दिल्ली में नई शराब नीति लेकर आए जिससे दिल्ली का खजाना करोड़ों रुपये से भर जाएगा। बिना सरकारी मंजूरी और कानून को ताक पर रख कर नई शराब नीति लेकर आए। जुलाई 2022 में दिल्ली के सचिव ने कहा कि इस नीति में गड़बड़ी है। सीबीआई जांच के आदेश दिए गए। फिर आनन फानन में केजरीवाल ने शराब नीति को वापस ले लिया । उस वक्त उनसे पूछा गया कि अगर यह कमाल की नीति थी तो इसे वापस क्यों ले लिया गया। फिर इस मामले में 19 अगस्त 2022 को उस समय के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर रेड होती है। ईडी ने जांच की तो साबित हुआ कि मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। शराब कंपनियों का समूह बनाया गया है और उन्हें लाभ पहुंचाने का काम किया गया है। नीति में कमीशन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया । इसमें 6 प्रतिशत वापस आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिया गया।(एएमएपी)