ब्लड कैंसर से पीड़ित पूर्व भारतीय क्रिकेटर का निधन।
23 सितम्बर 1952 को जन्मे पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच अंशुमन गायकवाड़ का 31 जुलाई 2024 को निधन हो गया। गायकवाड़ ब्लड कैंसर से पीड़ित थे। पिछले महीने तक वह लंदन में थे। एईएसपीएन क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट में बताया गया कि गायकवाड़ ने 1975 से 1987 तक भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे खेले थे। इसके बाद वह चयनकर्ता बने और फिर उन्होंने भारतीय टीम के कोच का पदभार भी संभाला।
बतौर बल्लेबाज़ गायकवाड़ ने 70 टेस्ट पारियों में 1985 रन बनाए थे। जिसमें 1982-83 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उनके द्वारा खेली गई 201 रनों की पारी भी शामिल है, इस पारी में गायकवाड़ ने 671 मिनट तक बल्लेबाज़ी की थी। वो उस समय का सबसे धीमा प्रथम श्रेणी दोहरा शतक था।
उनके हिस्से में 1981 में जमैका में वेस्टइंडीज़ के खूंखार तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण के सामने खेली गई 81 रनों की पारी भी शामिल है। यह पारी उस दौर में खेली गई थी जब हेलमेट नहीं हुआ करते थे और ना ही एक ओवर में बाउंसर की संख्याओं पर कोई लगाम था। गायकवाड़ को एक बाउंसर खेलते हुए कान पर चोट भी लगी थी, जिसके बाद उनका उपचार हुआ था।
गायकवाड़ ने 1997 से 2000 के बीच दो बार भारतीय टीम के कोच की भूमिका भी निभाई थी। पहली बार वह कोच तब बने थे जब सचिन तेंदुलकर के दौर की शुरुआत हुई थी और बतौर कोच दोबारा उनकी वापसी मैच फ़िक्सिंग कांड के दौर के बीच में हुई थी जब कपिल देव ने कोच के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने इंडिपेंडेंस कप जीता था, इसके साथ ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2-1 से घरेलू श्रृंखला अपने नाम की थी। बतौर कोच उनकी वापसी के बाद सन् 2000 में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल खेला था, जहां उसे न्यूज़ीलैंड के हाथों हार मिली थी।
इसी महीने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कपिल देव और संदीप पाटिल के आग्रह के बाद गायकवाड़ के उपचार के लिए एक करोड़ रुपए की राशि भी दी थी।