अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का कटा टिकट

हांगझोऊ एशियाई खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। स्वर्ण पदक के मुकाबले में भारत ने 2018 के स्वर्ण पदक विजेता जापान को 5-1 से हरा दिया। इस जीत के साथ टीम इंडिया ने हॉकी में नौ साल बाद इन खेलों में स्वर्ण हासिल किया है। पिछली बार एशियाई खेलों में भारत ने 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था। भारत का एशियाई खेलों में ये चौथा पीला तमगा है। शानदार फॉर्म में चल रही टीम इंडिया ने चौथी बार पीला तमगा जीतकर अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक का टिकट भी कटाया है। भारतीय टीम अब 1966, 1998, 2014 और 2023 में स्वर्ण पदक जीत चुकी है, जबकि नौ रजत और दो कांस्य भी जीते हैं।

टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत ने नौ साल बाद एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है। भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह (32वां और 59वां मिनट), अभिषेक (48वां मिनट), अमित रोहिदास (36वां) और मनप्रीत सिंह (25वां) ने गोल किए। जापान के लिए एकमात्र गोल एस तनाका ने 51वें मिनट में दागा। पहले क्वार्टर में दोनों टीमों ने रक्षात्मक खेल दिखाया। भारत को 15वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन अमित रोहिदास की फ्लिक सीधे जापान के गोलकीपर के सामने गई।

दूसरे क्वार्टर में भारतीयों ने लगातार हमले बोले, जिसका फायदा तीसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन इस बार भी रोहिदास निशाना चूक गए। भारत का खाता 25वें मिनट में मनप्रीत ने खोला। ललित उपाध्याय सर्कल के भीतर गेंद लेकर गए और नीलाकांता शर्मा को सौंपी, जिन्होंने सर्कल पर खड़े मनप्रीत को गेंद थमाई और उन्होंने सटीक निशाना साधकर गेंद गोल के भीतर डाल दी।

मैदानी अंपायर ने उछाल के कारण गोल अमान्य करार दिया लेकिन भारत ने वीडियो रेफरल लिया और फैसला भारतीय टीम के पक्ष में रहा। भारत ने तीसरे क्वार्टर में पेनल्टी कॉर्नर पर दो गोल दागे। हरमनप्रीत ने 32वें मिनट में और रोहिदास ने चार मिनट बाद ये गोल किए। चौथे क्वार्टर में अभिषेक ने तीसरे मिनट में और हूटर से एक मिनट पहले हरमनप्रीत ने गोल करके भारत की शानदार जीत तय कर दी।(एएमएपी)