राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके बेटे वैभव गहलोत को प्रवर्तन निदेशालय के समन भेजने और राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर छापेमारी मारने के एक्शन पर पलटवार किया है. ED की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश के हालात अब चिंताजनक हो गए हैं और देश में सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. गहलोत ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘ये जो हालात बना रखे हैं, इससे हम घबराने वाले नहीं हैं. ये इनको गलतफहमी है. अभी हम और गारंटी देने वाले हैं. पांच और गारंटी देने वाले हैं. उनको तैयारी कर लेनी चाहिए और पांच और नेताओं को चुन लेना चाहिए. ताकि कल हम जब गारंटी दें तो वो पहले से ही तय कर लें की परसों उन पांचों के घर पर छापा मार सकें.’

हमारी गारंटियों से घबराकर बौखला गई है भाजपा

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि शेखावटी की धरती पर कल कांग्रेस ने आगामी चुनाव के लिए दो गारंटियां दीं। पहली गारंटी परिवार की महिला मुखिया को हर साल 10 हजार रुपये और दूसरी गारंटी 1.4 करोड़ परिवारों को 500 रुपये में सिलेंडर की, और आज बौखलाहट में केन्द्र की भाजपा सरकार ने हमारे दो नेताओं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और किसान पुत्र गोविन्द सिंह डोटासरा और कांग्रेस प्रत्याशी ओम प्रकाश हुडला के घर चुनावी विंग की तरह काम कर रही ईडी को भेज दिया। अब मेरे पुत्र वैभव को ईडी ने नोटिस दे दिया और दिल्ली बुलाया है। उन्होंने कहा कि अब मैं कल पांच और गारंटियां अनाउंस करने जा रहा हूं, उम्मीद करता हूं कि परसों कम से कम पांच कांग्रेस नेताओं के घर पर केन्द्रीय एजेंसियों की रेड होगी। भाजपा की कोशिश है कि हमारी राहत वाली योजनाओं और घोषणाओं को किस तरह से रोका जाए और उनके लोग इसके लिए वो पूरी तरह काम कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि ईडी के लोगों ने राजस्थान में ही किराये पर मकान ले लिए होंगे और अपनी फैमिली को भी यहां शिफ्ट कर लिया होगा क्योंकि अब तो उन्हें यहां ही 25 नवंबर तक लगे रहना है।

संजीवनी घोटाले पर कार्रवाई के लिए छह पत्र लिखे थे, उनका क्या हुआ

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की एसओजी ने संजीवनी घोटाले पर कार्रवाई करने के लिए ईडी को 6 बार पत्र लिखे। मैं याद दिलाना चाहता हूं कि यह पत्र एसओजी ने वर्ष 2021 से 2023 के बीच लिखे। संजीवनी घोटाले पर कार्रवाई का अनुरोध किया गया था, उनका क्या हुआ? शायद इन छह पत्रों में उपलब्ध करवाई गई जानकारी के आधार पर वो कार्रवाई करना भूल गए हैं या उन्हें राजस्थान आने में आलस आया होगा पर अब क्योंकि वे यहीं रहने लगे हैं तो संजीवनी घोटाले पर भी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि इस घोटाले के आरोपी तो अब हाईकोर्ट में एसओजी के चालान पर स्टे लेने पहुंच रहे हैं, ईडी जल्दी कार्रवाई कर ले नहीं तो वो ईडी की कार्रवाई पर भी स्टे लेने ना चले जाएं।

विपक्षी दल कर रहे हैं ईडी का स्वागत

सीएम गहलोत ने कहा कि विपक्ष की पार्टियां अब ईडी का स्वागत कर रही हैं, क्योंकि यह उनकी चुनावी जीत का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि बीते सालों में जहां-जहां चुनाव हुए हैं, वहां एक स्पष्ट पैटर्न दिख रहा है। जहां केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई ज्यादा होने लगे वहां समझ जाइए कि विपक्षी पार्टी की सरकार बन रही है। बंगाल में केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई हुई, टीएमसी की सरकार बनी। हिमाचल में केन्द्रीय एजेंसियों ने हमारे नेताओं को परेशान किया तो कांग्रेस की सरकार बनी। कर्नाटक में केन्द्रीय एजेंसियों ने हमारे नेताओं को परेशान किया, वहां के पीसीसी चीफ को इसी ईडी ने तंग किया तो वहां हमारी सरकार बनी। अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय एजेंसियां बार-बार आ रही हैं और हर बार हमारी सीटों की संख्या बढ़ती जा रही है। हम जानते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा और कांग्रेस विजय की ओर आगे बढ़ेगी, केन्द्र की भाजपा सरकार ऐसे और कदम उठाएगी। ऐसी कार्रवाइयों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विजय और राजस्थान में भाजपा के सफाये का संकल्प और मजबूत होगा।

इससे पहले गहलोत ने ट्वीट कर साधा था निशाना

छापों की खबर आते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 25 अक्टूबर को कांग्रेस ने महिलाओं के लिए गारंटी लॉन्च की। वहीं, 26 अक्टूबर को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के यहां ईडी की रेड हुई। मेरे बेटे वैभव को हाजिर होने का समन मिला है। अब आप समझ सकते हैं कि जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ईडी की रेड रोज इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके।

वैभव गहलोत से इन मुद्दों पर होगी पूछताछ!

ईडी ने वैभव गहलोत को समन जारी किया है। इस दौरान वे उनकी प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप पर सवाल होंगे। इसके साथ ही वे जिन फर्मों में निदेशक, एमडी और ट्रस्टी हैं, उनसे जुड़े सवाल रहेंगे। 2007 से अब तक के खुद के और परिवार की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी सवालों में घिरा है। उनके भारत के बाहर के व्यवसाय की जानकारी के साथ ही 2007 के बाद के ट्रांजेक्शन की जानकारी भी ली जाएगी। ट्रायटन होटल एंड रिजॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड, वर्धा एंटरप्राइज, नोबेल इंडिया कंस्ट्रक्शन, मयंक शर्मा EPL कंपनी, हितेश, अशोक और नरेंद्र सहित कई मुद्दों पर बातचीत होगी।

‘मीणा बोले 500 करोड़ पड़े हैं और ED पहुंच गई’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर ED की रेड को लेकर भी केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. उन्होंने ED की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक पार्टी के प्रमुख के घर पर रेड मारने के मायने होते हैं. उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा कहते हैं कि 500 करोड़ पड़े हैं तो इतना सुनते ही ED भी रेड मारने पहुंच जाती है. गहलोत का कहना है कि डोटासरा राजनीति अच्छे ढंग से कर रहे हैं तो उन्हें टारगेट बनाया जा रहा है।

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गहलोत ने कहा कि चुनावी राज्यों में ED गैर बीजेपी दलों को परेशान कर रही है. उन्होंने उनके बेटे वैभव गहलोत को भेजे समन पर भी जवाब दिया. गहलोत ने कहा कि वैभव गहलोत पर कार्रवाई कर सीधे-सीधे उन्हें टारगेट करने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री गहलोत का कहना है कि क्योंकि बीजेपी राजस्थान में उनकी सरकार नहीं गिरा सकी, इसलिए वो अब एजेंसियों के जरिए ये सब कार्रवाई कर रही है।

‘जहां होते हैं चुनाव, वहां शुरू हुई ये नई परंपरा’

प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत के साथ राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौजूद थे. रंधावा ने ED की इस कार्रवाई को लेकर कहा कि आज लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. रंधावा ने बताया कि ये राजस्थान और कांग्रेस शासित राज्यों में नई परंपरा शुरू की जा रही है. खासकर जिन राज्यों में चुनाव हो रहे होते हैं. रंधावा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन सब से डरने वाली नहीं है।

गहलोत, कांग्रेस के अन्य नेता ईडी की कार्रवाई का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं: भाजपा

भाजपा की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस द्वारा राजस्थान में उसके नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर केंद्र की आलोचना करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राज्य में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने में जांच एजेंसियों की मदद लेने का आरोप लगाने के बाद आई है। प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर प्रश्न पत्र लीक मामले में धन शोधन से जुड़े एक मामले की जांच के तहत छापा मारा और विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को तलब किया। गहलोत ने ईडी की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि देश में आतंक फैलाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ईडी के छापों के जरिए उन्हें निशाना बना रही है क्योंकि वे उनकी सरकार को सत्ता से नहीं हटा सकते। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री गहलोत के आरोपों को ‘निराधार’ बताया। उन्होंने कहा कि गहलोत और कांग्रेस के अन्य नेता ‘हताशा’ में जांच एजेंसी की कार्रवाई का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”अशोक गहलोत भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई से हताश हैं क्योंकि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें तोड़ दी हैं। उनकी अपनी पार्टी के नेताओं, विधायकों, सलाहकारों और मंत्रियों ने कहा है कि यह सदी की सबसे भ्रष्ट सरकार है।”

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शेखावत ने कहा कि राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की कई घटनाएं हुईं, जिससे लाखों युवाओं का भविष्य अंधकार में पड़ गया लेकिन गहलोत सरकार, उनकी सरकार के ‘अधिकारियों और राजनीतिक व्यक्तियों’ की संलिप्तता से इनकार करते हुए ‘भ्रष्टाचार’ पर पर्दा डालती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री गहलोत इस मामले में नेताओं और अधिकारियों को ‘क्लीन चिट’ दे रहे हैं और इसकी जांच रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, ”राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के सेवानिवृत्त प्रमुख बी.एल. सोनी ने स्वीकार किया था कि सरकार उन्हें बड़ी मछलियों को पकड़ने से रोकती थी। अब जब ईडी ने बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है तो निश्चित रूप से सरकार में बैठे लोगों को अपने पैरों तले की जमीन हिलती हुई लग रही है।”

उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई से उन पुरुषों और महिलाओं में न्याय की उम्मीद जगी है जिन्हें राज्य में कई परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का पहले दिन से ही यह संकल्प है कि हम किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी।   (एएमएपी)