5.25 करोड़ से भी अधिक हुए नामांकन।
कब शुरू की गई थी यह योजना ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अटल पेंशन योजना का शुभारंभ 09 मई 2015 को किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों, विशेष तौर पर असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा प्रदान करना है। एपीवाई के तहत अंशदाता को 60 वर्ष की आयु से उनके योगदान के आधार पर आजीवन न्यूनतम गारंटीशुदा पेंशन 1,000 रुपये से 5 हजार रुपये प्रतिमाह तक मिलेगी।
तेजी से लोकप्रिय हो रही अटल पेंशन योजना
आज यह योजना भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना बन चुकी है। अटल पेंशन योजना पूरे देश में व्यापक रूप से लागू है, जिसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया गया है। इतने कम समय में इस योजना की बढ़ती लोकप्रियता इसके लगातार बढ़ रहे नामांकनों में झलक रही है।
नए नामांकन में 20% की वृद्धि दर्ज
जी हां, योजना के अंतर्गत अभी तक कुल 5.25 करोड़ से अधिक नामांकन दर्ज किए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में नए नामांकन में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में नए नामांकन में 25% की वृद्धि दर्ज की गई थी।
अब तक 8.92% का निवेश रिटर्न किया अर्जित
केवल इतना ही नहीं, अब तक एपीवाई में प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्ति (एयूएम) 28,434 करोड़ रुपये से भी अधिक आंकी गई है और इस योजना ने अपने शुभारंभ से लेकर अब तक 8.92% का निवेश रिटर्न अर्जित किया है। सार्वजनिक एवं निजी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, पेमेंट बैंकों, लघु वित्त बैंकों, डाक विभाग के अथक प्रयासों, और राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों द्वारा दिए गए व्यापक सहयोग के बिना समाज के सबसे कमजोर वर्गों को पेंशन के दायरे में लाने का यह कार्य संभव नहीं हो सकता था।
ये लोग खुलवा सकते हैं एपीवाई खाता
नया एपीवाई खाता 18-40 वर्ष की आयु वाले किसी भी ऐसे भारतीय नागरिक द्वारा खोला जा सकता है, जिसके पास बचत बैंक खाता है और जो आयकरदाता नहीं है। एपीवाई के तहत संबंधित ग्राहक को 60 वर्ष की आयु से प्रति माह 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक आजीवन न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन प्राप्त होगी, जो कि उसके योगदान पर निर्भर करेगी। यह संबंधित ग्राहक या अभिदाता के स्वयं एपीवाई योजना में शामिल होने की उम्र के आधार पर अलग-अलग होगी। संबंधित ग्राहक या अभिदाता की मृत्यु हो जाने के बाद अभिदाता के पति/पत्नी को समान पेंशन का भुगतान किया जाएगा और अभिदाता तथा पति/पत्नी दोनों की ही मृत्यु हो जाने पर संबंधित अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक संचित पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।(एएमएपी)