राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। उन्‍होंने मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर गुजरात के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नजदीत आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में कहा कि पिछले कई दशकों से यह देखा गया है कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोग आतंकवाद के प्रति भी आंखें मूंद लेते हैं और मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े हो जाते हैं। उन्होंने ऐसी सोच के प्रति आगाह किया जो देश की एकता को खतरे में डालती है।

देश की एकता को बनाए रखने प्रयास हमेशा जारी रखें

वर्तमान और आगामी चुनावों के संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने उस गुट के प्रति आगाह किया जो पूरी तरह से सकारात्मक राजनीति से रहित है और असामाजिक और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में लिप्त है। मोदी ने कहा, “हमें विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश की एकता को बनाए रखने के लिए अपने प्रयास हमेशा जारी रखने होंगे। हम जिस भी क्षेत्र में हों, हमें उसमें अपना 100 प्रतिशत देना होता है। आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य देने का यही एकमात्र तरीका है।”

भारत की पहुंच से परे कोई लक्ष्य नहीं

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत की पहुंच से परे कोई लक्ष्य नहीं है।” सबका प्रयास की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने का जिक्र किया और कहा कि आज कश्मीर और देश के बाकी हिस्से के बीच खड़ी धारा 370 की दीवार ढह गई है और इससे सरदार साहब, जहां भी होंगे, प्रसन्न हुए होंगे।

देश के लिए सदी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि अगले 25 साल देश के लिए इस सदी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं क्योंकि इस अवधि के दौरान भारत को एक समृद्ध और विकसित देश बनना है। उन्होंने देश के लिए समर्पण की उसी भावना का आह्वान किया जो आजादी से ठीक पहले 25 वर्षों में देखी गई थी। उन्होंने विश्व में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हमें गर्व महसूस हो रहा है क्योंकि हम सबसे बड़े लोकतंत्र के कद को एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।” उन्होंने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, स्वदेशी रक्षा उत्पादन और प्रमुख वैश्विक कंपनियों और खेलों में भारतीयों द्वारा प्रदान किए जा रहे वैश्विक कॉर्पोरेट नेतृत्व में भारत की मजबूत स्थिति का उल्लेख किया।

गुलामी की मानसिकता को त्यागने का संकल्प

प्रधानमंत्री ने आगे बढ़ने और गुलामी की मानसिकता को त्यागने के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि भारत बढ़ भी रहा है और अपनी विरासत को बचाकर भी रख रहा है।’ उन्होंने नौसेना ध्वज से औपनिवेशिक प्रतीक चिन्ह को हटाने, औपनिवेशिक काल के अनावश्यक कानूनों को हटाने, आईपीसी को प्रतिस्थापित करने और इंडिया गेट पर औपनिवेशिक प्रतिनिधियों की जगह लेने वाली नेताजी की प्रतिमा का उल्लेख किया।

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प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध का भी उल्लेख किया जो 5-6 दशकों से लंबित था लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पूरा हुआ। उन्होंने केवड़िया-एकता नगर के बदलाव को संकल्प से सिद्धि का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “आज एकता नगर को वैश्विक हरित शहर के रूप में पहचाना जाता है।” विभिन्न पर्यटक आकर्षणों के अलावा, प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 6 महीनों में ही एकता नगर में 1.5 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। इलाके में पहले से ही मजबूत सौर ऊर्जा उत्पादन और शहरी गैस वितरण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एकता नगर में एक हेरिटेज ट्रेन का आकर्षण जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में 1.5 करोड़ से अधिक पर्यटक आए हैं, जिससे स्थानीय आदिवासी समुदायों को रोजगार के अवसर मिलने में मदद मिली है।

आंतरिक सुरक्षा के प्रति लौह पुरुष सरदार साहब की अटूट चिंता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इस संबंध में पिछले 9 वर्षों में उठाए गए कदमों को सूचीबद्ध किया और बताया कि कैसे विनाश की ताकतों को पहले जैसी सफलता से वंचित करके चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला किया जा रहा है। उन्होंने देश की एकता पर हो रहे हमलों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत पर बल दिया। (एएमएपी)