गोवा में 78.94 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 61.8 फीसदी और उत्तराखंड में 59.51 फीसदी वोट पड़े।
आपका अखबार ब्यूरो।
पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावके मद्देनजर सोमवार को गोवा और उत्तराखंड में एक ही चरण में मतदान संपन्न हो गया। जबकि उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण का मतदान पूरा हो गया। यहां मतदान के सात चरण में से अब पांच चरण बाकी रह गए हैं। गोवा में 40, उत्तराखंड में 70 और उत्तर प्रदेश में 55 सीटों के लिए वोट डाले गए।
गोवा में बंपर वोटिंग
उत्तर प्रदेश, गोवा और उत्तराखंड की वोटिंग के आंकड़े आ गए हैं। गोवा की सभी 40 सीटों के लिए हुई वोटिंग में मतदाताओं का भारी उत्साह देखने को मिला। गोवा में 78.94 फीसदी की बंपर वोटिंग हुई। फिर भी 2017 की तुलना में 3.7 फीसदी कम रही।इसी तरह उत्तराखंड की सभी 70 सीटों के लिए हुए मतदान में 59.51 फीसदी वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो पिछले चुनाव की तुलना में 6.1 फीसदी कम रहा। जबकि यूपी में हुए दूसरे चरण के मतदान में 61.8 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। इस चरण की सीटों पर 2017 के चुनाव में 65.7 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस लिहाज से इस बार इन सीटों पर 3.9 फीसदी कम वोट पड़े। हालांकि ये अंतिम आंकड़े नहीं हैं। इसमें थोड़ा बहुत फेरबदल संभव है।
तीनों राज्यों की कुल 165 विधानसभा सीटों पर 1519 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई।उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के तहत 9 जिलों (बिजनौर, सहारनपुर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर) की 55 सीटों के लिए वोट डाले गए।उत्तराखंड की सभी 70 सीटों के लिए हुए मतदान में मतदाताओं ने 632 प्रत्याशियों की किस्मत को ईवीएम में कैद कर दिया। वहीं गोवा में सभी 40 सीटों पर कुल 301 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।परंपरागत रूप से दो ध्रुवीय राजनीति वाले राज्यगोवा में इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिला। यहां इस बारसत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी कांग्रेस और अन्य स्थानीय दलों के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) औरतृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी चुनावी परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ने की होड़ दिखाई।
गोवा के प्रमुख उम्मीदवार
गोवा विधानसभा चुनाव के प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (भाजपा), विपक्ष के नेता दिगंबर कामत (कांग्रेस), पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ (टीएमसी), रवि नाइक (भाजपा), लक्ष्मीकांत पारसेकर (निर्दलीय), पूर्व उप मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई (जीएफपी), सुदीन धवलीकर (एमजीपी), पूर्व रक्षा मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर और आप का मुख्यमंत्री चेहरा अमित पालेकर शामिल हैं। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की थी, जबकि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) अपने दम पर चुनाव लड़ रही है।
यूपी में ये दिग्गज मैदान में
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण की 55 सीटों में से भाजपा ने 2017 में 38 सीटें जीती थीं, जबकि सपा को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। सपा और कांग्रेस ने पिछला विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था। दूसरे चरण में प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के अलावा मंत्री बलदेव सिंह ओलख और गुलाब देवी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इस चरण में प्रमुख चेहरों में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी शामिल हैं, जो भाजपा छोड़कर सपा में चले गए थे।वे नकुड़ सीट से उम्मीदवार हैं। वहीं जेल में बंद सपा नेता आजम खान अपने गढ़ रामपुर से और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से मैदान में हैं।
उत्तराखंड के महत्वपूर्ण उम्मीदवार
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जिन महत्वपूर्ण उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला होना है, उनमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उनके कैबिनेट सहयोगी सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, धन सिंह रावत और रेखा आर्य के अलावा भाजपा की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष मदन कौशिक शामिल हैं। कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री यशपाल आर्य, कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष गणेश गोदियाल और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह शामिल हैं।वर्ष2017 के चुनाव में भाजपा ने 57, कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे।